14.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

MTech Baba का दावा, 40 लाख की नौकरी छोड़कर बन गए नागा साधु

MTech Baba: एमटेक बाबा ने 40 लाख रुपये की नौकरी छोड़कर नागा साधु बनने का फैसला किया. महाकुंभ प्रयागराज में उन्होंने अपनी जीवन यात्रा के बारे में खुलासा किया, जिसमें भौतिक जीवन छोड़ने और आध्यात्मिकता की ओर बढ़ने की कहानी है.

MTech Baba: प्रयागराज के महाकुंभ में अलग-अलग साधु-संत अपनी अनोखी जीवन कहानियों और रूप-रंग से सभी का ध्यान खींच रहे हैं. इनमें से कुछ बाबा ऐसे हैं, जो कुंभ खत्म होते ही अदृश्य हो जाएंगे. हाल ही में आईआईटी वाले बाबा की खूब चर्चा हुई थी, लेकिन अब एक और खास बाबा सुर्खियों में हैं, जिन्हें लोग एमटेक बाबा के नाम से जानते हैं.

कौन हैं एमटेक बाबा?

एमटेक बाबा का असली नाम दिगंबर कृष्ण गिरी है. ये पहले एक सफल पेशेवर थे, जिनका सालाना पैकेज 40 लाख रुपये था. उनकी महीने की तनख्वाह 3.2 लाख रुपये थी, लेकिन उन्होंने इस सब को छोड़कर साधु जीवन अपनाने का फैसला किया. वे अब निरंजनी अखाड़े में शामिल होकर नागा साधु बन गए हैं.

एमटेक बाबा बचपन और शिक्षा

दिगंबर कृष्ण गिरी का जन्म एक तेलुगू ब्राह्मण परिवार में हुआ. उन्होंने कर्नाटक यूनिवर्सिटी से एमटेक की पढ़ाई की. पढ़ाई में अव्वल रहने के कारण उन्हें नामी कंपनियों में काम करने का मौका मिला.

एमटेक बाबा के करियर की ऊंचाइयां

अपने करियर के दौरान, एमटेक बाबा ने एसीसी बिड़ला, डालमिया और कजारिया जैसी बड़ी कंपनियों में काम किया. 2010 में, वे दिल्ली की एक कंपनी में जनरल मैनेजर के पद पर थे, जहां उन्होंने 450 लोगों की टीम को संभाला. उनकी मेहनत और नेतृत्व की क्षमता ने उन्हें पेशेवर दुनिया में एक अलग पहचान दिलाई.

एमटेक बाबा का दावा

एमटेक बाबा ने एक सवाल के जवाब में कहा, ”मैं एमटेक स्ट्रक्चर का हूं. मैं एसीसी बिड़ला, डालमिया और कजारिया जैसी कंपनियों में काम किया हूं. बाद मैं सांसारिक कारणों से… पर्सनल रीजन से दिल्ली आया हूं. मैं जेनरल मैनेजर था. उस समय मेरा 3.2 लाख रुपये टेकऑफ था. मैं इसलिए साधु बना कि देहरादून आने के टाइम में मैं साधु के एक ग्रुप को देखा. उसे देखकर मुझे लगा कि ये क्या है? मैं ब्राह्मण परिवार के होके इतना साधु लोग को एक साथ नहीं देख सकता. जैसा ऋषिकेश और हरिद्वार में हुआ. इसके बारे में मैंने तीन महीने तक गूगल किया, कुछ नहीं मिला. इसे देखने के लिए इसमें उतर गया. फिर भी इससे वापस आने के लिए नहीं हुआ.”

इसे भी पढ़ें: SSY Vs SIP: आपकी बेटी के फ्यूचर के लिए होगा बेस्ट, सुकन्या समृद्धि योजना या एसआईपी? जानें पूरी डिटेल्स

मैंने भगवान को दो बार देखा: एमटेक बाबा

एक दूसरे सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ” भौतिक लाइफ क्या है. जब सैलरी ज्यादा होती है, तो गंदी आदत भी हो जाती है. ऐसा भी मेरे लाइफ में हुआ. यहां सिर्फ शिव का ध्यान रहता है. भगवान ध्यान में रहते हैं. समाज के हित के लिए नागा साधु लोग काम करते हैं. यहां मैं दो बार भगवान को देख चुका हूं. एक बार डाइरेक्ट देखा हूं, एक बार आवाज सुना हूं. मुझे वही बहुत आनंद है. मैं राम मंदिर के उद्घाटन में भी शामिल रहा हूं. आमंत्रित गेस्ट था उसमें. मंदिर कमेटी से ही आमंत्रण आया. मेरी कुटिया को आमंत्रण आया. मेरे पास इसलिए आया कि मैं हिमालय पर रहकर, नागा साधु बनकर समाज के हित में काम करता हूं.”

इसे भी पढ़ें: फिल्म शोले 1975 में 3 करोड़ में बनी थी, 2025 में बने तो कितना होगा खर्च

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें