कौन है वो लड़की जो संभालेगी रतन टाटा की कुर्सी, सायरस मिस्त्री से क्या है नाता?

Ratan Tata Successor: माया टाटा रतन टाटा के छोटे सौतेले भाई नोएल टाटा की बेटी और लैक्मे जैसी नामी-गिरामी कंपनी स्थापित करने वाली सिमोन टाटा की पोती हैं. माया टाटा का टाटा ग्रुप में प्रभाव बढ़ रहा है. अब वह धीरे-धीरे बड़ी जिम्मेदारियां संभालने के लिए तैयार हो रही हैं. वह टाटा संस की सालाना आम बैठक में हिस्सा भी लेती हैं.

By KumarVishwat Sen | August 5, 2024 12:26 PM

Ratan Tatas Successor: देश के सबसे बड़े परोपकारी और दिग्गज उद्योगपति रतन टाटा एक बार फिर सुर्खियों में छाए हुए हैं. इस बार उनके वारिस को लेकर चर्चा जोर-शोर से चल रही है. लोग-बाग यह जानना चाहते हैं कि रतन टाटा के बाद 150 साल पुराने और इतने बड़े टाटा ग्रुप की जिम्मेदारी किसके हाथों में सौंपी जाएगी. क्या कोई टाटा परिवार के बाहर का आदमी टाटा ग्रुप की कमान संभालेगा या फिर परिवार का ही कोई आदमी को ग्रुप का प्रमुख बनाया जाएगा. मीडिया में आ रही खबरों की मानें, तो रतन टाटा अपने ही परिवार की एक होनहार लड़की को इसके लिए तैयार कर रहे हैं. सबसे खास यह है कि इस लड़की का संबंध न केवल रतन टाटा के परिवार से है, बल्कि टाटा ग्रुप के पूर्व चेयरमैन दिवंगत सायरस मिस्त्री से भी है. इसका नाम माया टाटा है.

माया टाटा कौन हैं?

माया टाटा रतन टाटा के छोटे सौतेले भाई नोएल टाटा की बेटी और लैक्मे जैसी नामी-गिरामी कंपनी स्थापित करने वाली सिमोन टाटा की पोती हैं. सिमोन टाटा रतन टाटा के पिता नवल टाटा की पत्नी हैं. वे 1950 की दशक में जिनेवा से भारत घूमने आई थीं और यहां आने के बाद रतन टाटा के पिता नवल टाटा को अपना दिल दे बैठी थीं. 1960 के दशक में उनकी नवल टाटा के साथ शादी हो गई. नोएल टाटा नवल टाटा और सिमोन टाटा के बेटे हैं और उन्हीं की बेटी माया है.

माया टाटा का सायरस मिस्त्री के साथ संबंध क्या है?

माया की मां और नोएल टाटा की पत्नी का नाम अल्लू मिस्त्री है. अल्लू मिस्त्री भारत के प्रमुख अरबपति उद्योगपति पल्लोनजी मिस्त्री की बेटी हैं. सायरस मिस्त्री पल्लोनजी मिस्त्री के बेटे थे. इस लिहाज से अल्लू मिस्त्री उनकी बहन हैं और माया टाटा सायरस मिस्त्री की भानजी हुईं. पल्लोनजी परिवार की टाटा ग्रुप में सबसे बड़ी हिस्सेदारी है.

माया टाटा ने कहां तक पढ़ाई कीं?

रतन टाटा की भतीजी और नोएल टाटा की बेटी माया टाटा ब्रिटेन के बेयस बिजनेस स्कूल और यूनिवर्सिटी ऑफ वारविक से शिक्षा हासिल की हैं. रतन टाटा की सौतेली भतीजी ने टाटा कैपिटल की सहायक कंपनी टाटा ऑपर्च्युनिटीज फंड से जुड़कर व्यापार जगत में कैरियर की शुरुआत कीं. माया ने इस अनुभव का इस्तेमाल पोर्टफोलियो प्रबंधन और निवेशक संबंधों में अपने कौशल को प्रशिक्षित करने और विकसित करने के लिए किया. टाटा ऑपर्च्युनिटीज फंड के बंद होने के बाद माया टाटा ने डिजिटल वर्ल्ड के कामकाज को जानने-समझने के लिए टाटा डिजिटल को ज्वाइन कर लिया. टाटा डिजिटल में काम करते हुए माया ने टाटा न्यू ऐप को लॉन्च किया.

Also Read: गोल्ड लोन पर बोल्ड इंटरेस्ट, 10 तरह के चार्ज

टाटा ग्रुप में बढ़ रहा है माया का प्रभाव

इकोनॉमिक टाइम्स की एक र‍िपोर्ट के अनुसार, माया टाटा का टाटा ग्रुप में प्रभाव बढ़ रहा है. र‍िपोर्ट में कहा गया है क‍ि अब वह धीरे-धीरे बड़ी जिम्मेदारियां संभालने के लिए तैयार हो रही हैं. वह टाटा संस की सालाना आम बैठक में हिस्सा भी लेती हैं. इस सालाना बैठक में उनकी भूम‍िका को देखने के बाद कयास यह लगाया जा रहा है कि रतन टाटा ने 150 साल पुराने टाटा ग्रुप की कमान माया टाटा के हाथ में सौंपने की तैयारी शुरू कर दी है और आने वाले दिनों में वह टाटा संस की प्रमुख बन सकती हैं.

Also Read: ये क्या करने जा रहे गौतम अदाणी, किसे सौंप देंगे अपना बिजनेस अंपायर?

Next Article

Exit mobile version