म्यूचुअल फंड के महाखिलाड़ियों को लगने वाला है झटका, 1 नवंबर से बदल जाएगा ये नियम

Mutual Fund: सेबी ने कहा कि कर्मचारियों को 30 दिन के भीतर एक ही प्रतिभूति में कारोबार से मुनाफा कमाने से बचना चाहिए. यदि वे लेनदेन करते हैं, तो उन्हें इसे अनुपालन अधिकारी को इसके कारण के बारे में बताना होगा.

By KumarVishwat Sen | October 24, 2024 3:09 PM
an image

Mutual Fund: म्यूचुअल फंड में निवेश करने लिए अगर आप भी प्लान बना रहे हैं, तो आपके लिए एक जरूरी जानकारी है. ठीक दिवाली के दूसरे दिन यानी 1 नवंबर 2024 से इसके अहम नियम में बदलाव होने जा रहा है. इस नियम को इनसाइडर ट्रेडिंग रूल या भेदिया कारोबार नियम कहते हैं. भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने म्यूचुअल फंड में होने वाले भेदिया कारोबार के नियमों में बदलाव करने का फैसला किया है. सेबी का नया नियम लागू हो जाने के बाद म्यूचुअल फंड का संचालन करने वाले योद्धाओं यानी असेट मैनेजमेंट कंपनियों (एएमसी) को भेदिया कारोबार करना थोड़ा मुश्किल होगा.

15 लाख से अधिक के लेनदेन की देनी होगी जानकारी

सेबी ने अभी हाल के दिनों में एक सर्कुलर के जरिए कहा है कि म्यूचुअल फंड के लिए भेदिया कारोबार का नियम 1 नवंबर 2024 से लागू हो जाएगा. इस नियम को लागू हो जाने के बाद एएमसी के म्यूचुअल फंड में नामित व्यक्ति या उनके नजदीकी रिश्तेदारों की ओर से किए गए 15 लाख से अधिक के सभी लेनदेन की जानकारी दो कारोबारी सत्र के अंदर अनुपालन अधिकारी को देना होगा. छूट प्राप्त योजनाओं को छोड़कर सभी योजनाओं में 15 लाख रुपये की सीमा या तो एकबारगी लेनदेन अथवा एक तिमाही के भीतर एक से अधिक लेनदेन में हो सकती है.

तिमाही आधार पर करना होगा लेनदेन का खुलासा

अपने सर्कुलर में सेबी ने 1 नवंबर 2024 से प्रत्येक तीन में तिमाही आधार पर अपने नामित व्यक्तियों, ट्रस्टियों और उनके करीबी रिश्तेदारों के म्यूचुअल फंड में निवेश के बारे में तिमाही आधार पर जानकारी देने का निर्देश दिया है. सर्कुलर में कहा गया है कि म्यूचुअल फंड में 31 अक्टूबर तक के निवेश के बारे में शेयर बाजारों को 15 नवंबर तक जानकारी देनी होगी. इसके बाद की तिमाहियों के लिए कंपनियों को तिमाही समाप्त होने पर 10 दिन के भीतर जानकारी प्रदान करनी होगी.

इसे भी पढ़ें: सिर्फ 6 दिनों में 10,000 तक महंगी हुई चांदी, 2,850 रुपये बढ़ा सोने का भाव, जानें असली रेट

15 लाख से अधिक के लेनदेन का बताना होगा कारण

सेबी के सर्कुलर में कहा गया है कि छूट वाली योजनाओं को छोड़कर एएमसी के नामित व्यक्तियों, न्यासियों और उनके करीबी रिश्तेदारों द्वारा अपने म्यूचुअल फंड की योजनाओं में प्रति पैन एकमुश्त या किसी भी तिमाही में विभिन्न लेनदेन के जरिये 15 लाख रुपये से अधिक के सभी लेनदेन के बारे में ब्योरा देने की जरूरत होगी. यह ब्योरा लेनदेन होने के दो कारोबारी दिवस में एएमसी के अनुपालन अधिकारी को देना होगा. नियामक ने कहा कि कर्मचारियों को 30 दिन के भीतर एक ही प्रतिभूति में कारोबार से मुनाफा कमाने से बचना चाहिए और यदि वे लेनदेन करते हैं, तो उन्हें इसे अनुपालन अधिकारी को इसके कारण के बारे में बताना होगा. अनुपालन अधिकारी इस बारे में एएमसी के निदेशक मंडल और न्यासियों को जानकारी देगा.

इसे भी पढ़ें: शेयर बाजार में सरकार राज, 4 सरकारी कंपनियों का जल्द आएगा आईपीओ

Exit mobile version