क्यूआर कोड से रेहड़ी-पटरी वालों को मिलेगा 5 लाख लोन, रोजाना चुका सकते हैं किस्त

MSME Loan: भारत में करीब 6 करोड़ इन्फॉर्मल माइक्रो एंटरप्राइज (आईएमई) हैं. यह देश में सबसे बड़े रोजगार सृजनकर्ताओं में से एक हैं और देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में महत्वपूर्ण योगदान देता है.

By KumarVishwat Sen | December 3, 2024 7:30 AM
an image

MSME Loan: सड़क के किनारे छोटी पूंजी से छोटा कारोबार कर रहे रेहड़ी-पटरी वाले भी अब 5 लाख रुपये तक का लोन लेकर अपने व्यवसाय को बढ़ावा दे सकते हैं. खास बात यह है कि उन्हें यह लोन केवल क्यूआर कोड से ही मिल जाएगा. उन्हें यह लोन डेली ट्रांजेक्शन के आधार पर मिलेगा. इस लोन की दूसरी खासियत यह है कि लोन लेने के बाद वे इसकी किस्त का रोजाना भुगतान भी कर सकते हैं. अब आप सोच रहे होंगे कि देश में भला कौन सा ऐसा बैंक है, जो रेहड़ी-पटरी वालों पर इतना अधिक भरोसा करके लोन बांट रहा है? जनाब, यह बैंक नहीं, बल्कि नॉन-बैंकि फाइनेंशियल कंपनी (एनबीएफसी) मुथूट फिनकॉर्प वन है, जो रेहड़ी-पटरी वालों को एमएसएमई (माइक्रो, स्मॉल और मीडियम एंटरप्राइजेज) लोन दे रही है.

किस्त भुगतान के लिए ऐप का इस्तेमाल

एनबीएफसी मुथूट फिनकॉर्प वन की ओर से सोमवार को जारी किए गए बयान में कहा गया है कि वह रेहड़ी-पटरी जैसे छोटे कारोबारों को डेली ट्रांजेक्शन के आधार पर 5 लाख रुपये का लोन मुहैया कराएगी. अपने बयान में मुथूट फिनकॉर्प वन ने कहा कि कंपनी एमएसएमई को रोजाना आधार पर किस्त भुगतान ऑप्शन के साथ लोन देगी, जिसमें डेली ट्रांजेक्शन के लिए क्यूआर कोड आधारित ऐप का इस्तेमाल किया जाएगा.

भारत में करीब 6 करोड़ इन्फॉर्मल माइक्रो एंटरप्राइज

कंपनी ने कहा कि यह लोन स्कीम छोटे कारोबारियों के लिए ‘न्यू क्रेडिट असेसमेंट मॉडल’ पर आधारित है, जिसकी घोषणा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 23 जुलाई 2024 को संसद में बजट भाषण में की थी. इस मॉडल के तहत बैंकों को छोटे कारोबार का असेसमेंट उनके बही-खातों के बजाए डिजिटल फुटप्रिंट्स’ के आधार पर करना है. मुथूट फिनकॉर्प वन के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) चंदन खेतान ने कहा कि भारत में करीब 6 करोड़ इन्फॉर्मल माइक्रो एंटरप्राइज (आईएमई) हैं. यह देश में सबसे बड़े रोजगार सृजनकर्ताओं में से एक हैं और देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में महत्वपूर्ण योगदान देता है.

इसे भी पढ़ें: भारत में बनी स्कोडा की तीसरी कार की बुकिंग शुरू, मारुति ब्रेजा को देगी टक्कर

बैंकों जाने के झंझट से छुटकारा

उन्होंने कहा कि क्यूआर-कोड आधारित लोन स्कीम का मकसद ऐसे आईएमई को लोन देना है, जो बैंकों तक पहुंचने में बाधाओं का सामना करते हैं. यह स्कीम उनकी दैनिक व्यावसायिक जरूरतों के अनुसार तैयार किया गया है. डिजिटल कैश फ्लो डेटा के साथ लोन पहुंच को जोड़कर कर एमएसएमई को वित्तीय मजबूती के लिए एक नया रास्ता प्रदान कर किया जा रहा है.

इसे भी पढ़ें: पटना में सिर्फ 10 मिनट में मनचाहा डिश डिलीवरी करेगी स्विगी, बोल्ट हो गया शुरू

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

Exit mobile version