इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स का 5वां माइनिंग कॉनक्लेव आयोजित, खनन विशेषज्ञों ने की शिरकत

पिछले साल ग्लासगो में आयोजित संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन (COP26) में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रतिज्ञा को बताते हुए उन्होंने कहा कि भारत 2070 तक अपने कार्बन उत्सर्जन को शुद्ध शून्य तक सीमित कर देगा.

By KumarVishwat Sen | February 18, 2023 6:54 PM

रांची : इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स द्वारा आधुनिक तकनीक का खनन उद्योग पर प्रभाव विषय पर आधारित 5वां माइनिंग कॉनक्लेव का रांची स्थित होटल रेडिशन ब्लू में आयोजन किया गया. इस कॉनक्लेव में झारखंड राज्य के प्रमुख खनन कंपनियों के विशेषज्ञों ने शिरकत की. कार्यक्रम में उपस्थित अतिथियों को स्वागत करते हुए इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स, झारखंड चैप्टर के अध्यक्ष डॉ अमृतांशु प्रसाद ने खनन उद्योगों पर तकनीकों के बढते प्रभाव के बारे में बताया. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के बारे में बात करते हुए उन्होंने बताया कि इसकी मदद से खनन कंपनियों को अधिक आसानी से खनिजों का पता लगाने में कैसे मदद की जाती है. डॉ अमृतांशु प्रसाद ने अपने उद्घाटन भाषण के दौरान माइनिंग ससटेनेबिलिटी यानी सतत विकास पर भी चर्चा की.

विश्वस्तरीय निवेशकों को आकर्षित करता है झारखंड

इस मौके पर झारखंड राज्य के खनन सचिव अबू बकर सिद्दकी ने बतौर मुख्य अतिथि कार्यक्रम को संबोंधित करते हुए कहा कि झारखंड कोयला, लौह अयस्क, तांबा अयस्क, अभ्रक और कोबाल्ट का प्रमुख उत्पादक है. खनन में बढ़ते मशीनीकरण, कच्चे माल की उपलब्धता और प्रतिस्पर्धी मूल्य वाले श्रम लागत के कारण झारखंड विश्व स्तर पर निवेशकों को आकर्षित करता रहा है. आज भी हम देश में ऊर्जा आवश्यकता को पूरा करने के लिए जीवाश्म ईंधन यानी खनन उद्योगों पर ही निर्भर है.

2070 तक कार्बन उत्सर्जन को शून्य कर देगा भारत

पिछले साल ग्लासगो में आयोजित संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन (COP26) में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रतिज्ञा को बताते हुए उन्होंने कहा कि भारत 2070 तक अपने कार्बन उत्सर्जन को शुद्ध शून्य तक सीमित कर देगा. झारखंड सरकार की आगामी योजनाओं पर बात करते हुए खनन सचिव ने बताया कि राज्य सरकार खनन क्षेत्रों को बेहतर बनाने की दिशा में लगातार काम कर रही है जिससे कोल खनन तथा अन्य खनन अन्य क्षेत्रों पर बेहतर प्रभाव पडेगा. साथ ही झारखंड सरकार आजीविका संक्रमण सुनिश्चित करने के लिए जिलेवार विस्तृत योजना पर काम कर रही है. कार्यक्रम में मौजूद सेल (सीइटी) के निदेशक जगदीश अरोडा ने खनन उद्योंगों पर प्रकाश डालते हुए ग्रीन हाइड्रोजन, ग्रे हाइड्रोजन, ब्लैक हाइड्रोजन के अंतर को समझाया तथा भविष्य में खनन उद्योग पर ग्रीन हाइड्रोजन के प्रभाव पर चर्चा की और इसके फायदे के बारे में बताया.

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कॉनक्लेव में ये भी रहे शामिल

इस कॉनक्लेव के तकनीकी सत्र की अध्यक्षता करते हुए स्टील अथॉरिटी के इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी केंद्र के कार्यकारी निदेशक जगदीश अरोड़ा ने खनन क्षेत्रों में तकनीक के प्रभावों पर अपनी बात कही. इस में चर्चा करते हुए इंडियन ब्यूरो ऑफ माइंस के क्षेत्रीय खान नियंत्रक सलील संदीप कुजूर, हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड के एडवाइजर टीके मुखर्जी, महाप्रबंधक श्याम सुंदर सेठी, एमएमडी के निदेशक शुभाजीत चौधरी, फेयरमाइन समूह के निदेशक राजीव कुमार सिंह तथा बीआइटी मेसरा के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ सुकल्याण चक्रवर्ती ने संबंधित विषय पर विस्तृत चर्चा की. कॉनक्लेव के समापन के दौरान धन्यवाद भाषण देते हुए सिटीजन फाउंडेशन के सीईओ श्री गणेश रेड्डी ने कहा इस आयोजन की तारीफ की तथा उपस्थित सभी लोगों के प्रति विशेष आभार जताया. कार्यक्रम का संचालन हर्षा अग्रवाल ने किया.

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