अब अस्पताल में इलाज करवाना होगा महंगा! अगले साल से जेब भरकर जाएं हॉस्पिटल
अस्पताल नकद भुगतान करने वाले मरीजों के लिए कीमत बढ़ाने पर विचार कर रहे हैं. स्वच्छता, उपभोग्य सामग्रियों, मानव संसाधन और सामान्य मुद्रास्फीति की लागत अस्पताल के मार्जिन पर असर डाल रही है.
बढ़ती महंगाई से परेशान देश की जनता के लिए एक और बुरी खबर आ रही है. जी हां, यदि आप बीमार पड़ गये तो आपको इलाज से पहले जेब में भारी रकम की व्यवस्था करनी पड़ेगी. दरअसल, प्राइवेट अस्पताल इलाज के खर्चों में वृद्धि करने की तैयारी में लगे हुए हैं. इस संबंध में इंग्लिश वेबसाइट ईटी ने एक खबर प्रकाशित की है. रिपोर्ट की मानें तो अगले साल से चिकित्सा उपचार यानी मेडिकल ट्रीटमेंट और अधिक महंगा होने के आसार हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि अपोलो और फोर्टिस सहित प्रमुख प्राइवेट अस्पताल बढ़ती लागत के बीच ट्रीटमेंट पैकेज दरों को 5-10% तक बढ़ाने के मूड में हैं.
नकद भुगतान करने वाले मरीजों को होगी परेशानी
रिपोर्ट में बताया गया है कि जिस अस्पतालों की बात की जा रही है वे नकद भुगतान करने वाले मरीजों के लिए कीमत बढ़ाने पर विचार कर रहे हैं. कुछ निजी अस्पतालों के अधिकारियों ने वेबसाइट ईटी से बात की और बताया कि पैकेज दरों का संशोधन 2021-22 के अंत तक होने के आसार हैं. फोर्टिस हेल्थकेयर के प्रवक्ता ने कहा कि हम महत्वपूर्ण ओवरहेड्स के साथ एक बड़ी मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल चेन के तहत आते हैं.
हमारा अस्पताल 2019 के बाद कोरोना की वजह से बढ़ते मैनपावर लागत और अन्य परिचालन लागतों से प्रभावित हुआ. इसके बाद भी समान दरों पर मरीजों का इलाज हम कर रहे हैं. हम स्थिति पर नजर रखे हुए हैं और सही समय पर पैकेज टैरिफ सुधार के बारे में फैसला लेने का काम करेंगे.
Also Read: बढ़ी चिंता : पांच माह बाद पटना में एक दिन में मिले 14 नए कोरोना संक्रमित, विदेश से लौटे पांच लोग पॉजिटिव
अपोलो अस्पताल ने क्या कहा
अपोलो अस्पताल ने भी इस संबंध में अपनी राय रखी. वेबसाइट से बात करते हुए कहा समूह मुख्य वित्तीय अधिकारी कृष्णन अखिलेश्वरन ने कहा कि स्वच्छता, उपभोग्य सामग्रियों, मानव संसाधन और सामान्य मुद्रास्फीति की लागत हमारे मार्जिन पर असर डाल रही है. यही वहज है कि किसी बिंदु पर हमें लागत को पार करना होगा और ट्रीटमेंट रेट को बढ़ाने पर विचार करना होगा. आगे उन्होंने कहा कि 5% की औसत वार्षिक वृद्धि आम तौर पर आइडियल है. लेकिन इस बार यह थोड़ी अधिक हो सकती है. अस्पतालों का कॉस्ट बढ़ चुका है.
लागत में लगातार वृद्धि
इधर कोलकाता स्थित मेडिका सुपरस्पेशलिटी अस्पताल के अध्यक्ष आलोक रॉय ने इस संबंध में कहा है कि पैकेज दरों में वृद्धि जरूरी है, हालांकि वृद्धि कितनी होगी, यह अस्पतालों पर निर्भर है. उन्होंने कहा कि रिकवरी के मामले में हम पूर्व महामारी के लेवल पर भी नहीं पहुंचे हैं, जबकि लागत में लगातार वृद्धि होती नजर आ रही है.
Posted By : Amitabh Kumar
Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.