Labour Code Rules : कामकाजी लोगों के लिए एक बहुत ही जरूरी सूचना है और वह यह है कि केंद्र की मोदी सरकार नया श्रम कानून या न्यू लेबर कोड के जरिए काम के समय को बढ़ाकर 8 से 12 घंटे करना चाहती है. मीडिया की खबरों के अनुसार, मोदी सरकार 1 अक्टूबर से न्यू लेबर कोड के नियमों को लागू कर सकती है.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मोदी सरकार 1 जुलाई से न्यू लेबर कोड के नियमों के लागू करना चाहती थी, लेकिन राज्य सरकारों के तैयार नहीं होने के कारण अब 1 अक्टूबर से लागू करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. लेबर कोड के नियमों के मुताबिक, कर्मचारियों के काम के घंटे बदलकर 12 घंटे हो सकते हैं.
कर्मचारियों की ग्रेच्युटी और भविष्य निधि (PF) में बढ़ोतरी होगी, लेकिन हाथ में आने वाली सैलरी (Take Home Salary) कम हो जाएगी. जल्द ही सरकारी और प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारियों को अपनी सैलरी, ग्रेच्युटी और भविष्य निधि (PF) में बड़े बदलाव देखने को मिल सकते हैं.
सरकार नए लेबर कोड में नियमों को 1 अप्रैल, 2021 से लागू करना चाहती थी, लेकिन राज्यों की तैयारी न होने और कंपनियों को मानव संसाधन नियमों (एचआर पॉलिसी) बदलने के लिए ज्यादा समय देने के कारण इन्हें टाल दिया गया. श्रम मंत्रालय के अनुसार, सरकार लेबर कोड के नियमों को 1 जुलाई से नोटिफाई करना चाहती थी, लेकिन राज्यों ने इन नियमों को लागू करने के लिए और समय मांगा, जिसकी वजह से इसे 1 अक्टूबर तक के लिए टाल दिया गया.
अब श्रम मंत्रालयऔर मोदी सरकार लेबर कोड के नियमों को 1 अक्टूबर तक अधिसूचित करना चाहती है. संसद ने अगस्त 2019 को तीन लेबर कोड इंडस्ट्रियल रिलेशन, काम की सुरक्षा, हेल्थ और वर्किंग कंडीशन और सोशल सिक्योरिटी से जुड़े नियमों में बदलाव किया था. ये नियम सितंबर 2020 को पास कर दिए गए हैं.
नए ड्राफ्ट कानून में कामकाज के अधिकतम घंटों को बढ़ाकर 12 करने का प्रस्ताव पेश किया है. नए श्रम कानून के मसौदा नियमों में 15 से 30 मिनट के बीच के अतिरिक्त कामकाज को भी 30 मिनट गिनकर ओवरटाइम में शामिल करने का प्रावधान है. मौजूदा नियम में 30 मिनट से कम समय को ओवरटाइम नहीं माना जाता है. मसौदा नियमों में किसी भी कर्मचारी से 5 घंटे से ज्यादा लगातार काम कराने की मनाही है. कर्मचारियों को हर पांच घंटे के बाद आधा घंटे का विराम देना होगा.
नए मसौदा कानून के अनुसार, मूल वेतन कुल वेतन का 50 फीसदी या उससे अधिक होना चाहिए. इससे ज्यादातर कर्मचारियों के वेतन में बदलाव आएगा. मूल वेतन बढ़ने से भविष्य निधि और ग्रेच्युटी के लिए कटने वाला पैसा बढ़ जाएगा. इसका कारण यह है ककि इसमें जाने वाला पैसा मूल वेतन के अनुपात में होता है. अगर ऐसा होता है, तो आपके घर आने वाली सैलरी घट जाएगी, लेकिन रिटायरमेंट पर मिलने वाला भविष्य निधि और ग्रेच्युटी का पैसा बढ़ जाएगा.
Posted by : Vishwat Sen
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