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मुआवजा व्यवस्था समाप्त होने से पहले GST टैक्स स्लैब में बड़े बदलाव की तैयारी, खत्म हो सकता है 5% का स्लैब

जीएसटी में 5, 12, 18 और 28 प्रतिशत के चार टैक्स स्लैब (Tax Slab) हैं. इसके अलावा, सोना और स्वर्ण आभूषणों पर तीन प्रतिशत टैक्स लगता है. इसके अतिरिक्त कुछ बिना ब्रांड (अनब्रांडेड) और बिना पैकिंग (अनपैक्ड) वाले उत्पाद हैं, जिन पर जीएसटी नहीं लगता है.

By Agency | April 17, 2022 8:05 PM
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नयी दिल्ली: माल एवं सेवा कर (GST) परिषद की अगले महीने होने वाली बैठक में पांच प्रतिशत के कर स्लैब को समाप्त करने के प्रस्ताव पर विचार किया जा सकता है. सूत्रों ने यह जानकारी देते हुए कहा कि इसके स्थान पर कुछ अधिक खपत वाले उत्पादों को तीन प्रतिशत और शेष को आठ प्रतिशत के स्लैब में डाला जा सकता है. ज्यादातर राज्य राजस्व बढ़ाने को लेकर एकराय रखते हैं, जिससे उन्हें मुआवजे के लिए केंद्र पर निर्भर नहीं रहना पड़े.

अभी हैं चार टैक्स स्लैब

फिलहाल जीएसटी में 5, 12, 18 और 28 प्रतिशत के चार टैक्स स्लैब (Tax Slab) हैं. इसके अलावा, सोना और स्वर्ण आभूषणों पर तीन प्रतिशत टैक्स लगता है. इसके अतिरिक्त कुछ बिना ब्रांड (अनब्रांडेड) और बिना पैकिंग (अनपैक्ड) वाले उत्पाद हैं, जिन पर जीएसटी नहीं लगता है. सूत्रों ने कहा कि राजस्व बढ़ाने के लिए परिषद कुछ गैर-खाद्य वस्तुओं को तीन प्रतिशत स्लैब में लाकर टैक्स छूट प्राप्त वस्तुओं की सूची में कटौती करने का निर्णय ले सकती है.

5 फीसदी को बढ़ाकर किया जा सकता है 7 या 8 या 9 फीसदी

सूत्रों ने कहा कि पांच प्रतिशत स्लैब को बढ़ाकर 7 या 8 या 9 प्रतिशत करने की चर्चा चल रही है. इस पर अंतिम निर्णय जीएसटी परिषद द्वारा लिया जायेगा. केंद्रीय वित्त मंत्री की अगुवाई वाली जीएसटी परिषद में सभी राज्यों के वित्त मंत्री शामिल हैं. गणना के अनुसार, पांच प्रतिशत स्लैब में प्रत्येक एक प्रतिशत की वृद्धि (जिसमें मुख्य रूप से पैकेज्ड खाद्य पदार्थ शामिल हैं) से मोटे तौर पर सालाना 50,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व प्राप्त होगा.

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अधिकांश वस्तुओं पर 8 फीसदी टैक्स संभव

हालांकि, विभिन्न विकल्पों पर विचार किया जा रहा है, लेकिन माना जा रहा है कि परिषद में अधिकांश वस्तुओं के लिए आठ प्रतिशत जीएसटी पर सहमति बनने की उम्मीद है. फिलहाल इन उत्पादों पर जीएसटी की दर पांच प्रतिशत है. जीएसटी के तहत आवश्यक वस्तुओं पर या तो सबसे कम कर लगाया जाता है या उन्हें कर से पूरी छूट मिलती है. वहीं, विलासिता और अहितकर वस्तुओं पर सबसे अधिक कर लगता है. इन पर 28 प्रतिशत टैक्स के साथ उपकर (Cess) भी लगता है.

जीएसटी मुआवजा व्यवस्था होगी समाप्त

उपकर संग्रह का इस्तेमाल राज्यों को जीएसटी को लागू करने से राजस्व में हुए नुकसान की भरपाई के लिए किया जाता है. जून में जीएसटी मुआवजा व्यवस्था समाप्त होने जा रही है. ऐसे में यह जरूरी हो जाता है कि राज्य आत्मनिर्भर बनें और जीएसटी संग्रह में राजस्व अंतर की भरपाई के लिए केंद्र पर निर्भर नहीं रहें.

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मंत्रियों का समूह अगले महीने देगा अपनी सिफारिशें

परिषद ने पिछले साल कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई की अध्यक्षता में राज्यों के मंत्रियों की एक समिति गठित की थी, जो टैक्स रेट को तर्कसंगत बनाकर और कर ढांचे में विसंगतियों को दूर करके राजस्व बढ़ाने के तरीके सुझायेगी. मंत्रियों का समूह अगले महीने की शुरुआत में अपनी सिफारिशें दे सकता है. जीएसटी परिषद की अगली बैठक मई के मध्य में होने की संभावना है, जिसमें मंत्री समूह की सिफारिशों को रखा जा सकता है.

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