तृणमूल सांसद महुआ मोइत्रा ने संकटग्रस्त अदाणी समूह के लिए राज्य द्वारा संचालित जीवन बीमा निगम के जोखिम के जवाब के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पर दबाव डाला है. उन्होंने शुक्रवार सुबह ट्वीट किया, “एलआईसी इंडिया को अब तक अदाणी के शेयरों में ₹3,200 करोड़ का घाटा, निर्मला सीतारमण… भारतीय जनता की कीमत पर अदाणी को समर्थन देने का क्या दबाव है? हमें जवाब चाहिए.”
₹3200 cr loss in Adani shares for @LICIndiaForever so far.@nsitharaman #IRDAI what pressure is there to support Adani at cost of Indian public?
— Mahua Moitra (@MahuaMoitra) February 24, 2023
We need answers. pic.twitter.com/wU3Ge9XC9s
साथ ही शेयर किये गए स्क्रीनशॉट में एक समाचार रिपोर्ट दिखाई गई थी जिसमें कहा गया था कि ‘अदाणी समूह की पांच बड़ी कंपनियों में राज्य के स्वामित्व वाली जीवन बीमा निगम (एलआईसी) की शेयरधारिता का बाजार मूल्य पहली बार इसके खरीद मूल्य से नीचे गिर गया है’. रिपोर्ट में विचाराधीन पांच कंपनियों की पहचान अदानी एंटरप्राइज, टोटल अदानी गैस, अदानी ग्रीन एनर्जी, अदानी ट्रांसमिशन और अदानी पोर्ट्स के रूप में की गई है.
संयुक्त राज्य अमेरिका स्थित लघु-विक्रेता हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट में ‘बेशर्म स्टॉक हेरफेर और लेखा धोखाधड़ी’ का आरोप लगाने के बाद से गौतम अदाणी का समूह गंभीर जांच के दायरे में आ गया है. उस रिपोर्ट से भारत में एक बड़े पैमाने पर राजनीतिक तूफान आया और अदाणी समूह को अरबों का नुकसान हुआ है. इस हफ्ते इसकी 10 कंपनियों का संयुक्त इक्विटी बाजार मूल्य 100 अरब डॉलर से नीचे गिर गया और अदाणी दुनिया के सबसे अमीर व्यक्तियों की सूची में तेजी से नीचे गिर गया – 2 नंबर से 29 नंबर पर आ गए है.
अदाणी समूह ने किसी भी गलत काम से इनकार किया है और भयभीत निवेशकों और बाजारों को आश्वस्त करने के लिए कानूनी और संचार फर्मों को काम पर रखा है, साथ ही अपने कुछ बड़े ऋणों को चुकाया है. अदाणी विवाद पिछले कुछ हफ्तों में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी पर विपक्ष के हमलों का केंद्र रहा है, जिसमें कांग्रेस सांसद राहुल गांधी और महुआ मोइत्रा प्रमुख हैं. राहुल गांधी के संसद भाषण के कुछ हिस्सों को हटा दिया गया था, जब उन्होंने केंद्र में सत्ता में भाजपा और अदाणी, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गृह राज्य गुजरात से हैं, के बीच संबंधों का दावा किया था.
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