पारिवारिक जिंदगी में जिस तरह से प्यार, देखभाल और आपसी समझ बहुत जरूरी है, उसी तरह से एक खुशहाल जीवन और रिश्ते के लिए पैसा भी उतना ही महत्वपूर्ण है. पैसों के बिना बेहतर जीवन की कल्पना भी करना बहुत मुश्किल है. जीवन में पैसों को लेकर किये गये फैसले कपल्स के रिश्ते को भी काफी प्रभावित करते हैं. इसलिए पैसों को लेकर सही प्लानिंग और सही तरीका अपनाना ही एक पारिवारिक के जीवन को खुशहाल और सुकूनपूर्ण बनाता है. ऐसे में मनी मैनेजमेंट के ये टिप्स आपके लिए मददगार साबित हो सकते हैं.
ज्यादातर परिवार में एक ही व्यक्ति कमाने वाला होता है. इसलिए खर्चे एक ही व्यक्ति पर निर्भर हो जाता है. ऐसे में जब होने वाले खर्चों पर बात नहीं की जाती है, तो घर का बैलेंस तो बिगड़ता ही है, इसके साथ-साथ पति-पत्नी के रिश्ते में भी तनाव आता है. ऐसे में हमेशा शादीशुदा लोगों को खर्चों को लेकर साथ बैठकर बात कर प्लानिंग करनी चाहिए. वहीं, अगर पति-पत्नी दोनों ही कमाऊ हैं, तो इससे भविष्य के लिए सेविंग के ऑप्शन खुल जाते हैं.
भले ही पैसा खर्च करने के मामले में आप दोनों की न जमती हो या आप दोनों की प्राथमिकताएं अलग-अलग हों. फिर भी साथ में ही बैठकर अपना बजट बनाएं. घर खर्च चलाने में दोनों की भागदारी और दोनों की राय जरूरी है. अपने पार्टनर पर अपनी राय न थोपें, बल्कि आपसी सहमति से तय करें कि किस चीज पर कितना खर्च करना है.रिश्तों की शुरुआत में अक्सर लोग खर्च करने से पहले नहीं सोचते हैं.
सभी के लिए भविष्य में कुछ न कुछ बड़ा काम कर कुछ बनाने की इच्छा होती है. इसलिए अपना एक फाइनेंसियल लक्ष्य तय करना चाहिए और उस लक्ष्य को पूरा करने के लिए ही बजट के साथ प्लानिंग करनी चाहिए.अपना फाइनेंशियल स्टेटस जानने के बाद आप दोनों को अपने फाइनेंशियल लक्ष्यों को अच्छी तरह से डिस्कस करना चाहिए.
खुशहाल जिंदगी के लिए सबसे पहले इमरजेंसी फंड बनाएं. यह फंड आपकी रोजमर्रा की जरूरतों व आपके वित्तीय लक्ष्य से हटकर अलग फंड होता है, जिसे बीमारी, नौकरी छूटने या प्राकृतिक आपदा जैसी किसी घटना के लिए तैयार किया जाता है. कोशिश करें कि इमरजेंसी फंड में कम से कम इतना पैसा हो, जिससे आपके घर का 6 महीने का खर्च निकल जाये.
ज्यादातर लोग फिजूलखर्ची के चक्कर में पैसे खर्च कर देते हैं, जिसे उनके महीने का बजट बिगड़ जाता है. कई ऐसे फिजूलखर्च हैं, जिसे कम करके आप न सिर्फ अपने आय को बचा पायेंगे, बल्कि फाइनेंशियल प्लानिंग करके अपने पैसों को बढ़ा सकते हैं. इसमें दोस्तों को दावत देने से लेकर किसी खास दिन पर सेलिब्रेशन तक, कई आदतों में सुधार जरूरी है.
एक खुशहाल जिंदगी जीने के लिए किसी भी तरह का सीक्रेट नहीं रखना चाहिए. उसी तरह से ये भी जरूरी है कि शादी के बाद एक-दूसरे के खर्चे और बचत के बारे में पता हो. पति-पत्नी के बीच पैसों से जुड़ा कोई भी सीक्रेट लड़ाई का कारण बन सकता है, तो वहीं ये रिश्ते में खटास का वजह बनता है. इसलिए खुलकर बात करें.
कभी भी किसी घर में कमाई से ज्यादा खर्च नहीं होना चाहिए. आप जितना भी कमाते हों, उसमें से कुछ भाग को बचत करना बहुत जरूरी है. बचत हमेशा मुश्किल समय या किसी इमरजेंसी में काम आती है. इसलिए खुशहाल जीवन के लिए बचत पर भी फोकस करें.
आप चाहें कितना भी ज्यादा या कम क्यों न कमाते हों, रिटायरमेंट के लिए बचत जरूर करें. रिटायरमेंट के बाद अक्सर लोग पैसों के लिए अपने परिवार पर निर्भर हो जाते हैं, जो कि बुरी बात नहीं है. अगर आप अपने लिए बचत करेंगे, तो बेहतर रहेगा. भले ही छोटी रकम से शुरू करें, पर इस फंड में निवेश जरूर करें.
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