रांची में 16 साल की उम्र में ही पारिवारिक कारोबार से जुड़नेवाले मुरारी लाल जालान ने पिता के निधन के बाद फोटो लैब से शुरुआत की. अनेक मुश्किलों से जूझते हुए 26 साल की उम्र में कुछ बड़ा करने का सपना लेकर विदेश पहुंच गये. उन्होंने कई प्रयोग किये, रिस्क उठाया और कामयाबी की सीढ़ी चढ़ते चले गये. इसी कामयाबी का नया पड़ाव बना है जेट एयरवेज की खरीद. दुबई में रहनेवाले 56 साल के जालान का रीयल एस्टेट, माइनिंग, कंस्ट्रक्शन, डेयरी, ट्रेवल एंड टूरिज्म का कारोबार कई देशों में फैला हुआ है.
जेट एयरवेज के जरिये उन्होंने एविएशन में इंट्री की है. उनके ग्रुप के पास इस क्षेत्र में अनुभव नहीं है, लेकिन उनका मानना है कि वे इसमें भी कामयाब होंगे. व्यापार में सफलता, कर्ज में डूबी जेट एयरवेज को खरीदने की वजह और भावी योजना और अन्य विषयों पर एमजे ग्रुप के मालिक जालान से प्रभात खबर के राष्ट्रीय ब्यूरो प्रमुख अंजनी कुमार सिंह और प्रिंसिपल कोरेस्पोंडेंट विनय तिवारी की बातचीत के प्रमुख अंश.
जेट एयरवेज लगभग 27-28 साल पुरानी कंपनी है. देश-विदेश में सभी इसे जानते हैं. अपने काम की बदौलत कंपनी अपना नाम बनाने में सफल रही. जेट ने लोगों को काफी अच्छी सेवा देने का काम किया, लेकिन किसी कारणवश कंपनी बंद हो गयी. इसके प्रोमोटर ने काफी अच्छा काम किया है. हमें इसे खरीदने का मौका मिला, यह हमारे लिए सौभाग्य की बात है. हमारी कोशिश होगी कि जेट जैसे पहले काम करती थी, उससे अच्छा काम करे और इसके लिए हम पूरी मेहनत करेंगे.
उद्यमी के लिए कोई क्षेत्र नया नहीं होता है. उसे जहां बेहतर मौका मिलता है, वहां निवेश करता है. मुझे एविएशन के क्षेत्र में बेहतर मौका मिला, इसलिए निवेश करने का फैसला किया. उद्यमी को हमेशा चुनौती स्वीकार करने के लिए तैयार रहना चाहिए. इससे सीखने में मदद मिलती है. मैं उद्यमी हूं, इसलिए एविएशन क्षेत्र में उतरने का निर्णय किया.
हमारी कोशिश घरेलू और अंतरराष्ट्रीय, दोनों उड़ान शुरू करने की है, लेकिन अंतरराष्ट्रीय उड़ान शुरू करने के लिए कई तरह की मंजूरी की जरूरत होती है. इसलिए इसमें थोड़ा समय लग सकता है. हमारी कोशिश होगी कि घरेलू उड़ान जल्दी ही शुरू हो जाए. दिल्ली, मुंबई जैसे बड़े शहरों से तो उड़ान होगी ही, हम रांची, पटना, गुवाहाटी जैसे अन्य शहरों को भी प्राथमिकता देंगे. जैसे ही मंजूरी मिलेगी, उड़ान शुरू कर दी जायेगी. अब छोटे शहरों में भी लोग समय बचाने के लिए हवाई यात्रा करना पसंद करते हैं.
बंद होने के कारण जेट एयरवेज को थोड़ा नुकसान पहुंचा है. लेकिन मेरा मानना है कि ब्रांड पर कोई खास असर नहीं पड़ा है. इसके बंद होने से लोगों को परेशानी जरूर हुई है. हमारी कोशिश होगी कि एयरलाइन के पुराने वैभव को वापस लाया जाए. लोग इसे पसंद करते रहे हैं. जब से मुझे इसे खरीदने की मंजूरी मिली है, कई लोगों ने कहा कि हम जेट एयरवेज से सफर करते थे और शुरू होने का इंतजार कर रहे हैं. ये मेरे लिए अच्छी बात है कि अभी भी लोगों का जुड़ाव इससे बना हुआ है. ऐसे में हमारी कोशिश होगी कि इसे पुरानी स्थिति या उससे बेहतर हालात में ले जाएं. हमारे लिए अच्छी बात है कि कोरोना के दौर में अच्छी डील हो गयी है और हमारे ऊपर कोई बोझ नहीं है. आज जितने भी एयरलाइन चल रहे हैं, सभी पर काफी बोझ है. हमारा सौभाग्य है कि बिना किसी बोझ के हम यह एयरलाइन ले रहे हैं. हम इसे अच्छे से आगे ले जाने की कोशिश करेंगे.
नाम बदलने की कोई योजना नहीं है. जैसा था, वैसा ही रहेगा, लेकिन हमारा एयरलाइन लो-कॉस्ट नहीं होगा. यह प्रीमियर एयरलाइन की तरह काम करता रहेगा. हमारी कोशिश होगी कि यात्रियों पहले से बेहतर सुविधा मिले.
अभी मामला एनसीएलटी में है और उम्मीद है कि एक महीने में इसे मंजूरी मिल जायेगी. इसके बाद संचालन की योजना पर काम शुरू होगा. एनसीएलटी से मंजूरी मिलने के बाद 4-6 महीने लगेंगे. कोरोना काल में एयरलाइन उद्योग पर काफी असर पड़ा है. पर आने वाले समय में एयर ट्रैफिक काफी बढ़ेगा और फिर उसे देख कर योजना बनानी पड़ेगी. हमारे फोकस में छोटे शहर हैं और कोशिश होगी कि छोटे शहर से विदेश के लिए उड़ान की व्यवस्था हो, क्योंकि छोटे शहर के लोग भी काफी स्मार्ट हो चुके हैं और अब हवाई जहाज से यात्रा करना बड़ी बात नहीं रह गयी है. पिछले कुछ साल में हवाई यात्रियों की संख्या काफी बढ़ी है.
जो पुराने विमान हैं, उन्हें उपयोग में लाने के लिए काम किया जायेगा. हम छह महीने में संचालन शुरू करना चाहते हैं. हमें नहीं लगता कि पुराने विमान इतने कम समय में उड़ने लायक तैयार हो पायेंगे. इसलिए नये विमानों से सेवा शुरू करने की योजना है. एनसीएलटी से मंजूरी मिलते ही नये विमान खरीदने पर बातचीत शुरू होगी. तत्काल 25 विमान खरीदने की योजना है.
(हंसते हुए)बचपन की बातें भूल चुका हूं. 30 साल से विदेश में हूं. इससे पहले कोलकाता में था. खुशी है कि जेट खरीदने के लायक बन पाया.
इस तरक्की के पीछे मेहनत है. मैं 30 साल पहले हिंदुस्तान छोड़ चुका हूं. विदेश में बहुत कुछ सीखा. वहां मौके मिले. जिस क्षेत्र में हाथ डाला, उसमें सफलता मिली और पैसे कमाये. इसी कारण आज इस स्थिति में पहुंचा कि जेट एयरवेज खरीद सका. जेट को पुरानी स्थिति में ले जा सका, तो यह मेरे लिए बड़ी उपलब्धि होगी.
उद्यमी बेहतर मौके की तलाश में रहता है और जहां मौका मिलता है, निवेश करता है. मौका मिलने पर किसी क्षेत्र में निवेश से इंकार नहीं कर सकता हूं, लेकिन फिलहाल जेट को अच्छे से चलाने पर ध्यान दे रहा हूं.
झारखंड मेरा जन्मस्थान है और मैं उसका कर्जदार हूं. मौका मिलेगा तो जरूर निवेश करना पसंद करूंगा.
हम अपना काम करेंगे. मैं प्रतिस्पर्धा पर ध्यान नहीं देता हूं. जेट को बेहतर करने का काम करूंगा. लोग अपनी पसंद से एयरलाइन चुनते हैं. जिसे जहां अच्छी सुविधा मिलती है, उसे चुनता है.
देश में करीब 600 विमान उड़ रहे हैं. अगले पांच साल में 600 और विमानों की जरूरत होगी. रांची जैसे शहर से अहमदाबाद की उड़ान शुरू हो चुकी है. दरभंगा से शुरू हो चुकी है. कुछ समय पहले इस बारे में कल्पना भी नहीं की जा सकती थी. देश में एविएशन क्षेत्र का काफी विकास हुआ है और अभी काफी संभावना है.
मुझे क्रिकेट देखने का शौक है. हर हिंदुस्तानी क्रिकेट और हिंदी फिल्में देखना पसंद करता है.
Posted by: Pritish Sahay
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