क्या तंबाकू उत्पाद में टैक्स बढ़ाया जाएगा ? आइए इस मामले में विशेषज्ञों की राय जानते हैं. दरअसल, सभी तंबाकू उत्पादों पर लगने वाले टैक्स में पर्याप्त बढ़ोतरी करने से लोगों के बेहतर स्वास्थ्य को सुनिश्चित करने के साथ ही वर्ष 2025 तक देश की अर्थव्यवस्था को 5,000 अरब डॉलर तक पहुंचाने में भी मदद मिलेगी. विशेषज्ञों ने इस बाबत अपनी राय रखी है.
लखनऊ विश्वविद्यालय में अर्थशास्त्र विभाग के प्रमुख प्रोफेसर अरविंद मोहन ने कहा कि भारत में तंबाकू की खपत के कारण स्वास्थ्य देखभाल का बोझ सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 1.04 प्रतिशत है. इसकी वजह से कई लोगो का जीवन गरीबी के चंगुल में फंसता जा रहा है. ऐसे में इन जानलेवा वस्तुओं पर कर में पर्याप्त बढ़ोतरी से अर्थव्यवस्था को लाभ ही मिलेगा.
तंबाकू कराधान एक बेहतर उपाय
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के साथ ही विश्व बैंक जैसे कई अन्य अंतरराष्ट्रीय निकायों के विचार के अनुरूप प्रोफेसर अरविंद मोहन ने एक वेब गोष्ठी में कहा कि तंबाकू कराधान एक बेहतर उपाय है, जो किसी अन्य उपाय की तुलना में तंबाकू की खपत को तेजी से कम करता है. उन्होंने कहा कि तंबाकू उत्पादों पर कर लगाकर स्वास्थ्य खर्च में कमी आएगी और साथ ही जीडीपी को कई गुना बढ़ाने में मदद मिलेगी. इससे 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सपने को भी साकार किया जा सकता है.
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तंबाकू जैसे नुकसानदेह उत्पादों पर टैक्स
इस कार्यक्रम में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक फाइनेंस एंड पॉलिसी के फेलो डॉ प्रीतम दत्ता और अर्थशास्त्री रिजो एम जॉन ने भी तंबाकू पर कर बढ़ाने की वकालत की. उन्होंने कहा कि तंबाकू जैसे नुकसानदेह उत्पादों पर टैक्स लगाकर सरकार को अपना राजस्व बढ़ाने में मदद मिलेगी.
भाषा इनपुट के साथ
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