Mutual Fund: देश के लोग अब निवेश पर अधिक जोर दे रहे हैं, और इसका सबसे बड़ा उदाहरण शेयर मार्केट और म्यूचुअल फंड में निवेशकों की संख्या में तेजी से हो रही बढ़ोतरी है. नए आंकड़े बताते हैं कि लोग बड़े फंड बनाने के लिए रिस्क लेने से भी नहीं चूक रहे हैं. म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री ने अप्रैल से अगस्त 2024 के बीच 2.3 करोड़ नए निवेशकों को जोड़ा है, जिसमें से आधे से अधिक निवेशक छोटे शहरों से हैं.
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छोटे शहरों के निवेशकों की बढ़ती हिस्सेदारी
निवेश का यह रुझान छोटे शहरों से अधिक आ रहा है. एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स ऑफ इंडिया (AMFI) ने इन छोटे शहरों को B-30 शहरों के रूप में वर्गीकृत किया है, यानी ये भारत के शीर्ष 30 बड़े शहरों से अलग हैं.
हालांकि, अभी भी म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री में छोटे शहरों से आने वाले निवेशकों का कुल एसेट्स अंडर मैनेजमेंट (AUM) में केवल 19% हिस्सा है. यह संकेत करता है कि भले ही इन शहरों से निवेशक बढ़ रहे हों, लेकिन उनका औसत निवेश आकार अभी भी बड़े शहरों की तुलना में कम है.
जीरोधा फंड हाउस की एक स्टडी के अनुसार, इस तरह के रुझान बचत और निवेश की संस्कृति को बढ़ावा दे सकते हैं. छोटे शहरों में इंडेक्स फंड के लिए SIP अकाउंट में वृद्धि दर 18.7% रही, जो किसी भी अन्य श्रेणी की वृद्धि दर से अधिक है. यह दिखाता है कि छोटे शहरों में म्यूचुअल फंड की पहुंच बढ़ रही है और लोग धीरे-धीरे इसमें दिलचस्पी ले रहे हैं.
तकनीक की मदद से आसान हुआ निवेश
पहले निवेशकों को अकाउंट खुलवाने के लिए बैंकों या अन्य वित्तीय संस्थानों के पास जाना पड़ता था, लेकिन अब यह प्रक्रिया बहुत आसान हो गई है. स्मार्टफोन ऐप्स, डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट प्लेटफॉर्म और डिजिटल पेमेंट सिस्टम ने म्यूचुअल फंड्स में निवेश को छोटे शहरों के लोगों के लिए अधिक सुविधाजनक बना दिया है. इस टेक्नोलॉजी की मदद से अब लोग बिना किसी परेशानी के घर बैठे अपने निवेश कर सकते हैं, जिससे छोटे शहरों से भी निवेशकों की संख्या में इजाफा हो रहा है.
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शेयर बाजार में भी बढ़ी दिलचस्पी
म्यूचुअल फंड्स के अलावा, शेयर मार्केट में भी लोगों की रुचि तेजी से बढ़ी है. जनवरी 2023 से लेकर अगस्त 2024 तक कुल 6 करोड़ नए डीमैट अकाउंट्स खोले गए हैं. 31 अगस्त 2024 तक, भारत में कुल डीमैट अकाउंट की संख्या 17.1 करोड़ तक पहुंच गई है. यह संख्या बताती है कि अधिक लोग शेयर बाजार में निवेश कर रहे हैं. पिछले तीन वर्षों में शेयर बाजार में सालाना 30% की वृद्धि हुई है, और यह तेजी निवेशकों के लिए आकर्षण का मुख्य कारण है.
प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के अधिक उपयोग ने निवेश के इस चलन को और बढ़ावा दिया है. डीमैट अकाउंट्स में इस वृद्धि के पीछे एक और कारण यह हो सकता है कि लोग शेयर बाजार में लाभ कमाने के लिए अधिक अवसर देख रहे हैं. पहले की तुलना में अब लोग अधिक जागरूक हो रहे हैं और बाजार के लाभकारी विकल्पों को चुनने में दिलचस्पी दिखा रहे हैं.
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भविष्य के लिए सकारात्मक संकेत
म्यूचुअल फंड और शेयर बाजार में निवेशकों की संख्या में हो रही यह बढ़ोतरी भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक सकारात्मक संकेत है. यह दिखाता है कि लोग अब अपने धन को बेहतर तरीके से प्रबंधित करने और भविष्य के लिए सुरक्षित करने के प्रति अधिक सचेत हो रहे हैं. इसके अलावा, छोटे शहरों से निवेशकों की बढ़ती संख्या से यह भी पता चलता है कि यह निवेश संस्कृति केवल मेट्रो शहरों तक सीमित नहीं रह गई है, बल्कि पूरे देश में फैल रही है.
आने वाले समय में, जैसे-जैसे लोग निवेश के प्रति और जागरूक होंगे और टेक्नोलॉजी के माध्यम से निवेश करना आसान होगा, म्यूचुअल फंड और शेयर बाजार में निवेशकों की संख्या में और भी वृद्धि होने की संभावना है.
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