मोदी सरकार ने टैक्सपेयर्स को दी बड़ी राहत, कराधान विधयेक लोकसभा से पास, जानिए क्या मिलेगा फायदा

केंद्र सरकार ने देश के करदाताओं को बड़ी राहत देने वाला विधयेक लोकसभा से पारित कराने में कामयाबी हासिल की है. लोकसभा ने शनिवार को कराधान और अन्य विधियां (कतिपय उपबंधों का संशोधन एवं छूट) विधेयक को मंजूरी दे दी, जिसमें कोविड-19 महामारी के मद्देनजर कर अदा करने की समय-सीमा बढ़ाने, पीएम केयर्स फंड के लिए टैक्स में छूट देने का प्रस्ताव किया गया है. गौरतलब है कि यह विधेयक इस साल मार्च में लाए गए अध्‍यादेश की जगह लेगा, जिसमें छूट देते हुए कर अदा करने की समय-सीमा बढ़ा दी गई थी और कुछ कानूनों के तहत लगने वाले जुर्माने माफ कर दिए गए थे.

By Agency | September 19, 2020 10:41 PM

नयी दिल्ली : केंद्र सरकार ने देश के करदाताओं को बड़ी राहत देने वाला विधयेक लोकसभा से पारित कराने में कामयाबी हासिल की है. लोकसभा ने शनिवार को कराधान और अन्य विधियां (कतिपय उपबंधों का संशोधन एवं छूट) विधेयक को मंजूरी दे दी, जिसमें कोविड-19 महामारी के मद्देनजर कर अदा करने की समय-सीमा बढ़ाने, पीएम केयर्स फंड के लिए टैक्स में छूट देने का प्रस्ताव किया गया है. गौरतलब है कि यह विधेयक इस साल मार्च में लाए गए अध्‍यादेश की जगह लेगा, जिसमें छूट देते हुए कर अदा करने की समय-सीमा बढ़ा दी गई थी और कुछ कानूनों के तहत लगने वाले जुर्माने माफ कर दिए गए थे.

विधेयक में करदाताओं के लिए विभिन्न प्रकार के अनुपालन राहत का प्रस्ताव किया गया है, जिसमें रिटर्न जमा करने की डेडलाइन बढाने, आधार को पैन से लिंक कराने जैसे मामले शामिल हैं. इससे संबंधित कराधान और अन्य विधियां (कतिपय उपबंधों का संशोधन एवं छूट) अध्यादेश 2020 मार्च में लागू किया गया था.

लोकसभा में इस विषय पर चर्चा का जवाब देते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि कोविड-19 के समय में लोगों के लिए अनुपालन समय सीमा से संबंधित विषय थे, जिसमें रिटर्न फाइल करना, जीएसटी रिटर्न फाइल करने जैसे मुद्दे थे. उन्होंने कहा कि क्योंकि लॉकडाउन के दौरान लोगों को दिक्कत का सामना करना पड़ सकता था, इसके लिए तिथियों को स्थगित करने की जरूरत थी. इसके मद्देनजर ही अध्यादेश लाना पड़ा और इस अध्यादेश के लिए विधेयक लाना पड़ा. यह जनता को तुरंत राहत देने के लिए जरूरी था. मंत्री के जवाब के बाद सदन ने ध्वनिमत से कराधान और अन्य विधियां (कतिपय उपबंधों का संशोधन एवं छूट) विधेयक को मंजूरी दे दी.

सीतारमण ने कहा कि कोविड संकट के कारण हमें अध्यादेश लाना पड़ा. कानूनी आवश्यकता थी. जनता को तुरंत राहत देनी थी. ऐसे में यह अध्यादेश लाया गया, ताकि कर जमा करने में देरी पर जुर्माना नहीं लगे, क्योंकि पहले के अधिनियम में जुर्माने की व्यवस्था थी. उन्होंने कहा कि राजस्व सेवा के अधिकारी जान खतरे में डालकर काम कर रहे हैं और किसी एक मामले को लेकर सभी के बारे में एक राय नहीं बनाई जा सकती.

चर्चा के दौरान कांग्रेस, द्रमुक, तृणमूल कांग्रेस सहित कई विपक्षी दलों ने लोकसभा में पीएम केयर्स फंड के गठन का विरोध किया और आरोप लगाया कि इसमें पारदर्शिता की कमी है. इन आरोपों को लेकर वित्त मंत्री सीतारमण ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार की पूरी कोशिश है कि कर प्रणाली में पारदर्शिता सुनिश्चित हो. उन्होंने कहा कि मैं कहना चाहती हूं कि पारदर्शिता अपने घर से शुरू करिए और अपनी परमार्थ संगठनों में पारदर्शिता लाइए.

सीतारमण ने कहा कि पीएम केयर्स फंड पंजीकृत है, लेकिन प्रधानमंत्री राहत कोष पंजीकृत नहीं है. उन्होंने कहा कि पीएम केयर्स फंड और प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष दोनों की ऑडिट एक ही एजेंसी करती है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष की 1985 के बाद से एक भी बैठक नहीं हुई है.

वित्त मंत्री ने कहा कि जहां तक प्रबंधन का सवाल है, तो पीएम केयर्स फंड में प्रधानमंत्री, गृह मंत्री, रक्षा मंत्री, वित्त मंत्री पदेन सदस्य होते हैं. इसके अलावा, अलग-अलग क्षेत्र से कुछ प्रबुद्ध लोग भी पदेन सदस्य होते हैं, जबकि प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष में प्रधानमंत्री होते हैं. इसके अलावा, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष ट्रस्टी होते हैं.

उन्होंने सवाल किया कि जब देश में हजारों राजनीतिक दल हैं, तब कांग्रेस का ही सदस्य क्यों रहे? यह सवाल भी पूछना चाहिए. वित्त मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री राहत कोष और पीएम केयर्स फंड दोनों पर आरटीआई लागू नहीं होता, लेकिन आप सिर्फ पीएम केयर्स की बात करते हैं?

Posted By : Vishwat Sen

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