Loading election data...

Mera Bill Mera Adhikar: खरीदे सामान का बिल करें ऑनलाइन अपलोड, सरकार देगी 1 करोड़ तक का कैश प्राइज, जानें डिटेल

Mera Bill Mera Adhikar: केंद्र सरकार आम लोगों को जल्द ही एक मोबाइल ऐप पर जीएसटी चालान अपलोड करने के लिए इनाम मिल सकता है. सरकार ‘मेरा बिल मेरा अधिकार’ योजना जल्द शुरू करने जा रही है.

By Madhuresh Narayan | August 27, 2023 11:33 AM

Mera Bill Mera Adhikar: केंद्र सरकार के द्वारा आमलोगों के लिए ‘मेरा बिल मेरा अधिकार योजना’ की शुरूआत की जा रही है. इसके तहत जीएसटी (Goods and Service Tax) के तहत खरीदारी कर उसका इनवॉइस अपलोड करने वालों को कैश प्राइज जितने का मौका मिलने वाला है. ये कैश प्राइज दस लाख से लेकर एक करोड़ तक का होने वाला है. बताया जा रहा है कि केंद्र सरकार आम लोगों को जल्द ही एक मोबाइल ऐप पर जीएसटी चालान अपलोड करने के लिए इनाम मिल सकता है. सरकार बहुप्रतीक्षित ‘मेरा बिल मेरा अधिकार’ योजना जल्द शुरू करने जा रही है. इसके बारे दो अधिकारियों ने बताया कि चालान प्रोत्साहन योजना के तहत खुदरा या थोक विक्रेता से मिले बिल (इनवॉइस) ऐप पर ‘अपलोड’ करने वाले लोगों को मासिक-त्रैमासिक 10 लाख रुपये से एक करोड़ रुपये तक का नकद पुरस्कार दिया जा सकता है.

कब आएगी योजना

‘मेरा बिल मेरा अधिकार’ ऐप आईओएस और एंड्रॉइड दोनों मंच पर उपलब्ध होगा. ऐप पर अपलोड किए गए ‘इनवॉइस’ में विक्रेता का जीएसटीआईएन, इनवॉइस नंबर, भुगतान की गई राशि और कर राशि की जानकारी होनी चाहिए. एक अधिकारी ने कहा कि एक व्यक्ति एक महीने में अधिकतम 25 बिल ‘अपलोड’ कर सकता है, जिसका न्यूनतम मूल्य 200 रुपये होना चाहिए. उन्होंने बताया कि योजना को अंतिम रूप दिया जा रहा है और इसे जल्द जारी किया जा सकता है. बताया जा रहा है कि हर महीने 500 लकी ड्रा सरकार के द्वारा कंप्यूटर की मदद से निकाली जाएगी. इसमें लाखों का इनाम बांटा जाएगा. जबकि, हर तीन महीने में ऐसे 2 लकी ड्ऱॉ होंगे जिनमें 1 करोड़ रुपये तक का प्राइज जीतने का मौका मिल सकता है.

मेरा बिल मेरा अधिकार योजना क्या है

केंद्र सरकार के द्वारा जारी किया जा रहा ‘मेरा बिल मेरा अधिकार’ ऐप आईओएस और एंड्रॉइड दोनों प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध होगा. ऐप पर अपलोड किए गए ‘इनवॉइस’ में कारोबारी का जीएसटीआईएन (GSTIN) इनवॉइस नंबर, पेमेंट की गई रकम और टैक्स राशि की जानकारी साफ-साफ लिखी होनी चाहिए. बताया जा रहा है कि एक व्यक्ति एक आईडी से महीने में अधिकतम 25 बिल अपलोड कर पाएगा. इस बिल की कम से कम खर्च हुई राशि 200 रुपये की होनी चाहिए. केंद्र सरकार के द्वारा इस योजना को इसलिए लाया गया है कि ताकि ग्राहक अपनी खरीदी गई वस्तु के जरिए बिल लेने के लिए प्रोत्साहित हो सकें और ज्यादातर कारोबारी इसका पालन करें. GST Invoice ज्यादा से ज्यादा जेनरेट होंगे तो कारोबारी टैक्स चोरी से बच सकेंगे. साथ ही, सरकारी खजाने में इससे इससे बड़ी कर संग्रह की उम्मीद की जा रही है. हालांकि, एप के लॉच होने के बाद इसकी वस्तु स्थिति स्पष्ट हो पाएगी.

क्या है जीएसटी टैक्स

जीएसटी (Goods and Services Tax, GST) एक सामान्य परिकर या कर है जो भारत सरकार द्वारा लागू किया गया है. यह कर भारत में बिक्री, वितरण और सेवाओं पर लागू किया जाता है और पूरे देश में एक ही अद्यतन किए गए कर प्रणाली को प्राथमिकता देता है. GST का मुख्य उद्देश्य भारत में अलग-अलग स्तरों पर लागू होने वाले करों को एक ही सामान्य कर सिस्टम में एकीकृत करना है. इससे कई प्रकार के करों के समापन से कारोबार परियोजना में आसानी हो जाती है और देशीय विकास को बढ़ावा मिलता है.

तीन भागों में बंटा है GST

केंद्र सरकार के द्वारा जीएसटी टैक्स को मुख्य रुप से तीन श्रेणियों में बांटा गया है. इसमें से एक है, सीजीएसटी (Central Goods and Services Tax, CGST) यह कर केंद्र सरकार द्वारा लागू किया गया है और यह बिक्री और सेवाओं पर लागू होता है जो केंद्र सरकार के क्षेत्र में होती हैं. वहीं, दूसरा है सीजीएसटी (स्टेट गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स, SGST), यह कर राज्य सरकार द्वारा लागू किया गया है और यह बिक्री और सेवाओं पर लागू होता है जो राज्य सरकार के क्षेत्र में होती हैं. आईजीएसटी (इंटीग्रेटेड गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स, IGST) यह कर राज्यों के बीच विक्रय और सेवाओं पर लागू होता है जब कोई सामान या सेवा एक राज्य से दूसरे राज्य में प्रेषित होती है. GST के अंतर्गत, उत्पादों और सेवाओं के लिए एक ही सामान कर दरें निर्धारित की गई हैं, जो कि विभिन्न उत्पादों और सेवाओं के प्रकारों के आधार पर विभाजित होती हैं. इससे सामान और सेवाओं पर कर लेने का प्रक्रियात्मक और आसान तरीका बनता है. कृपया ध्यान दें कि GST की नीतियों और कर दरों में बदलाव समय-समय पर हो सकते हैं, इसलिए आपको स्थानीय अधिकारियों से सही और विश्वसनीय जानकारी प्राप्त करनी चाहिए.

सरकार लोगों से टैक्स क्यों लेती है

सरकार टैक्स का विवादरहित और स्थायित विवाद केवल एक ही कारण नहीं, बल्कि कई कारणों का परिणाम होता है. टैक्स संग्रहण सरकारों के लिए महत्वपूर्ण स्रोत होता है जिसका प्रयोजन देश की सार्वभौमिक उन्नति, सामाजिक कल्याण, विकास, और सुरक्षा को सुनिश्चित करना होता है. सरकार टैक्स संग्रहण करके विभिन्न योजनाओं, प्रोजेक्ट्स, सेवाओं, और सुरक्षा की व्यवस्थाओं के लिए आवश्यक वित्तीय स्रोत जुटाती है. यह सभी कारण साथ मिलकर देखे जाते हैं और टैक्स का संग्रहण इस प्रकार से समाज और देश के उद्देश्यों की पूर्ति में मदद करता है.

सामाजिक सुरक्षा से लेकर हर सुविधा देती है सरकार

सरकार टैक्स के माध्यम से सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने और सामाजिक कल्याण की सेवाएं प्रदान करती है, जैसे कि शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाएं, बेरोजगारी भत्ता आदि. साथ ही, बिजली, पानी, सड़क, और अन्य बुनियादी सेवाओं का प्रबंधन और प्रदायिता करने के लिए सरकार धनराशि की आवश्यकता होती है जिसे वे टैक्स से प्राप्त करती है. समृद्धि और विकास के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास की आवश्यकता होती है, जैसे कि सड़क, पुल, रेलवे, एयरपोर्ट, आदि की निर्माण और निर्वाह के लिए धन की आवश्यकता होती है. सरकार विभिन्न विकास योजनाओं, कृषि सहायता, गरीबी रेखा के नीचे आने वालों के लिए कल्याणकारी योजनाओं की शुरुआत करने के लिए टैक्स संग्रहण करती है. इसके अलावे, सुरक्षा के लिए सेना, पुलिस, और अन्य रक्षा दलों की तैयारी और व्यवस्थाओं की सामग्री की आपूर्ति के लिए धन की आवश्यकता होती है.

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

Next Article

Exit mobile version