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Huawei पर नये प्रतिबंध से अमेरिका और चीन में बढ़ सकती है तनातनी, दुनिया भर में टेक इंडस्ट्री पर खतरे के आसार

चीन की हुआवेई टेक्नोलॉजीज पर अमेरिका के नये प्रतिबंधों से चीन का टेक्नोलॉजी इंडस्ट्री खतरे में पड़ सकता है. वहीं, इस कदम से दोनों देशों के बीच तल्खी बढ़ सकती है, जिससे दुनियाभर का टेक्नोलॉजी इंडस्ट्री बाधित होने की आशंका है.

By Agency | May 18, 2020 6:54 PM

हांगकांग : चीन की हुआवेई टेक्नोलॉजीज पर अमेरिका के नये प्रतिबंधों से चीन का टेक्नोलॉजी इंडस्ट्री खतरे में पड़ सकता है. वहीं, इस कदम से दोनों देशों के बीच तल्खी बढ़ सकती है, जिससे दुनियाभर का टेक्नोलॉजी इंडस्ट्री बाधित होने की आशंका है. हुआवेई दुनिया की सबसे बड़ी स्मार्टफोन और नेटवर्क उपकरण बनाने वाली कंपनी है, लेकिन अमेरिका के विदेशी कंपनियों द्वारा अमेरिकी तकनीक इस्तेमाल पर रोक लगाने से हुआवेई का 123 अरब डॉलर का सालाना कारोबार खतरे में पड़ सकता है.

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दरअसल, हुआवेई अमेरिकी तकनीक का इस्तेमाल कर प्रोसेसर चिप का निर्माण करती है. अमेरिका के इस कदम से बीजिंग के साथ उसकी तल्खी बढ़ सकती है, क्योंकि हुआवेई चीन की न सिर्फ सबसे सफल निजी कंपनी है, बल्कि चीन की सत्तासीन कम्युनिस्ट पार्टी इसे टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में चीन को वैश्विक प्रतिस्पर्धी देश बनाने वाले प्रतिष्ठान के रूप में भी प्रचारित करती है. चीन के समाचार पत्र चाइना डेली की रविवार की रिपोर्ट के अनुसार, ‘अमेरिका हुआवेई को खत्म करना चाहता है.

चीन के वाणिज्य मंत्रालय ने सोमवार को चेतावनी दी कि वह ‘चीन की कंपनी के हितों और विधायी अधिकारों की रक्षा’ करेगा. हालांकि, चीन ने बदले की कार्रवाई वाले संभावित कदमों की जानकारी नहीं दी. चीन पहले ही ‘अविश्वसनीय इकाइयों की सूची’ जारी करने की धमकी दे चुका है, जिनका परिचालन बंद कराया जा सकता है.

हुआवेई पर लड़ाई से अमेरिका और चीन के रिश्ते खराब हो सकते हैं. यह दोनों देशों की ग्लोबल टेक्नोलॉजी मार्केट में वर्चस्व की लड़ाई को लेकर केंद्र में है. दोनों देशों ने व्यापार युद्ध समाप्त करने के लिए एक समझौते पर सहमति बनायी है, लेकिन कोरोना वायरस महामारी की शुरुआत चीन में होने से दोनों देशों के बीच इस समझौते के टूटने की आशंका बढ़ी है. कोरोना वायरस संकट की वजह से पूरी वैश्विक अर्थव्यवस्था चरमरा गयी है.

हालांकि, हुआवेई ने अपने खुद की भी चिप विकसित की है, लेकिन दुनिया की सबसे बड़ी सेमीकंडक्टर चिप विनिर्माता ताइवान की टीएसएमसी को भी उत्पादन के लिए अमेरिकी सामग्री और उत्पादन उपकरण की जरूरत रहती है. ऑब्जेक्टिव एनालिसिस के लिए सेमीकंडक्टर विश्लेषक का काम करने वाले जिम हैंडी ने कहा कि इस प्रतिबंध से हुवावेई के हर इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है.

इस बीच, शेनझेन से मिली खबर के मुताबिक, हुआवेई ने अमेरिका का सेमीकंडक्टरों को लेकर लगाया गया नया प्रतिबंध एक ‘हानिकारक’ हमला है. यह ग्लोबल टेक्नोलॉजी और अन्य क्षेत्रों के लिए परेशानी खडा करने वाला कदम है. कंपनी के प्रवक्ता ने कहा कि यह फैसला मनमाना और हानिकारक है, जो वैश्विक स्तर पर टेक्नोलॉजी इंडस्ट्री को कमजोर करने वाला कदम है.

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