मुंबई : रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) के चेयरमैन मुकेश अंबानी स्टैंडफोर्ड यूनिवर्सिटी के अपने सहपाठी (Classmate) स्टीव बाल्मर से आगे निकलकर दुनिया के पांचवें सबसे बड़े अमीर आदमी बन सकते हैं. यह इसलिए भी कहा जा रहा है, क्योंकि अब मुकेश अंबानी को दुनिया का पांचवां सबसे बड़ा आदमी बनने में केवल 3.4 बिलियन डॉलर का ही अंतर रह गया है. मुकेश अंबानी की अगुआई वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयरों ने बुधवार को बहुप्रतीक्षित कंपनी की 43वीं वार्षिक आम बैठक (AGM) के वक्त अपनी 52 सप्ताह की उच्चतर 1,978.5 रुपये की ऊंचाई को छू लिया.
उधर, विश्लेषक पिछले साल की तरह इस साल भी कंपनी की एजीएम के दौरान कुछ बड़े धमाकेदार घोषणाओं को लेकर काफी उत्साहित रहे, जो आरआईएल शेयरधारकों के लिए सकारात्मक होंगे और अंबानी को वैश्विक अमीरों की सूची में अपने स्टैनफोर्ड के सहपाठी स्टीव बामर को पीछे छोड़ने में मदद कर सकते हैं.
ब्लूमबर्ग बिलियनेयर्स डेली इंडेक्स के अनुसार, मुकेश अंबानी 15 जुलाई तक दुनिया के सबसे अमीर लोगों की दैनिक सूचकांक में 8वें स्थान पर हैं. करीब 71.6 बिलियन डॉलर की व्यक्तिगत संपत्ति वाले मुकेश अंबानी को बर्कशायर हैथवे के चेयरमैन वॉरेन बफेट और दुनिया के सबसे बड़े सर्च इंजन गूगल होल्डिंग कंपनी अल्फाबेट के सह-संस्थापक लैरी पेज 300 मिलियन डॉलर की कमी रह गयी है. ब्लूमबर्ग बिलियनेयर्स इंडेक्स के अनुसार, दोनों दुनिया के 6ठे और 7वें सबसे अमीर हैं.
मनी कंट्रोल वेबसाइट पर प्रकाशित खबर के अनुसार, स्टेडफोर्ड यूनिवर्सिटी में मुकेश अंबानी के सहपाठी और माइक्रोसॉफ्ट के पूर्व सीईओ 75 बिलियन डॉलर की व्यक्ति के साथ ब्लूमबर्ग की सूची में पांचवें स्थान पर हैं. उन्होंने वर्ष 2014 में माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ का पद छोड1 दिया था और वाशिंगटन स्थित कंपनी रेडमंड के शेयरधारक बन गये. रेडमंड विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम कंपनी है, जो एक्सबॉक्स गेम कंसोल और सरफेस टैबलेट कंप्यूटर बनाती है.
उधर, जिस समय मुकेश अंबानी ने बुधवार को ऑनलाइन रिलायंस इंडस्ट्रीज के एजीएम की शुरुआत की, उसके पहले दोपहर करीब 12 बजे शेयर बाजार में रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के शेयर करीब 2.2 फीसदी की बढ़त के साथ 12.42 लाख करोड़ से अधिक का कारोबार कर रहे थे. विश्लेषक और निवेशक इस बात की उम्मीद कर रहे थे कि मुकेश अंबानी पिछले साल की ही तरह इस साल भी कुछ धमाकेदार ऐलान करेंगे. पिछले साल की एजीएम में अंबानी ने आरआईएल को शून्य ऋणदाता बनाने के लिए ऐलान किया था कि दुनिया की सबसे बड़ा तेल उत्पादक कंपनी सऊदी अरामको 75 बिलियन डॉलर के उद्यम मूल्य का आरआईएल के तेल-से-रासायनिक (ओ 2 सी) कारोबार में 20 फीसदी हिस्सेदारी खरीदेगा.
सऊदी अरामको सौदा अभी तक समाप्त नहीं हुआ है, लेकिन दुनिया के कुछ प्रमुख तकनीकी निवेशकों को अपनी डिजिटल फर्म जियो प्लेटफार्म्स की 26 फीसदी हिस्सेदारी बेचने के बाद आरआईएल अपने अध्यक्ष द्वारा निर्धारित समय सीमा से नौ महीने पहले एक शुद्ध शून्य ऋण कंपनी बन गयी. इसने अपने प्रयासों के लिए 1.18 लाख करोड़ रुपये जुटाए. आरआईएल ने राइट्स इश्यू के जरिए 53,124 करोड़ रुपये जुटाए, जिसे 1.59 गुना सब्सक्राइब किया गया और जो पिछले 10 सालों में गैर-वित्तीय संस्था द्वारा दुनिया में सबसे बड़ा कारोबार है.
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Posted By : Vishwat Sen
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