Market Cap: BSE सेंसेक्स में सात कंपनियों का बाजार पूंजीकरण 62,279 करोड़ रुपये घटा, FPI निवेश भी पड़ा सुस्त
Market Cap: पिछले सप्ताह में रिलायंस इंडस्ट्रीज के अलावा टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस), आईसीआईसीआई बैंक, हिंदुस्तान यूनिलीवर, आईटीसी, भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) और भारती एयरटेल का बाजार मूल्यांकन घट गया.
Market Cap: सेंसेक्स की शीर्ष 10 में से सात कंपनियों के बाजार पूंजीकरण (मार्केट कैप) में बीते सप्ताह सामूहिक रूप से 62,279.74 करोड़ रुपये की गिरावट आई. सबसे अधिक नुकसान रिलायंस इंडस्ट्रीज को हुआ. समीक्षाधीन सप्ताह में रिलायंस इंडस्ट्रीज के अलावा टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस), आईसीआईसीआई बैंक, हिंदुस्तान यूनिलीवर, आईटीसी, भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) और भारती एयरटेल का बाजार मूल्यांकन घट गया. वहीं एचडीएफसी बैंक, इन्फोसिस और बजाज फाइनेंस की बाजार हैसियत में बढ़ोतरी हुई. सप्ताह के दौरान रिलायंस इंडस्ट्रीज का बाजार पूंजीकरण 38,495.79 करोड़ रुपये के नुकसान से 16,32,577.99 करोड़ रुपये पर आ गया. हिंदुस्तान यूनिलीवर का बाजार मूल्यांकन 14,649.7 करोड़ रुपये घटकर 5,88,572.61 करोड़ रुपये पर और भारती एयरटेल का 4,194.49 करोड़ रुपये की गिरावट के साथ 4,84,267.42 करोड़ रुपये रह गया. आईटीसी की बाजार हैसियत 3,037.83 करोड़ रुपये घटकर 5,50,214.07 करोड़ रुपये और आईसीआईसीआई बैंक की 898.8 करोड़ रुपये के नुकसान से 6,78,368.37 करोड़ रुपये रह गई.
बीएसई सेंसेक्स में 500.65 अंक की बढ़त रहा
टीसीएस का बाजार मूल्यांकन 512.27 करोड़ रुपये घटकर 12,36,466.64 करोड़ रुपये रह गया. एसबीआई की बाजार हैसियत में 490.86 करोड़ रुपये की गिरावट आई और यह 5,08,435.14 करोड़ रुपये रह गई. इस रुख के उलट एचडीएफसी बैंक का बाजार पूंजीकरण 10,917.11 करोड़ रुपये के उछाल से 11,92,752.19 करोड़ रुपये पर पहुंच गया. इन्फोसिस का मूल्यांकन 9,338.31 करोड़ रुपये के उछाल से 5,98,917.39 करोड़ रुपये रहा. बजाज फाइनेंस का बाजार पूंजीकरण 6,562.1 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी के साथ 4,43,350.96 करोड़ रुपये रहा. बीते सप्ताह बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 500.65 अंक या 0.77 प्रतिशत की बढ़त में रहा. शीर्ष 10 कंपनियों की सूची में रिलायंस इंडस्ट्रीज पहले स्थान पर कायम रही. उसके बाद क्रमश: टीसीएस, एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, इन्फोसिस, हिंदुस्तान यूनिलीवर, आईटीसी, एसबीआई, भारती एयरटेल और बजाज फाइनेंस का स्थान रहा.
भारतीय शेयरों में एफपीआई का निवेश सुस्त पड़ा
भारतीय शेयर बाजारों में पिछले तीन माह में जोरदार निवेश करने के बाद अब विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) के प्रवाह में सुस्ती आई है.कच्चे तेल की कीमतों में उछाल और मुद्रास्फीति का जोखिम फिर उभरने के बीच अगस्त में एफपीआई ने भारतीय शेयर बाजारों में 12,262 करोड़ रुपये डाले हैं. मॉर्निंगस्टोर इंडिया के एसोसिएट निदेशक-प्रबंधक शोध हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा कि एफपीआई पूरी तरह ‘यू-टर्न’ लेने के बजाय ‘देखो और इंतजार करो’ की नीति अपना रहे हैं.वैश्विक अर्थव्यवस्था में अनिश्चितता बनी हुई है और अंतर्निहित परिदृश्य तेजी से बदल रहा है. इससे एफपीआई के प्रवाह में उतार-चढ़ाव रहेगा. डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने अगस्त में भारतीय शेयरों में शुद्ध रूप से 12,262 करोड़ रुपये का निवेश किया है.इस आंकड़े में प्राथमिक बाजार और थोक सौदों के माध्यम से किया गया निवेश शामिल है.
चार महीने के निचले स्तर पर एफपीआई
भारतीय शेयरों में निवेश का एफपीआई का पिछले चार माह का सबसे निचला आंकड़ा है. इससे पिछले तीन महीनों में एफपीआई ने शेयरों में लगातार 40,000 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया था. जुलाई में एफपीआई का निवेश 46,618 करोड़ रुपये, जून में 47,148 करोड़ रुपये और मई में 43,838 करोड़ रुपये रहा था.इससे पहले अप्रैल में उनका निवेश 11,631 करोड़ रुपये और मार्च में 7,935 करोड़ रुपये था. हिमांशु श्रीवास्तव ने अगस्त में एफपीआई निवेश में आई गिरावट के लिए कच्चे तेल की ऊंची कीमतों और मुद्रास्फीति के जोखिमों के फिर उभरने को प्रमुख कारक बताया. उन्होंने कहा कि इसके अलावा अमेरिका में बॉन्ड प्रतिफल बढ़ने की वजह से भी एफपीआई जोखिम वाले बाजारों से अपना निवेश निकाल रहे हैं. उन्होंने कहा कि भारतीय शेयर बाजारों में लगातार तेजी की वजह से शेयरों का मूल्यांकन कुछ निवेशकों के संतोषजनक स्तर से ऊपर हो गया है.
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डॉलर में मजबूती से बाजार पर पड़ा असर
जियो फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा कि डॉलर में मजबूती तथा बढ़ते बॉन्ड प्रतिफल की वजह से अगस्त में एफपीआई ज्यादातर उभरते बाजारों में बिकवाल रहे हैं. एफपीआई ने शेयरों के अलावा पिछले महीने ऋण या बॉन्ड बाजार में भी 7,732 करोड़ रुपये का निवेश किया है.इसके साथ ही इस साल अब तक शेयरों में एफपीआई का कुल निवेश 1.35 लाख करोड़ रुपये और बॉन्ड बाजार में 28,200 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है.
(भाषा इनपुट के साथ)
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