ASEAN FM Meeting 2022 : विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा, आसियान ने हिंद-प्रशांत में आर्थिक संरचना की रखी नींव

नई दिल्ली में 16-17 जून को आसियान देशों के विदेश मंत्रियों की दो दिवसीय सम्मेलन आयोजित किया गया है. सम्मेलन के पहले दिन गुरुवार को भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने उद्घाटन सत्र को संबोधित किया. भारत इस दो दिवसीय सम्मेलन का मेजबान देश है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 16, 2022 1:41 PM

ASEAN Foreign Ministers Meeting 2022 Today : भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गुरुवार को दिल्ली में आयोजित आसियान देशों के विदेश मंत्रियों की दो दिवसीय सम्मेलन के पहले दिन अपने संबोधन में कहा कि भारत एक मजबूत, एकजुट और समृद्ध आसियान का समर्थन करता है, जिसकी हिंद-प्रशांत में केंद्रीयता को पूरी तरह से मान्यता प्राप्त है. उन्होंने कहा कि बेहतर तरीके से एक-दूसरे से जुड़े भारत और आसियान विकेंद्रीकृत वैश्वीकरण, लचीली और विश्वसनीय आपूर्ति शृंखलाओं को बढ़ावा देने के लिए अच्छी स्थिति में होंगे.

दिल्ली में दो दिवसीय आसियान सम्मेलन

बता दें कि दिल्ली में गुरुवार से दक्षिणपूर्व एशियाई देशों के संघ (आसियान) विदेश मंत्रियों के दो दिवसीय (16-17 जून) सम्मेलन का आयोजन किया गया है. यह सम्मेलन शुक्रवार तक चलेगा. आसियान में दक्षिण एशिया के 10 प्रभावशाली देश शामिल हैं. दक्षिण एशिया में आसियान को सबसे अधिक प्रभावशाली समूह माना जाता है. इसमें भारत, अमेरिका, चीन, जापान और ऑस्ट्रेलिया समेत कई दूसरे देश इसके संवाद साझेदार हैं.

महामारी के बाद बहुत कुछ करना अभी बाकी

भारत के विदेश मंत्री आसियान देशों के दो दिवसीय सम्मेलन के उद्घाटन सत्र के दौरान कहा कि बेहतर तरीके से एक-दूसरे से जुड़े भारत और आसियान विकेंद्रीकृत वैश्वीकरण, लचीली और विश्वसनीय आपूर्ति श्रृंखलाओं को बढ़ावा देने के लिए अच्छी स्थिति में होंगे. कोरोना महामारी का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि यह पूरी तरह खत्म नहीं हुई है और जब हम महामारी के बाद बहाली की बात करते हैं, तो काफी कुछ किया जाना बाकी है.

यूक्रेन युद्ध से वस्तुओं की कीमतों में आई तेजी

उन्होंने कहा कि भू-राजनीतिक अस्थिरता की वजह से यह रास्ता और भी कठिन हो गया है, जिसका सामना हमें यूक्रेन के घटनाक्रम और इसके खाद्य एवं ऊर्जा सुरक्षा पर पड़े प्रभाव के रूप में देखने को मिला है. उन्होंने कहा कि यूक्रेन घटनाक्रम की वजह से रासायनिक खाद, आवश्यक वस्तुओं और साजोसामान की कीमतों में बढ़ोतरी और सप्लाई चेन में दिक्कतें पैदा हुई हैं.

भारत-आसियान संबंधों पर व्यक्त करना चाहिए प्रतिक्रिया

जयशंकर ने कहा कि हिंद-प्रशांत पर आसियान के नजरिए और भारत की हिंद-प्रशांत महासागर पहल के बीच मजबूत संयोजन है तथा यह क्षेत्र के लिए दोनों पक्षों के साझा दृष्टिकोण का प्रमाण है. उन्होंने कहा कि जिसका हम सामना करते हैं, उस पर भारत-आसियान संबंधों को प्रतिक्रिया व्यक्त करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि आसियान हमेशा क्षेत्रवाद, बहुपक्षवाद और वैश्वीकरण के प्रकाश स्तंभ के रूप में खड़ा रहा है.

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आसियान ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में आर्थिक संरचना की रखी नींव

विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि आसियान ने अपने लिए सफलतापूर्वक एक जगह बना ली है और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में रणनीतिक एवं आर्थिक संरचना के लिए नींव तैयार की है. विदेश मंत्री ने कहा कि दुनिया के समक्ष भू-राजनीतिक चुनौतियों और अनिश्चितताओं को देखते हुए आसियान की भूमिका पहले के मुकाबले आज संभवत: कहीं अधिक महत्वपूर्ण है. जयशंकर ने कहा कि भारत और आसियान द्वारा मौजूदा पहलों को जल्द पूरा करते हुए नई प्राथमिकताओं की पहचान करना महत्वपूर्ण है.

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