Mutual fund: म्यूचुअल फंड योजनाएं निवेशकों को लंबी अवधि के लक्ष्यों के लिए बचत करने में काफी मददगार होती हैं. इसी कड़ी में रिटायरमेंट का प्लान भी शामिल है. ऐसे में निवेश के जानकारों की सलाह है कि रिटायरमेंट के लिए 30 साल के बाद से प्लान शुरू कर देनी चाहिए. इसके लिए म्यूचुअल फंड में निवेश एक बेहतर विकल्प हो सकता है. ऐसे में निवेशक के पास आने वाले 30 सालों का समय होता है जिससे वो अपने रिटायरमेंट का प्लान कर सके.
30 साल से ही शुरू कर दें रिटायरमेंट प्लान: इस कड़ी में निवेशकों की राय है कि 30 साल के बाद से ही रिटायरमेंट का प्लान शुरू कर देनी चाहिए. निवेशकों की राय है कि लंबी अवधि में निवेश करने से आर्थिक बोझ भी कम पड़ता है और आने वाला भविष्य भी सुरभित होता है. ऐसे में निवेशकों की राय है कि नौकरी शुदा लोगों को 30 साल के बाद से कम से कम मासिक प्लान बनाकर निवेश करना चाहिए.
15 X 15 X 15 नियम: हालांकि म्युचुअल फंड निवेश में भी जोखिम होता है. क्योंकि बाजार जोखिमों से यह भी बरी नहीं है. लेकिन अगर कोई निवेशक लंबी अवधि के लिए म्युचुअल फंड पर निवेश करता है तो उसका जोखिम थोड़ा कम हो जाता है. यहीं नहीं म्यूचुअल फंड पर उसकी रिटर्न भी अधिक मिलता है. इसी कड़ी में म्यूचुअल फंड का एक नियम हैं जिसे 15 X 15 X 15 नियम के नाम से जाना जाता है. म्यूचुअल फंड एसआईपी नियम के मुताबिक अगर कोई निवेशक 15 साल के लिए हर महीने 15,000 का निवेश करता है, उसके म्यूचुअल फंड मैच्योरिटी के समय उसे एक करोड़ तक की रकम मिल सकती है.
इस हिसाब से अगर कोई निवेशक अगले 15 साल के लिए 15 हजार रुपए की मासिक एसआईपी जमा करता है तो 15 सालों में उसकी कुल निवेश 27 लाख रुपए होगी. अब अगर 15 फीसदी का सालाना रिटर्न मानकर चले तो निवेश पर निवेशक को 74,52,946 रुपए तक का रिटर्न मिल सकता है. इसका सीधा मतलब है कि 27 लाख रुपया 15 साल के बाद 1 करोड़ एक लाख से ज्यादा हो जाएगा. इस नियम के हिसाब से कोई 15 साल निवेश कर करोड़पति बन सकता है.
अब अगर निवेशक अपनी रकम के 15 हजार से बढ़कर 30 कर दे तो म्यूचुअल फंड मैच्योर होने के बाद रकम भी एक करोड से काफी ज्यादा होगी. ऐसे अगर कोई निवेशक 30 हजार रुपये हर महीने उतने ही समय के म्यूचुअल फंड में एसआईपी करता है तो उसकी रकम 5 करोड़ से ज्यादा हो जाएगी.
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