मनरेगा में रजिस्ट्रेशन कराइए, घर के पास ही मिलेगी नौकरी, जानिए इसका तरीका

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रविवार को ऐलान किया कि मनरेगा के बजट को 40 हजार करोड़ रुपये बढ़ा दिया गया है. पहले मनरेगा का बजट 61 हजार करोड़ रुपये था. इसका सीधा फायदा श्रमिकों को मिलेगा. श्रमिकों को उनके ही इलाके में काम मिल सकेगा.

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 17, 2020 2:35 PM

देश में जारी लॉकडाउन के कारण बेपटरी हुई अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के मकसद से केंद्र सरकार ने 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज की घोषणा की है. रविवार को आर्थिक पैकेज की पांचवीं और आखिरी किस्त की जानकारी देते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ऐलान किया कि मनरेगा के बजट को 40 हजार करोड़ रुपये बढ़ा दिया गया है. पहले मनरेगा का बजट 61 हजार करोड़ रुपये था. इसका सीधा फायदा श्रमिकों को मिलेगा. कोरोना संकट के कारण गृहराज्य लौट चुके श्रमिकों को उनके इलाके में ही काम मिल सकेगा.

क्या है मनरेगा और कितने लोग हैं जुड़े?

मनरेगा को पहले नरेगा के नाम से जाना जाता था. इसकी शुरुआत 2 फरवरी 2006 को 200 जिलों के साथ की गयी. इसे 2007-2008 में अन्य 130 जिलों में लागू किया गया. 1 अप्रैल 2008 तक भारत के सभी 593 जिलों में मनरेगा को लागू किया गया. मनरेगा से श्रमिकों को उनके ही गांव में एक साल में कम से कम 100 दिनों का रोजगार दिया जाता है. एक दिन के काम के एवज में 202 रुपये का मेहनताना मिलता है. देश में 7.6 करोड़ परिवार मनरेगा से जुड़े हैं. इसका मकसद मजदूरों को उनके ही इलाकों में काम देना है.

मनेरगा के तहत कैसे मिलता है काम?

मनरेगा के तहत काम पाने के लिए ग्रामीण परिवारों के वयस्क सदस्य ग्राम पंचायत के पास एक तस्वीर के साथ अपना नाम, उम्र से जुड़े कागजात और पता जमा कराते हैं. इसकी जांच के बाद पंचायत घरों को पंजीकृत करके जॉब कार्ड देता है. जॉब कार्ड में पंजीकृत सदस्य का ब्यौरा और उसकी फोटो होती है. एक पंजीकृत व्यक्ति को पंचायत या कार्यक्रम अधिकारी को लिखित रूप से काम के लिए (लगातार काम के कम से कम चौदह दिनों के लिए) एक आवेदन देना होता है.

किसी के साथ भेदभाव की इजाजत नहीं

सबसे खास बात यह है कि मनरेगा के तहत किसी से भी भेदभाव की इजाजत नहीं दी गयी है. कहने का मतलब है कि अधिनियम के तहत पुरुषों और महिलाओं के बीच किसी भी भेदभाव की अनुमति नहीं है. पुरुषों और महिलाओं को समान वेतन का भुगतान किया जाता है. सभी वयस्क रोजगार पाने के लिए आवेदन कर सकते हैं. आवेदन मिलने के बाद रोजगार देने की प्रक्रिया शुरू की जाती है.

किसानों को भी तोहफा दे चुकी है सरकार

मनरेगा का बजट बढ़ाने के साथ ही केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण किसानों के लिए भी कई ऐलान कर चुकी हैं. शुक्रवार को केंद्रीय वित्त मंत्री ने कृषि क्षेत्र के लिए 11 ऐलान किए थे. इसमें आठ फैसले कृषि और इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़े थे, जबकि तीन गवर्नेंस और रिफॉर्म के थे. सरकार ने कृषि के बुनियादी ढांचे के लिए एक लाख करोड़ रुपये देने का ऐलान किया है. इसके साथ ही मनरेगा के बजट में भी 40 हजार करोड़ के इजाफा की घोषणा की गयी है.

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