नेपाली पीएम ‘प्रचंड’ का दूसरी दफा होगा फ्लोर टेस्ट, जीत का फुलप्रूफ स्कीम तैयार
नए गठबंधन पर राजनीतिक नेताओं के साथ बातचीत की गई है. अब तक प्रधानमंत्री की 20 मार्च अर्थात अगले सोमवार को फ्लोर टेस्ट होने की संभावना है. सीपीएन-यूएमएल की ओर से सरकार का समर्थन वापस लेने के करीब तीन महीने बाद संसद में प्रचंड का यह दूसरा फ्लोर टेस्ट होगा.
काठमांडू : नेपाल में राजनीतिक संकट अब भी बरकरार है. इस राजनीतिक संकट के बीच एक खबर यह भी है कि नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ अगले हफ्ते नेपाली संसद में विश्वासमत हासिल करने की योजना बना रहे हैं. प्रधानमंत्री सचिवालय के आधिकारिक सूत्रों के हवाले से समाचार एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार, अगले हफ्ते नेपाली संसद में किसी भी सूरत में विश्वासमत हासिल करने के लिए गठबंधन के सहयोगी दलों के साथ बातचीत हो गई है.
सूत्रों के हवाले से समाचार एजेंसी एएनआई ने खबर दी है कि नए गठबंधन पर राजनीतिक नेताओं के साथ बातचीत की गई है. अब तक प्रधानमंत्री की 20 मार्च अर्थात अगले सोमवार को फ्लोर टेस्ट होने की संभावना है. सीपीएन-यूएमएल की ओर से सरकार का समर्थन वापस लेने के करीब तीन महीने बाद संसद में प्रचंड का यह दूसरा फ्लोर टेस्ट होगा. नेपाल की कम्युनिस्ट पार्टी यूनिफाइड मार्कसिस्ट लेनिनिस्ट (सीपीएन-यूएमएल) ने बीती 27 फरवरी को ‘प्रचंड’ के नेतृत्व वाली सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया था. यूएमएल के इस कदम से ‘प्रचंड’ अल्पमत सरकार का नेतृत्व कर रहे हैं.
मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, यूएमएल के फैसले के कुछ दिन पहले राष्ट्रीय प्रजातंत्र पाटी ने भी समर्थन वापस लेने का फैसला किया था और सरकार से बाहर चली गई थी. उसने ‘प्रचंड’ के नेतृत्व वाली सरकार को अल्पमत सरकार के रूप में बदल दिया.
नेपाल के संविधान के अनुच्छेद 100 के खंड-2 के अनुसार, किसी भी राजनीतिक दल के टूटने अथवा सरकार से समर्थन वापस लेने की स्थिति में प्रधानमंत्री को दोबारा विश्वासमत हासिल करना होगा. ऐसे में प्रधानमंत्री प्रचंड को 30 दिनों के अंदर किसी भी स्थिति में विश्वासमत हासिल करना ही होगा. ऐसी स्थिति में यदि प्रधानमंत्री विश्वासमत हासिल नहीं कर पाता है, तो उसे अपने पद से इस्तीफा देना होगा.
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मीडिया की रिपोर्ट के अनुस्वार, प्रधानमंत्री प्रचंड को 26 मार्च को फिर से फ्लोर टेस्ट देना होगा. प्रचंड ने इससे पहले 10 जनवरी को फ्लोर टेस्ट दिया था. इस दौरान उन्हें तकरीबन 99 फीसदी वोट हासिल हुए थे. प्रचंड के पक्ष में करीब 268 वोट मिले थे. नेपाली संसद के इतिहास में यह पहली बार था कि किसी प्रधानमंत्री को फ्लोर टेस्ट के दौरान 99 फीसदी वोट मिला हो.
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