Motisons Jewellers IPO: लिस्ट होते ही मोतीसंस ज्वेलर्स के निवेशकों का पैसा डबल, शेयरों पर मिला 98% प्रीमियम
Motisons Jewellers IPO Listing: बीएसई पर शेयर ने निर्गम मूल्य से 88.90 प्रतिशत चढ़कर 103.90 रुपये पर शुरुआत की. बाद में, यह 98.34 प्रतिशत बढ़कर 109.09 रुपये पर पहुंच गए. एनएसई पर शेयर 98.18 प्रतिशत के उछाल के साथ 109 रुपये पर सूचीबद्ध हुआ.
Motisons Jewellers IPO Listing: मोतीसंस ज्वेलर्स के निवेशकों का आज बड़ा मुनाफा हुआ है. कंपनी के शेयर ने लिस्ट होते ही, निवेशकों का डबल मुनाफा कराया है. मोतीसंस ज्वेलर्स के शेयर अपने निर्गम मूल्य 55 रुपये से 98 प्रतिशत से अधिक चढ़कर मंगलवार को बाजार में सूचीबद्ध हुआ है. बीएसई पर शेयर ने निर्गम मूल्य से 88.90 प्रतिशत चढ़कर 103.90 रुपये पर शुरुआत की. बाद में, यह 98.34 प्रतिशत बढ़कर 109.09 रुपये पर पहुंच गए. एनएसई पर शेयर 98.18 प्रतिशत के उछाल के साथ 109 रुपये पर सूचीबद्ध हुआ. कंपनी का शुरुआती कारोबार में बाजार मूल्यांकन 994.30 करोड़ रुपये रहा. मोतीसंस ज्वेलर्स के 151 करोड़ रुपये के आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (IPO) को निर्गम के तीसरे और अंतिम दिन गत बुधवार को 159.61 गुना अभिदान मिला था. निर्गम के लिए 52-55 रुपये प्रति शेयर का मूल्य दायरा तय किया गया था. निर्गम के तहत 2,74,71,000 करोड़ इक्विटी शेयर को जारी किए गए थे। इसमें कोई भी बिक्री पेशकश (ओएफएस) नहीं थी. विशेषज्ञों ने इस आईपीओ को लेकर पहले ही, अच्छी प्रतिक्रिया दी थी.
आईपीओ क्या होता है
आईपीओ का पूरा नाम Initial Public Offering है. यह एक वित्तीय प्रक्रिया है जिसमें किसी प्राइवेट कंपनी ने अपने स्टॉक के खुले बाजार में निवेशकों के लिए प्रस्तावना जारी करने का निर्णय लिया होता है. यह उस कंपनी के लिए पहली बार होता है जब वह खुले बाजार में अपने शेयरों को बेचने के लिए जाती है. जब एक कंपनी आईपीओ जारी करती है, तो वह अपने शेयरों का प्रचार प्रसार करती है और इंवेस्टर्स को अपने शेयरों को खरीदने का मौका देती है. आईपीओ के माध्यम से कंपनी उसके स्टॉक को सार्वजनिक और न्यूजीज माध्यमों के माध्यम से निवेशकों के लिए उपलब्ध कराती है ताकि वे उसे खरीद सकें. आईपीओ के माध्यम से कंपनी अधिकतर अपने स्टॉक के लिए नए निवेशकों को खींचने की कोशिश करती है और इसके माध्यम से कंपनी अधिकतर पूंजी एकत्र करके अपने विकास और वित्तीय योजनाओं को पूरा करती है. यह निवेशकों के लिए एक आकर्षक विकल्प होता है क्योंकि यह उन्हें एक सार्वजनिक कंपनी के मालिक बनाने का अवसर प्रदान करता है.
सेकेंड हैंड आईपीओ का बाजार है ग्रे मार्केट
ग्रे मार्केट को आसान शब्दों में IPO का सेकेंड हैंड बाजार कहा जा सकता है. इसका अर्थ है कि आईपीओ जारी होने के बाद आप सीधे शेयर बाजार से खरीदारी करने के बजाये किसी निवेशक जिसने पहले से कंपनी में निवेश कर रखा है उससे आईपीओ की खरीदारी करते हैं. इस ग्रे मार्केट में सबसे बड़ी परेशानी ये आती है कि इसमें काम करने वाले सेलर, ब्रोकर और ट्रेडर कहीं भी रजिस्टर्ड नहीं होते हैं. इस बाजार में कोई नियम कानून नहीं है. केवल भरोसे और व्यक्तिगत बातचीत पर कारोबार होता है. वहीं, पैसे फंसने पर रिकवरी भी आपको खुद अपने माध्यम से ही करनी पड़ती है.
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