कब पूरा होगा मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट, 99 फीसदी भूमि अधिग्रहित, जानिए और कितना लगेगा समय

मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण का काम जोर शोर से जारी है. परियोजना के लिए जितनी जमीन चाहिए उस भूमि का करीब 99 फीसदी भूमि का अधिग्रहण कर लिया गया है. मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल परियोजना की 81 फीसदी लागत जापान सरकार की ओर से वित्त पोषित की जा रही है.

By Pritish Sahay | December 15, 2022 10:25 PM

मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण का काम जोर शोर से जारी है. न्यूज 18 की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अब तक 1,374 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण हो गया है. यानी कि परियोजना के लिए जितनी जमीन चाहिए उस भूमि का करीब 99 फीसदी भूमि का अधिग्रहण कर लिया गया है. अहमदाबाद हाई स्पीड रेल परियोजना के तहत बुलेट ट्रेन गुजरात, दादर और नगर हवेली से लेकर महाराष्ट्र से होकर गुजरेगी. परियोजना के लिए केंद्र शासित प्रदेश में 100 फीसदी भूमि का अधिग्रहण किया जा चुका है.

रेलवे मंत्रालय के मुताबिक, मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल परियोजना की 81 फीसदी लागत जापान सरकार की ओर से वित्त पोषित की जा रही है. खर्चे की बाकी रकम रेल मंत्रालय दे रहा है जो बची हुई रकम का 50 फीसदी है. इसके अलावा गुजरात सरकार 25 फीसदी और महाराष्ट्र सरकार 25 फीसदी रकम इक्विटी के माध्यम से दी जा रही है. नेशनल हाई स्पीड रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड की ओर से जारी द्वारा परियोजना को दिसंबर 2023 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है.

कोरोना के कारण भूमि अधिग्रहण में हुई देरी: गौरतलब है कि इस परियोजना में कोरोना के कारण थोड़ी देरी हुई. अगस्त महीने में ही गुजरात में भूमि अधिग्रहण का काम करीब 99 फीसदी हो चुका था. लेकिन कोरोना के कारण परियोजना में देरी हुई. खुद रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा था कि मुंबई-अहमदाबाद हाई-स्पीड रेल परियोजना में देरी हुई है और इसकी वजह है भूमि अधिग्रहण में देरी, साथ ही कोरोना के कारण भी इसमें देरी हुई.

क्या होगी खासियत: गौरतलब है कि हाई स्पीड रेल कॉरिडोर पर अहमदाबाद से मुंबई के बीच बुलेट ट्रेन चलाई जाएगी. इसकी रफ्तार 320 किमी प्रति घंटे की होगी. ऐसे में दोनों शहरों के बीच की दूरी महज तीन घंटे में पूरी हो जाएगी. मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल परियोजना की कुल लागत तकरीबन 1.08 लाख करोड़ रुपये है, जिसमें केंद्र सरकार 10 हजार करोड़ रुपये, गुजरात सरकार 5 हजार करोड़ रुपये और महाराष्ट्र सरकार भी 5 हजार करोड़ रुपये नेशनल हाई-स्पीड रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (NHSRCL) को भुगतान करेगी. शेष राशि जापान कर्ज के रूप में दे रहा है. 

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