ये 10 Mega Projects बदलेंगे Bharat की तस्वीर, इकोनॉमी भरेगी नई उड़ान
वैश्विक स्तर पर आर्थिक उठापटक के बीच भारत तेजी से विकास करता हुआ देश है. यही कारण है कि पूरी दुनिया भारत की तरफ देख रही है. विशेषज्ञों का कहना है कि जल्द भी देश एक बड़ी अर्थव्यवस्था के रुप में उभरेगा. देश में कई ऐसे मेगा निर्माण हो रहे हैं जो इसकी उन्नति में बड़ा योगदान करने वाले हैं.
ग्लेशियरों से होकर गुजरने वाली दुनिया की पहली मोटर योग्य सड़क हिमांक
यह सीमा सड़क संगठन की सबसे महत्वाकांक्षी परियोजनाओं में से एक है. इसका इरादा दुनिया की पहली ग्लेशियर रोड बनाने का है. प्रोजेक्ट हिमांक का लक्ष्य एक मोटर योग्य सड़क का निर्माण करना है जो दुनिया के सबसे ऊंचे ग्लेशियरों के बीच से गुजरे. यह परियोजना लद्दाख के पूर्वी क्षेत्र में स्थित है. इसे 17,800 फीट की ऊंचाई पर बनाया जाएगा. यह क्षेत्र के ग्लेशियरों को जोड़ने वाली एक महत्वपूर्ण कड़ी होगी, जो अब तक अप्राप्य रही है। यह भी सबसे जोखिम भरे कामों में से एक है. बर्फ पिघलती रहती है और पूरे वर्ष तापमान में उतार-चढ़ाव होता रहता है.
चिनाब रेल ब्रिज
चिनाब ब्रिज का आर्च हाल ही में अप्रैल 2021 में भारतीय रेलवे द्वारा पूरा किया गया था. इसका निर्माण कार्य पूरा हो गया है. ये दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे पुल है. यह जम्मू और कश्मीर के केंद्र शासित प्रदेश में स्थित है. यह काम उधमपुर, श्रीनगर और बारामूला को जोड़ने वाली रेलिंग परियोजना का हिस्सा है. यह पुल 1,315 किलोमीटर लंबा होगा और समुद्र तल से 359 मीटर ऊंचा है. इस निवेश से केंद्र शासित प्रदेश के आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है. इसके अतिरिक्त, सार्वजनिक परिवहन को आम जनता के लिए अधिक सुलभ बनाना है.
मुंबई से दिल्ली एक्सप्रेसवे
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे लगभग 1350 किलोमीटर की सड़क परियोजना है. ये परियोजना देश के राष्ट्रीय राजधानी और वित्तीय राजधानी के बीच बनाया जा रहा है. यह परियोजना 2019 में शुरू हुई है. इसमें कुल 1,03,000 करोड़ रुपये खर्च होने की उम्मीद है. परियोजना का काम दो चरणों में पूरा होगा. पहले चरण में आठ लेन होंगी, जबकि दूसरे चरण में बारह लेन होंगी. जनवरी 2025 तक यह प्रोजेक्ट पूरा होने की संभावना है.
मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक परियोजना
मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक परियोजना की अनुमानित लागत 14,000 करोड़ रुपये है. यह परियोजना अप्रैल 2018 में शुरू हुई है और वर्तमान में प्रगति पर है. इस हार्बर लिंक के माध्यम से नवी मुंबई में सेवरी और न्हावा शेवा को जोड़ा जाएगा. एमटीएचएल 22 किलोमीटर लंबा समुद्री पुल है जो मुंबई महानगरीय क्षेत्र तक फैला है. पूरा होने पर यह भारत का सबसे लंबा समुद्री लिंक होगा.
सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना
केंद्र सरकार के द्वारा देश की राजधानी दिल्ली में एक नये संसद का निर्माण काराया गया है. इसमें सदन की कार्रवाही शुरू हो गयी है. ये संसद भवन पुराने से बड़ा और अतिआधुनिक है.
सुपरनोवा स्पाइरा – भारत का सबसे ऊंचा आवासीय टावर
नोएडा के सेक्टर 94 में स्थित सुपरनोवा स्पाइरा बिल्डिंग दिल्ली-एनसीआर की सबसे ऊंची बिल्डिंग है. इस बिल्डिंग की ऊंचाई 300 मीटर है. इसमें 80 फ्लोर है. पिछले साल यह बिल्डिंग बनकर पूरी तरह से तैयार हो गई है.
नवी मुंबई अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा (NMIA)
मुंबई एयरपोर्ट पर यात्रियों के बढ़ते बोझ को कम करने के लिए नवी मुंबई में अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट का निर्माण हो रहा है. यहां से हर साल करीब 9 करोड़ यात्री उड़ान भरेंगे. पहले चरण में चार टर्मिनल हैं और इसमें 42 विमान आ सकेंगे. इसके साथ ही, यहां 5500 कार की क्षमता होगी. हवाई अड्डा 11.4 किमी के क्षेत्र में है और इसमें दो रनवे होंगे.
भारतमाला परियोजना कार्यक्रम
वर्ष 2018 से भारतमाला प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है. यह परियोजना देश की सबसे बड़ी और मेगा राजमार्ग परियोजनाओं में से एक है. प्रस्ताव के अनुसार, लगभग 83,677 किलोमीटर सड़कों का लक्ष्य रखा जाएगा. परियोजना का लक्ष्य कनेक्टिविटी को बढ़ावा देना और हमारे देश की आर्थिक सीमाओं में मदद करना है. इससे कार्गो परिवहन दरों को बढ़ाने में भी मदद मिलेगी. परियोजना को सात अलग-अलग चरणों में विभाजित किया गया है.
सागरमाला परियोजना
सागरमाला परियोजना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वकांक्षी योजनाओं में से एक है. भारत की लंबी तटीय रेखा और नदियों के अपार फैलाव को देखते हुए सरकार इस परियोजना के तहत एक साथ कई अवसरों का लाभ लेना चाहती है. सागरमाला परियोजना एक राष्ट्रीय प्रोग्राम है जिसमें समुद्री और नदियों के संसाधनों का इस्तेमाल कर देश में लाखों रोजगार पैदा करना है. इस योजना के माध्यम से करीब एक करोड़ लोगों को रोजगार मिलने की उम्मीद है.
केन बेतवा नदी लिंक परियोजना
केन-बेतवा नदी लिंक परियोजना भारत सरकार की योजना है जिसका उद्देश्य है केन और बेतवा नदियों को जलाशय के माध्यम से जोड़ना है. यह परियोजना कांग्रेस सरकार के काल में आरंभ हुई थी, लेकिन उसके बाद लगभग 40 सालों तक यह परियोजना रुकी रही. केन नदी उत्तर भारत में बहने वाली एक नदी है, जो राजस्थान राज्य में स्थित है. बेतवा नदी भी उत्तर भारत में बहती है, जो मध्य प्रदेश राज्य से गुजरती है. इसे वर्तमान सरकार के द्वारा फिर से शुरू किया गया है. इससे किसानों को बड़ा फायदा होने की संभावना है.
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