नई दिल्ली : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से मंगलवार को संसद में वित्त वर्ष 2022-23 का केंद्रीय बजट पेश कर दिया गया है. इसमें उन्होंने देश के दुर्गम पहाड़ी इलाकों में एक्सप्रेसवे के निर्माण का प्रस्ताव किया गया है. बजट प्रस्ताव में यह कहा गया है कि सरकार वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान देश में 25,000 किलोमीटर राजमार्गों का विकास कराएगी. इसके लिए सार्वजनिक निजी साझेदारी (पीपीपी) मॉडल पर रोपवे विकास कार्यक्रम को लागू किया गया जाएगा.
मीडिया की रिपोर्ट्स के अनुसार, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को अपने बजट भाषण में कहा कि वर्ष 2022-23 के दौरान राष्ट्रीय राजमार्गों की लंबाई में 25,000 किलोमीटर का विस्तार किया जाएगा और राष्ट्रीय ‘रोपवे’ विकास कार्यक्रम को सार्वजनिक-निजी साझेदारी (पीपीपी) माध्यम से कार्यान्वित किया जाएगा.
सीतारमण ने संसद में वित्त वर्ष 2022-23 का बजट पेश करते हुए कहा कि राष्ट्रीय राजमार्गों के विस्तार के लिए सरकार प्रतिबद्ध है और आगामी वित्त वर्ष में करीब 25,000 किलोमीटर राजमार्ग को जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है. उन्होंने कहा कि चार स्थानों पर पीपीपी मोड में ‘मल्टी-मॉडल लॉजिस्टिक पार्क’ की स्थापना के लिए अगले वित्त वर्ष में अनुबंध किये जाएंगे.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि एक्सप्रेसवे के लिए प्रधानमंत्री गतिशक्ति मास्टर प्लान को 2022-23 में अंतिम रूप दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि दुर्गम पर्वतीय क्षेत्रों में परंपरागत सड़कों के पारिस्थितिकीय रूप से टिकाऊ विकल्प के रूप में राष्ट्रीय रोपवे विकास कार्यक्रम को पीपीपी माध्यम से लागू किया जाएगा.
वित्त मंत्री ने कहा कि दुर्गम पहाड़ी इलाकों में एक्सप्रेसवे के निर्माण कराने का उद्देश्य पर्यटन को बढ़ावा देने के साथ-साथ यात्रियों के लिए संपर्क और सुविधाओं को बढ़ाना है. उन्होंने कहा कि 60 किलोमीटर लंबी आठ ‘रोपवे’ परियोजनाओं के लिए 2022-23 में ठेके दिये जाएंगे.
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