Loading election data...

नरेंद्र मोदी की सरकार मिडिल क्लास को देगी बड़ा तोहफा, पूरा होगा अपने घर का सपना, जानें क्या है प्लान

New Urban Housing Plan: सरकार के द्वारा शहरी मध्यम वर्ग के लिए एक नई आवास योजना लेकर आने पर काम किया जा रहा है. इस योजना के तहत लोगों को बैंक से कर्ज लेने पर बड़ी राहत दी जाएगी. इसके लिए केंद्र सरकार के द्वारा अगले पांच वर्षों में करीब 600 अरब रुपये (7.2 अरब डॉलर) खर्च करने पर विचार किया जा रहा है.

By Madhuresh Narayan | September 26, 2023 12:16 PM
an image

New Urban Housing Plan: केंद्र सरकार लोकसभा चुनाव (Loksabha Election) से पहले महंगाई पर नियंत्रण रखने की पूरी कोशिश कर रही है. इसी के तहत नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने कैबिनेट की बैठक में एसपीजी गैस के दाम में 200 रुपये की कटौती के प्रस्ताव को मंजूर कर दिया था. इसके बाद, उज्जवला योजना के तहत मिलने वाली सब्सिडी 400 रुपये हो गयी. इससे मिडिल क्लास और गरीब तबके के लोगों को बड़ी राहत मिली. अब, सरकार के द्वारा शहरी मध्यम वर्ग के लिए एक नई आवास योजना लेकर आने पर काम किया जा रहा है. इस योजना के तहत लोगों को बैंक से कर्ज लेने पर बड़ी राहत दी जाएगी. इसके लिए केंद्र सरकार के द्वारा अगले पांच वर्षों में करीब 600 अरब रुपये (7.2 अरब डॉलर) खर्च करने पर विचार किया जा रहा है. इसे लेकर पीएम मोदी ने 15 अगस्त को लाल किले से घोषणा की थी. हालांकि, उन्होंने विस्तार से इसकी जानकारी नहीं दी थी. मगर, सूत्रों के अनुसार, सरकार के द्वारा इसपर तेजी से काम किया जा रहा है और ड्राफ्ट लगभग तैयार कर लिया गया है.

शहरी आवास को लेकर क्या है प्लान

न्यूज एजेंसी रॉयटर्स की खबर में सूत्र के अनुसार, केंद्र सरकार के नयी योजना के तहत 9 लाख रुपये तक के लोन पर 3-6.5 प्रतिशत के बीच वार्षिक ब्याज सब्सिडी की पेशकश की जा सकती है. इस लोन के लिए वो लोग पात्र होंगे जो 20 वर्ष के लिए 50 लाख से कम का लोन लेंगे. प्लान के अनुसार, ब्याज छूट लाभार्थियों के होम लोन अकाउंट में एडवांस के तौर पर जमा की जाएगी. वर्तमान में सरकार की कोशिश है कि इस योजना को साल 2028 तक के लिए लागू किया जाए. इस योजना से शहरी क्षेत्रों में कम आय वाले समूहों में 2.5 मिलियन लोन आवेदकों को लाभ पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है. हालांकि, ड्राफ्ट पर आवास और शहरी विकास मंत्रालय और वित्त मंत्रालय के द्वारा अभी प्रतिक्रिया लेना बाकि है. हालांकि, सूत्रों के अनुसार, ड्राफ्ट को लेकर जल्द ही सरकारी अधिकारी पहले बैंकों के साथ बैठक करेंगे. इसके लिए बैंकों को लाभार्थियों की पहचान करने की जिम्मेदारी दी जा सकती है.

Also Read: R‍BI का बड़ा एक्शन एसबीआई, इंडियन बैंक, पंजाब एंड सिंध बैंक पर लगाया जुर्माना, इस बैंक को किया बंद, जानें कारण

चुनाव को लेकर तैयारी कर रही सरकार

केंद्र सरकार के द्वारा लोकसभा चुनाव को लेकर पूरे जोर शोर से तैयारी की जा रहा रही है. समझा जा रहा है कि आमलोगों को लुभाने के लिए अलग-अलग तोहफा दिया जा रहा है. हाल ही में एक खास वर्ग के लिए विश्वकर्मा योजना की शुरुआत की गई है. एलपीजी के दाम में कटौती, आवास ऋण पर सब्सिडी की योजना आदि इसकी के तहत किया जा रहा है. बता दें कि इस साल के अंत तक कई प्रमुख राज्यों में चुनाव होना है. इसके साथ ही, लोकसभा चुनाव होने वाले हैं. ऐसे में शहरी विकास और आवास योजना के रहते हुए भी सरकार के द्वारा ये योजना शुरू करने पर काम किया जा रहा है.

Also Read: Moody’s के दावे को भारत सरकार ने किया खारिज, कहां- दुनिया की सबसे भरोसेमंद डिजिटल आईडी है आधार

क्या है शहरी आवास योजना

शहरी आवास योजना (Urban Housing Scheme) एक सरकारी योजना है जो नगर निगमों और शहरी स्थानों में आवास की समस्याओं का समाधान करने के लिए शुरू की गई है. इसका उद्देश्य अधिक लोगों को उचित आवास प्रदान करना है और अस्थायी या गंभीर आवासिक समस्याओं को दूर करना है.

  • शहरी आवास योजनाएं देश की विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में चल रही हैं और विभिन्न रूपों में हो सकती हैं. इनमें निम्नलिखित कुछ प्रमुख उद्देश्य शामिल हो सकते हैं:

  • आवास की वितरण: यह योजनाएं नगर निगमों और स्थानीय अधिकारियों को उचित आवास की वितरण करने के लिए उत्साहित करती हैं.

  • सस्ते आवास: यह योजनाएं आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए सस्ते आवास की व्यवस्था करने का उद्देश्य रखती हैं.

  • आवासीय क्षेत्रों का विकास: इन योजनाओं के तहत, नई और महंगी आवासीय क्षेत्रों का विकास किया जा सकता है ताकि और लोगों को आवासित किया जा सके.

  • बेहतर जीवन का उद्देश्य: यह योजनाएँ नगर निगमों को जीवन कुशलता और सुविधा को बेहतर बनाने के लिए उत्साहित करती हैं.

  • सामाजिक समृद्धि: इन योजनाओं के माध्यम से, सामाजिक समृद्धि और सामाजिक समृद्धि को प्रमोट करने का प्रयास किया जाता है.

  • ये योजनाएं नगर निगमों, नगर परिषदों और अन्य स्थानीय अधिकारियों द्वारा चलाई जाती हैं और सरकारी वित्तीय सहायता और योजनाओं के माध्यम से समर्थित की जाती हैं.

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

Exit mobile version