जीएसटी क्षतिपूर्ति पर राज्यों को मजबूर कर रही है केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार, बंगाल के वित्त मंत्री अमित मित्रा का आरोप

जीएसटी क्षतिपूर्ति के मुद्दे पर पश्चिम बंगाल के वित्त मंत्री अमित मित्रा ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा है कि केंद्र सरकार इस मुद्दे पर राज्यों को मजबूर कर रही है. राजस्व की कमी को पूरा करने के लिए दिये गये जीएसटी विकल्पों पर राज्यों को सहमत करने के लिए राजनीतिक ताकत का इस्तेमाल जा रहा है.

By Agency | September 17, 2020 5:59 PM

कोलकाता : जीएसटी क्षतिपूर्ति के मुद्दे पर पश्चिम बंगाल के वित्त मंत्री अमित मित्रा ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा है कि केंद्र सरकार इस मुद्दे पर राज्यों को मजबूर कर रही है. राजस्व की कमी को पूरा करने के लिए दिये गये जीएसटी विकल्पों पर राज्यों को सहमत करने के लिए राजनीतिक ताकत का इस्तेमाल जा रहा है.

श्री मित्रा ने कहा कि अगर केंद्र द्वारा दिये गये दो विकल्पों पर जीएसटी परिषद की अगली बैठक में मतदान के लिए मजबूर किया जाता है, तो यह भारत के लिए ऐतिहासिक भूल होगी. केंद्र ने राज्यों को दो विकल्प दिये हैं. इनके तहत वे चालू वित्त वर्ष में 2.35 लाख करोड़ रुपये के अनुमानित घाटे के लिए बाजार से उधार ले सकते हैं.

श्री मित्रा ने कहा कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 27 अगस्त को जीएसटी परिषद की 41वीं बैठक के बाद कहा था कि कोविड-19 एक दैवीय आपदा है, जिसके चलते अर्थव्यवस्था और जीएसटी संग्रह पर बुरा असर पड़ा है.

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श्री मित्रा ने एक समाचार वेबसाइट को दिये साक्षात्कार में कहा, ‘…जीएसटी परिषद की पांच घंटे चली बैठक में क्या हुआ, किसी विकल्प पर चर्चा नहीं हुई. अचानक बैठक के अंत में दो विकल्प रखे गये और बैठक खत्म हो गयी. दूसरे शब्दों में, आप राज्यों को दो विकल्प में किसी एक को चुनने के लिए मजबूर कर रहे हैं, जबकि इसके तीन या चार विकल्प हो सकते हैं. हमें लगता है कि एक तीसरा विकल्प है, लेकिन कोई सुनने को तैयार नहीं है.’

उन्होंने कहा, ‘अब राजनीतिक बाहुबल का इस्तेमाल किया जा रहा है, जिसे मैं बहुसंख्यकवाद का बाहुबल कहूंगा, ताकि राज्यों को एक या दो विकल्पों पर राजी किया जा सके. एक रणनीति के रूप में मैं यह नहीं बताऊंगा कि हम अदालत में जायेंगे या नहीं.’

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उन्होंने कहा कि केंद्र का कदम जीएसटी की बुनियाद को चुनौती देगा और अगर जीएसटी परिषद बंट गयी, तो संघवाद की भावना को नुकसान होगा. उन्होंने कहा कि ऐसे में विश्वास की जगह अविश्वास होगा और सहमति के आधार पर किया गया जीएसटी का पूरा प्रयोग एक समस्या बन जायेगा.

Posted By : Mithilesh Jha

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