नयी दिल्ली : लोकसभा सदस्य हेमा मालिनी ने कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) की कर्मचारी पेंशन योजना (ईपीएस) में मासिक पेंशन बढ़ाने और अन्य सुविधाओं का लाभ 65 लाख से अधिक पेशनधारकों को दिलाने की मांग को लेकर श्रम मंत्री संतोष गंगवार को पत्र लिखा है. ईपीएस-95 राष्ट्रीय संघर्ष समिति (एनएसी) ने गुरुवार को एक बयान में यह जानकारी दी. पेंशनभोगी महंगाई भत्ते के साथ मूल पेंशन 7,500 रुपये मासिक करने और पेंशनभोगियों के पति या पत्नी को मुफ्त स्वास्थ्य सुविधाएं देने समेत अन्य मांग कर रहे हैं.
बयान के अनुसार, भाजपा सांसद हेमा मालिनी ने लिखा है, ‘सेवानिवृत्ति के बाद परिवार और समाज में सम्मान सहित जीने के लिए पेंशन दी जाती है, लेकिन ईपीएस-95 के पेंशन धारकों को बहुत मामूली पेंशन मिल रही है. इतनी महंगाई के जमाने में इतने कम पैसे में इन बुजुर्गों का अपनी जिंदगी की संध्यावेला गुजारना काफी मुश्किल है.
क्या है ईपीएस-95?
ईपीएस-95 कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) की कर्मचारी पेंशन योजना है. ईपीएस (कर्मचारी पेंशन योजना), 95 के तहत आने वाले कर्मचारियों के मूल वेतन (मूल वेतन और महंगाई भत्ता) का 12 फीसदी हिस्सा भविष्य निधि में जाता है. वहीं, नियोक्ता के 12 फीसदी हिस्से में से 8.33 फीसदी कर्मचारी पेंशन योजना में जाता है.
फिलहाल 2500 रुपये की मिलती है पेंशन
ईपीएस 95 राष्ट्रीय संघर्ष समिति (एनएसी) के अध्यक्ष कमांडर अशोक राउत (सेवानिवृत्त) का दावा है कि 30-30 साल काम करने और ईपीएस आधारित पेंशन मद में निरंतर योगदान करने के बाद भी कर्मचारियों को मासिक पेंशन के रूप में अधिकतम 2,500 रुपये ही मिल रहे हैं. इससे कर्मचारियों और उनके परिजनों का गुजर-बसर करना कठिन है.
पीएम मोदी को भी ज्ञापन दे चुकी हैं हेमा
मथुरा की सांसद ने पत्र में लिखा है, ‘वह पेंशनधारकों के प्रतिनिधियों के साथ मिलकर प्रधानमंत्री से भी मुलाकात कर ज्ञापन सौंप चुकी हैं. हेमा मालिनी ने पत्र में यह भी लिखा है कि ईपीएस राष्ट्रीय संघर्ष समिति के जनप्रतिनिधि मेरे पास बार-बार आए और मैं इनकी हालत देखकर बहुत व्यथित हूं. उन्होंने श्रम मंत्री से बुजुर्ग पेंशनरों की मांग पर गौर करने और उनके चेहरे पर मुस्कान लाने की अपील की है.
तीन साल से आंदोलनरत हैं पेंशनधारी रिटायर्ड कर्मचारी
राऊत ने बयान में दावा किया कि ईपीएस राष्ट्रीय संघर्ष समिति 65 लाख ईपीएस-95 पेंशनधारकों का प्रतिनिधित्व करती है। बुजुर्ग पेंशनधारक महीने में गुजारे लायक पेंशन को लेकर 3 वर्षों से आंदोलन चला रहे हैं. उन्होंने कहा कि संगठन के मुख्यालय महाराष्ट्र के बुलढाणा में मांगों के समर्थन में पिछले 640 दिनों से क्रमिक अनशन चल रहा है.
हेमा के पत्र से पेंशनभोगियों में जगी आस
राऊत ने कहा कि माननीय सांसद के पत्र के बाद बुजुर्ग पेंशनभोगियों को अपने साथ इंसाफ होने की आस जगी है. राऊत ने यह भी कहा कि पेंशनधारक अपनी मांग प्रधानमंत्री तक पहुंचाने के लिए ‘एक पत्र प्रधानमंत्री के नाम और एनएसी शहीदों के नाम एक वृक्ष रोपण’ के नाम से अभियान चला रहे हैं.
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Posted By : Vishwat Sen
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