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कोलैटरल फ्री लोन के लिए एमएसएमई उद्यमियों को उठाना होगा ये कदम, जानिए क्या है नियम और प्रक्रिया…?

कोविड-19 महामारी की रोकथाम के लिए बीते दो महीने से भी अधिक समय तक देश में लागू लॉकडाउन के दौरान सूक्ष्म, लघु और मध्यम (एमएसएमई) उद्यमियों को सुगमतापूर्वक कारोबार शुरू करने के लिए सरकार ने पिछले महीने 3 लाख करोड़ रुपये के बिना किसी गारंटी के (कोलैटरल लोन) देने की सुविधा प्रदान की है. अगर आप छोटे कारोबारी हैं और आप अपने उद्योग-धंधों को सुगमतापूर्वक चलाने के लिए इस संकट की घड़ी में लोन लेना चाहते हैं, तो आपको किसी ऐसी-वैसी गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्थाओं पर भरोसा करने के बजाए बैंकों से कोलैटरल लोन लेने का विकल्प चुनना चाहिए.

नयी दिल्ली : कोविड-19 महामारी की रोकथाम के लिए बीते दो महीने से भी अधिक समय तक देश में लागू लॉकडाउन के दौरान सूक्ष्म, लघु और मध्यम (एमएसएमई) उद्यमियों को सुगमतापूर्वक कारोबार शुरू करने के लिए सरकार ने पिछले महीने 3 लाख करोड़ रुपये के बिना किसी गारंटी के (कोलैटरल लोन) देने की सुविधा प्रदान की है. अगर आप छोटे कारोबारी हैं और आप अपने उद्योग-धंधों को सुगमतापूर्वक चलाने के लिए इस संकट की घड़ी में लोन लेना चाहते हैं, तो आपको किसी ऐसी-वैसी गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्थाओं पर भरोसा करने के बजाए बैंकों से कोलैटरल लोन लेने का विकल्प चुनना चाहिए. यह ज्यादा सुरक्षित माध्यम है. सरकार ने रुके पड़े एमएसएमई उद्योगों को रफ्तार देने के लिए यह सुविधा प्रदान की है.

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दरअसल, एमएसएमई को यह कोलैटरल फ्री (बिना गिरवी वाला) लोन बैंकों की ओर से 9.25 फीसदी की आकर्षित ब्याज दर पर उपलब्ध कराने की बात कही गयी है. मौजूदा समय में बैंक जोखिम को ध्यान में रखते हुए एमएसएमई सेक्टर को 9.5 फीसदी से लेकर 17 फीसदी तक की विभिन्न ब्याज दरों पर लोन उपलब्ध कराते हैं. वहीं, गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्थाओं (एनबीएफसी) की ओर से दिए जाने वाले लोन पर अधिकतम 14 फीसदी की ब्याज दर की कैपिंग लगाने की बात कही जा रही है.

किसे दी गयी कोलैटरल लोन की सुविधा : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 20 लाख करोड़ रुपए के कोरोना राहत पैकेज के तहत 13 मई को पहली किस्त में वित्त मंत्री ने छोटे कारोबारियों को राहत देने के मकसद से आउटस्टैंडिंग क्रेडिट के 20 फीसदी के बराबर अतिरिक्त कार्यशील पूंजी भी देने की घोषणा की थी. यह अतिरिक्त कार्यशील पूंजी सस्ती ब्याज दरों पर टर्म लोन के रूप में दी जाएगी. यह लोन 25 करोड़ तक की आउटस्टैंडिंग और 100 करोड़ तक टर्नओवर वाले कारोबारियों को दिया जाएगा.

क्या है मानदंड : केंद्र सरकार के इस कदम से एमएसएमई को करीब 3 लाख करोड़ रुपये की लिक्विडिटी उपलब्ध करायी जाएगी. इस पूरी रकम की गारंटी केंद्र सरकार देगी. इसके लिए एमएसएमई इकाइयों को किसी भी प्रकार की कोई गारंटी या कुछ भी गिरवी रखने की जरूरत नहीं पड़ेगी. इससे करीब 45 लाख एमएसएमई लाभान्वित होंगे. यह लोन चार साल की अवधि के लिए होगा. इसमें प्रिंसीपल पुनर्भुगतान पर 12 महीने तक किस्त के भुगतान से छूट भी मिलेगी. इस योजना का लाभ लेने के लिए 31 अक्टूबर 2020 तक आवेदन किया जा सकता है.

कोलैटरल फ्री लोन प्राप्त करने के लिए क्या है पात्रता मानदंड : एमएसएमई क्षेत्र के जो उद्यमी कोलैटरल फ्री लोन लेने की योजना बना रहे हैं, सरकार की ओर से उनके लिए पात्रता के लिए मानदंड भी तय किया गया है. तय किये गये मानदंड के अनुसार, कोलैटरल फ्री लोन लेने वाले उद्यमी की उम्र 22 से 55 साल के बीच होनी चाहिए. जिस कारोबार के लिए उद्यमी लोन लेना चाहते हैं, वह कम से कम तीन साल तक सुचारू रूप से संचालित हुआ हो. इसके अलावा, लोन वाले कारोबार के लिए कम से कम एक साल का इनकम टैक्स रिटर्न भरा होना चाहिए. चार्टर्ड अकाउंटेंट द्वारा विधिवत तरीके से ऑडिट किया गया पिछले साल का टर्नओवर का दस्तावेज जमा कराना जरूरी होगा.

सरकारी बैंकों ने आपातकालीन ऋण गारंटी योजना के तहत एमएसएमई को दिये 3,893 करोड़ रुपये का लोन : वित्त मंत्रालय के अनुसार, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) ने कोरोना वायरस महामारी के चलते लागू लॉकडाउन से बुरी तरह प्रभावित एमएसएमई क्षेत्र को इस महीने के पहले दो दिन में तीन लाख करोड़ रुपये की आपातकालीन ऋण गारंटी योजना (ईसीएलजीएस) के तहत 3,893 करोड़ रुपये का लोन दे दिया है. इस बीच पीएसबी ने एक जून से 100 फीसदी ईसीएलजीएस के तहत 10,361.75 करोड़ रुपये के लोन को मंजूरी दी.

Posted By : Vishwat Sen

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