16 लाख करोड़ है रिलायंस इंडस्ट्रीज का मार्केट कैप
मुकेश अंबानी की हिस्से वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज का एजीएम आयोजित किया गया था. इसमें चेयरमैन मुकेश अंबानी ने अपने तीनों बच्चों को बोर्ड में शामिल करने की घोषणा की थी. इससे साफ है कि वो अपने बच्चों को कंपनी की कमान सौंपने की तैयारी कर रहे हैं. दरअसल, धीरुभाई अंबानी के निधन के बाद मुकेश अंबानी और अनिल अंबानी में काफी मतभेद हो गए थे. बाद में, मां कोकिलाबेन ने दोनों भाइयों के बीच कारोबारी साम्राज्य को बांटने का ऐलान किया. यही कारण है कि मुकेश अंबानी अपना कदम फूंक-फूंककर रख रहे हैं.
तीसरे सबसे बड़े प्राइवेट बैंक के फाउंडर हैं उदय कोटक
उदय कोटक देश के तीसरे सबसे बड़े प्राइवेट बैंक के संस्थापक हैं. उन्होंने हाल ही में कोटक महिंद्रा बैंक के एमडी और सीईओ पद से इस्तीफा दे दिया. हालांकि, उनके बेटे जय कोटक की ताजपोशी बोर्ड पर निर्भर करेगी. सूत्रों के अनुसार, जय कोटक को कोटक महिंद्रा बैंक की जिम्मेदारी मिलने में अभी वक्त लग सकता है. जबकि, छोटे बेटे धवल कोटक ने पिछले साल कोलंबिया बिजनस स्कूल से गेजुएशन किया है.
आनंद महिंद्रा की हैं दो बेटियां
आनंद महिंद्रा का मार्केट कैप करीब 1.9 करोड़ रुपये का है. महिंद्रा का बिजनेस ऑटोमोबाइल, एग्रीकल्चर, आईटी और एयरोस्पेस समेत कई सेक्टर्स में फैला हुआ है. उनकी दो बेटियां है. लेकिन अभी कोई भी ग्रुप में लीडरशिप पोजीशन में नहीं है.
सबसे सशक्त बिजनेस वुमन हैं किरण मजूमदार शॉ
बेंगलुरु की बायोटेक कंपनी बायोकॉन की फाउंडर 70 वर्षीय किरण मजूमदार शॉ की पहचान सबसे सशक्त बिजनेस वुमेन के रुप में होती है मगर उनका कोई बच्चा नहीं है. उनकी पति की मृत्यु पीछे वर्ष हो गयी है. उन्होंने अभी तक अपने कंपनी के उत्तराधिकार की बात नहीं की है.
फूड कंपनी ब्रिटानिया के मालिक हैं नुस्ली वाडिया
नुस्ली वाडिया की उम्र 79 वर्ष की है. उनके छोटे बेटे जहांगीर ने वाडिया ग्रुप की कई कंपनियों के बोर्ड से इस्तीफा दे दिया है. ऐसे में उनके बड़े बेटे नेस वाडिया उत्तराधिकार की तरफ बढ़ रहे हैं. बता दें कि वाडिया ग्रुप देश की सबसे पुरानी कंपनियों में से एक है. इसकी स्थापना 1736 में हुई थी. कंपनी एविएशन, कंज्यूमर, रियल एस्टेट, प्लांटेशंस, केमिकल्स और हेल्थकेयर में डील करती है. वर्तमान में इसका मार्केट कैप 1.1 लाख करोड़ का है.
बिक सकती है सिपला
फार्मा इंडस्ट्री की दिग्गज कंपनी सिपला के फाउंडर 87 वर्षीय यूसुफ हमीद अब सक्रिया नहीं है. उनकी अगली पीढ़ी को कंपनी चलाने में अब कोई दिलचस्पी नहीं है. ऐसे में वो इसे बेचने की फिराक में हैं. ये उन कंपनियों की लिस्ट में शामिल है जो देश में फार्मा इंडस्टी के उम्मीदों और संघर्ष की गवाह रही है.
इन्हें भी चुनना है उताधिकारी
इनके अलावा सन फार्मा के दिलीप सांघवी (67), मैरिको के हर्ष मरीवाला (72), भारत फोर्ज के बाबा कल्याणी (74), अपोलो हॉस्पिटल्स के प्रताप रेड्डी (91), वेदांता के अनिल अग्रवाल (69), और अपोलो टायर्स के ओंकार सिंह कंवर (81) को भी अपनी कंपनियों के लिए उत्तराधिकारी की तलाश करनी है.