Morgan Stanley: ब्रोकरेज फर्म मॉर्गन स्टेनली ने भारत की अर्थव्यवस्था पर बड़ा भरोसा जताया है. कंपनी ने भारत के स्टेटस में बदलाव करते हुए ओवरवेट कर दिया है. जबकि, चीन को फर्म ने बड़ा झटका दिया है. कंपनी ने चीन का स्टेटस डिग्रेड करते हुए उसे इक्वल वेट रेटिंग दिया है. इससे पहले कंपनी ने मार्च के महीने में भारत में घटती वैल्यूएशन प्रीमियम और लचीली अर्थव्यवस्था का हवाला देते हुए भारत को अंडरवेट से इक्वी वेट में अपग्रेड किया था. इसके करीब चार महीने बाद ही, फर्म ने देश के स्टेटस में सुधार किया है. कंपनी का मानना है कि देश का सुधार और मैक्रो-स्टेबिलिटी एजेंडा मजबूत पूंजीगत व्यय और लाभ के दृष्टिकोण का समर्थन करता है. बता दें कि स्टेटस ओवर वेट करने का अर्थ होता है कि उस देश की अर्थव्यवस्था भविष्य में भी बेहतर प्रदर्शन करेगी.
6.2 लगाया जीडीपी का अनुमान
मॉर्गन स्टेनली ने भारत के स्टेटस में सुधार ऐसे वक्त में किया गया है, जब अमेरिका ने एएए दर्जा खो दिया है और चीन में मंदी की सुगबुगाहट हो रही है. फर्म ने इस बीच भारत के लचीले अर्थव्यवस्था को विकास के लिए बेहतर बताते हुए जीडीपी का अनुमान 6.2 रहने का अनुमान लगाया है. फर्म ने कहा है कि भारत भविष्य में चीन के अतित के जैसा दिखता है. दशक के अंत तक चीन की जीडीपी वृद्धि दर भारत की 6.5 प्रतिशत की तुलना में लगभग 3.9 प्रतिशत रहेगी. मॉर्गन स्टेनली ने एक नोट में कहा है कि भारत में पिछले कुछ वर्षों में स्ट्रक्चरल रिफॉर्म हुए हैं जिसका असर अब दिखने लगा है. कॉर्पोरेट टैक्स में कटौती और पीएलआई जैसी पहल हो या इंफ्रा में प्रगति लाना, ये सब इकोनॉमी के लिए पॉजिटिव है.
AI और महंगाई टेंशन
मॉर्गन स्टेनली ने अपने रिपोर्ट में मुद्रास्फीति और मौद्रिक नीतियों में अप्रत्याशित वृद्धि को जोखिम के तौर पर देखा है. इसके साथ ही, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के बुरे परिणाम की आशंका जाहिर की है. इसके मुताबिक, ये भारत के सेवा निर्यात और श्रम बल के लिए परेशानी का कारण बन सकता है. इसके साथ ही, महंगाई पर भी चिंता जाहिर की है. मॉर्गन स्टेनली ने लार्सन एंड टुब्रो और मारुति सुजुकी जैसे भारतीय शेयरों को अपनी एशिया-प्रशांत पूर्व-जापान फोकस सूची में जोड़ा है, जबकि टाइटन को सूची से हटा दिया गया है.
IMF ने भी सुधारी रेटिंग
अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (IMF) ने एक बार फिर से भारत की अर्थव्यवस्था पर भरोसा जताया है. संस्थान ने इस साल भारत की आर्थिक वृद्धि दर 6.1 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है. यह अप्रैल में जताये गये अनुमान के मुकाबले 0.2 प्रतिशत अधिक है. आईएमएफ ने कहा कि ताजा अनुमान मजबूत घरेलू निवेश के परिणामस्वरूप 2022 की चौथी तिमाही में उम्मीद से कहीं बेहतर आर्थिक वृद्धि की गति आगे भी जारी रहने का संकेत देता है. आईएमएफ ने अपने ताजा विश्व आर्थिक परिदृश्य में कहा कि भारत की वृद्धि दर 2023 में 6.1 प्रतिशत रहने का अनुमान है. यह अप्रैल में जताये गये अनुमान से 0.2 प्रतिशत अधिक है. रिपोर्ट के अनुसार, हालांकि वैश्विक स्तर पर वृद्धि दर 2022 के 3.5 प्रतिशत के अनुमान के मुकाबले 2023 और 2024 में कम होकर तीन प्रतिशत रहने की संभावना है. 2023 के लिये अनुमान इस साल अप्रैल में जताये गये अनुमान से कुछ बेहतर है लेकिन ऐतिहासिक मानदंडों के आधार पर वृद्धि दर कमजोर बनी हुई है.
वैश्विक स्तर पर खुदरा मुद्रास्फीति घटी
IMF की रिपोर्ट में कहा गया है कि मुद्रास्फीति को काबू में लाने के लिये केंद्रीय बैंक के नीतिगत दर में वृद्धि से आर्थिक गतिविधियों पर असर पड़ा है. वैश्विक स्तर पर खुदरा मुद्रास्फीति 2022 के 8.7 प्रतिशत से घटकर 2023 में 6.8 प्रतिशत और 2024 में 5.2 प्रतिशत पर आने की संभावना है. मुद्राकोष ने कहा कि अमेरिका में कर्ज सीमा को लेकर गतिरोध के हाल में समाधान और इस साल की शुरुआत में अमेरिका तथा स्विट्जरलैंड में कुछ बैंकों के विफल होने के बाद उद्योग में उथल-पुथल रोकने के लिये अधिकारियों के कड़े कदम से वित्तीय क्षेत्र में उतार-चढ़ाव का जोखिम कम हुआ है. इससे परिदृश्य को लेकर जोखिम कुछ कम हुआ है. हालांकि, वैश्विक वृद्धि को लेकर जोखिम अभी बना हुआ है. संस्थान के द्वारा चीन की जीडीपी वृद्धि दर वित्त वर्ष 2023 में 5.2 फीसदी रहने का अनुमान लगाया गया है, जबकि वित्त वर्ष 2024 में इसके 4.5 फीसदी रहने का अनुमान जाहिर किया गया है.
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