Fortified Rice: मोदी सरकार का कुपोषण पर प्रहार,राशन कार्ड से गरीबों को मिलेगा पौष्टिक चावल
Fortified Rice: केंद्रीय मंत्रिमंडल ने फोर्टिफाइड चावल की मुफ्त आपूर्ति 2028 तक जारी रखने का फैसला किया है, जिससे एनीमिया और सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी से निपटने में मदद मिलेगी. 17,082 करोड़ रुपये की इस योजना का पूरा वित्तपोषण केंद्र सरकार करेगी और इसे प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKAY) के तहत लागू किया जाएगा.
Fortified Rice: केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए पौष्टिक तत्वों से भरपूर चावल (फोर्टिफाइड चावल) की मुफ्त आपूर्ति को वर्ष 2028 तक जारी रखने का फैसला किया. यह पहल खाद्य सुरक्षा कानून और अन्य कल्याणकारी योजनाओं के अंतर्गत 17,082 करोड़ रुपये के खर्च से लागू की जाएगी। इस निर्णय का मुख्य उद्देश्य एनीमिया (खून की कमी) और सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी को दूर करना है.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में यह फैसला लिया गया, जो खासकर गरीब और वंचित तबकों के लिए एक बड़ी राहत मानी जा रही है. फोर्टिफाइड चावल भारतीय खाद्य सुरक्षा मानक प्राधिकरण (FSSAI) द्वारा निर्धारित मानकों के अनुसार लौह, फोलिक एसिड और विटामिन B12 से समृद्ध होता है. इस चावल को सामान्य चावल में मिलाकर वितरित किया जाता है ताकि लोगों को पर्याप्त पोषण मिल सके.
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मुफ्त फोर्टिफाइड चावल की आपूर्ति की योजना
सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKAY) और अन्य कल्याणकारी योजनाओं के अंतर्गत जुलाई 2024 से दिसंबर 2028 तक मुफ्त फोर्टिफाइड चावल की आपूर्ति जारी रखने को मंजूरी दी है. सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मंत्रिमंडल के इस फैसले की जानकारी दी और बताया कि इस योजना के लिए कुल 17,082 करोड़ रुपये का परिव्यय किया जाएगा, जिसे केंद्र सरकार द्वारा पूरा वित्तपोषण किया जाएगा.
चावल फोर्टिफिकेशन की पहल
चावल को पौष्टिक बनाने की इस पहल को केंद्रीय क्षेत्र की योजना के तहत लागू किया जा रहा है, जिसमें केंद्र सरकार 100 प्रतिशत वित्तपोषण करेगी. यह फोर्टिफाइड चावल प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKAY) के साथ-साथ लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली (TPDS), एकीकृत बाल विकास सेवा (ICDS) और प्रधानमंत्री पोषण योजना (पूर्ववर्ती मिड-डे मील) जैसी योजनाओं के तहत वितरित किया जाएगा.
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75वें स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री का आह्वान
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 75वें स्वतंत्रता दिवस के अपने भाषण में पोषण सुरक्षा की आवश्यकता पर जोर दिया था. इसके तहत सरकार ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में फोर्टिफाइड चावल की आपूर्ति सुनिश्चित करने का निर्णय लिया है. यह पहल 2022 में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (CCEA) द्वारा अनुमोदित की गई थी, जिसके तहत मार्च 2024 तक चरणबद्ध तरीके से पूरे देश में चावल का फोर्टिफिकेशन पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था.
फोर्टिफाइड चावल क्या है
भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) के अनुसार, फोर्टिफाइड चावल सामान्य चावल में विभिन्न पोषक तत्वों को मिलाकर बनाया जाता है. ये सूक्ष्म पोषक तत्व लोगों की आहार आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए शामिल किए जाते हैं.
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फोर्टिफाइड चावल की सफलता
सरकार ने तीन चरणों में इस योजना को सफलतापूर्वक लागू किया है और मार्च 2024 तक सभी सरकारी योजनाओं में फोर्टिफाइड चावल की आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी. इस चावल में मौजूद सूक्ष्म पोषक तत्वों का उद्देश्य खासकर उन तबकों को लाभ पहुंचाना है जो एनीमिया और अन्य पोषण की कमी से जूझ रहे हैं.
एनीमिया की गंभीर समस्या
राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (NFHS-5) के आंकड़ों के अनुसार, 2019 से 2021 के बीच भारत में एनीमिया की समस्या व्यापक रूप से पाई गई है. यह समस्या बच्चों, महिलाओं और पुरुषों को अलग-अलग आयु समूहों और आय स्तरों पर प्रभावित कर रही है. फोर्टिफाइड चावल की यह पहल इस समस्या को दूर करने के उद्देश्य से की जा रही है.
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वित्तीय योजना और क्रियान्वयन
मुफ्त फोर्टिफाइड चावल की आपूर्ति के लिए 17,082 करोड़ रुपये का वित्तपोषण केंद्र सरकार द्वारा किया जाएगा. यह योजना प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKAY) के अंतर्गत एकीकृत रूप से लागू की जाएगी, जिससे इसके सफल क्रियान्वयन के लिए एक मजबूत संस्थागत तंत्र तैयार किया जा सकेगा.
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