नरेंद्र मोदी ने जी-20 की बैठक में कहा, भारत में युवाओं के रोजगार की अपार क्षमता, अब स्किल्ड बनना वक्त की जरूरत
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जी 20 की बैठक के आखिरी दिन वीडियो मैसेज से मेहमानों को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि चौथी औद्योगिक क्रांति के युग में तकनीक आधारित रोजगार की मांग सबसे ज्यादा रहेगी. भारत को तकनीक आधारित रोजगार पैदा करने का अनुभव है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने जी 20 की बैठक के आखिरी दिन वीडियो मैसेज से मेहमानों को संबोधित किया. उन्होंने वर्तमान समय में प्रौद्योगिकी और युवाओं के रोजगार के अवसर पर अपनी बात रखी. उन्होंने कहा कि ‘गिग और प्लेटफॉर्म’ अर्थव्यवस्था में युवाओं के लिए रोजगार की अपार क्षमता है. इस अर्थव्यवस्था की क्षमता को भुनाने को लेकर वैश्विक स्तर पर नीतियां बनाने की जरूरत है. युवाओं को स्किल्ड बनना आज के वक्त की जरूरत है. पीएम मोदी ने कहा कि चौथी औद्योगिक क्रांति के युग में तकनीक आधारित रोजगार की मांग सबसे ज्यादा रहेगी. भारत को तकनीक आधारित रोजगार पैदा करने का अनुभव है. उन्होंने भारत में स्किल्ड वर्कफोर्स (Skilled Work Force) देने की सबसे ज्यादा क्षमता है.
कोरोना में फ्रंटलाइनकर्मियों ने किया अद्भुत काम
इंदौर में आयोजित जी 20 की बैठक को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना के दौरान भारत में फ्रंटलाइनकर्मियों ने अपने अद्भूत काम किया. ये उनके जूनून को दर्शाता है. साथ ही, हमारे सेवा संस्कृति का भी प्रदर्शन करता है. कोविड-19 के प्रकोप के दौरान लचीलेपन के रूप में उभरी गिग और प्लेटफॉर्म अर्थव्यवस्था में खासकर युवाओं के लिए फायदेमंद रोजगार सृजन की खासी क्षमता है. यह अर्थव्यवस्था महिलाओं को सामाजिक और आर्थिक रूप से सशक्त कर सकती है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना में 1.25 करोड़ युवा प्रशिक्षण पा रहे है. नयी तकनीकों के कारण गुजरे अरसे में हुए बदलावों के दौरान भारत को तकनीकी से जुड़े रोजगार बड़े पैमाने पर सृजित करने का अनुभव है. भारत उद्योग की जरूरतों के अनुरुप युवाओं को स्किड बनाकर तैयार कर रहा है.
ई-श्रम पोर्टल पोर्टल पर 28 करोड़ ने किया रजिस्ट्रेशन
पीएम मोदी ने बताया कि भारत के ई-श्रम पोर्टल (E-Shram Portal) के जरिये इन कर्मियों के हित में लक्षित कदम उठाए जा रहे हैं, जिस पर महज एक साल में करीब 28 करोड़ कर्मियों ने पंजीकरण कराया है. लोगों को सामाजिक सुरक्षा मुहैया कराना वर्ष 2030 के सतत विकास लक्ष्यों का प्रमुख पहलू है, लेकिन अंतरराष्ट्रीय संगठनों द्वारा इन दिनों अपनाए जा रहे ढांचे के कुछ संकीर्ण रास्तों के कारण हितग्राहियों तक स्वास्थ्य, खाद्य सुरक्षा, बीमा और पेंशन समेत कई फायदे नहीं पहुंच पा रहे हैं. उन्होंने कहा कि हमें हितग्राहियों तक ये लाभ पहुंचाने के बारे में फिर से विचार करना चाहिए ताकि सामाजिक सुरक्षा के परिदृश्य की सही तस्वीर उभर सके. सबके लिए एक जैसा नजरिया रखना सामाजिक सुरक्षा के सतत वित्तपोषण के लिहाज से मुफीद नहीं है और इस सिलसिले में हर देश की अद्वितीय आर्थिक क्षमताओं, शक्तियों और चुनौतियों का ध्यान रखा जाना ही चाहिए.
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कार्यबल को कौशलसंपन्न बनाने की जरूरत: पीएम
प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्नत तकनीकी और प्रक्रियाओं के इस्तेमाल से कार्यबल को कौशलसंपन्न बनाया जाना वक्त की जरूरत है. नरेंद्र मोदी ने कहा कि चौथी औद्योगिक क्रांति के मौजूदा दौर में तकनीकी, रोजगार का मुख्य कारक बन गई है और आगे भी बनी रहेगी. लगातार भ्रमण करने वाला कार्य बल भविष्य की हकीकत बनने जा रहा है, लिहाजा विकास को वैश्विक स्वरूप देते हुए कौशलों को सच्चे मायनों में साझा किया जाना वक्त की मांग है. जी20 समूह को इस सिलसिले में अगुवाई करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि मौजूदा दौर में कर्मियों के पलायन और गतिशीलता के मद्देनजर सहयोग और तालमेल के नये वैश्विक मॉडलों के साथ ही नयी साझेदारियों की जरूरत है.
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‘एआई और रोबोटिक्स पर ध्यान देनें की जरूरत’
नरेंद्र मोदी ने कहा कि नियोक्ताओं और कर्मचारियों से जुड़े आंकड़े और सूचनाएं साझा करके इस गठजोड़ की बढ़िया शुरुआत की जा सकती है जिससे बेहतर कौशल विकास, कार्यबल नियोजन और लाभप्रद रोजगार प्रदान करने के लिए साक्ष्य आधारित नीतियां बनाने में दुनिया भर के देशों के प्रयासों को मजबूती मिलेगी. उन्होंने कहा कि देश ने कृत्रिम मेधा (एआई), रोबोटिक्स, इंटरनेट ऑफ थिंग्स और ड्रोन के क्षेत्रों पर विशेष ध्यान केंद्रित किया है. भारत में कुशल कार्यबल मुहैया कराने वाले दुनिया के सबसे बड़े देशों की जमात में शामिल होने की क्षमता है.
(इनपुट-भाषा)
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