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New Income Tax Bill 2025: बदलने वाला है 62 साल पुराना टैक्स कानून, महुआ मोइत्रा समेत 31 सांसदों की कमेटी करेगी समीक्षा

New Income Tax Bill 2025: सरकार ने इनकम टैक्स बिल 2025 की समीक्षा के लिए 31 सदस्यीय सिलेक्ट कमेटी गठित की, जिसकी अध्यक्षता बैजयंत पांडा करेंगे. महुआ मोइत्रा समेत अन्य सदस्य रिपोर्ट सौंपेंगे, फिर सरकार फैसला लेगी.

New Income Tax Bill 2025: भारत सरकार ने इनकम टैक्स बिल, 2025 की समीक्षा के लिए 31 सदस्यीय सिलेक्ट कमेटी का गठन किया है. इस समिति का नेतृत्व भाजपा सांसद बैजयंत पांडा करेंगे. समिति का मुख्य उद्देश्य नए इनकम टैक्स बिल का गहन अध्ययन करना और अपनी सिफारिशें सरकार को सौंपना है. समिति की रिपोर्ट के आधार पर सरकार निर्णय लेगी कि इस विधेयक में संशोधन किए जाएं या नहीं.

समिति के गठन का उद्देश्य

सरकार लंबे समय से आयकर कानून को सरल और व्यवस्थित बनाने की दिशा में काम कर रही है. इसके लिए 2018 में एक टास्क फोर्स बनाई गई थी, जिसने 2019 में अपनी रिपोर्ट सौंपी थी. वर्तमान में लागू इनकम टैक्स एक्ट 1961 में पारित किया गया था, जिसे वित्त अधिनियम के तहत समय-समय पर संशोधित किया गया है. इस नए इनकम टैक्स बिल को अप्रैल 2026 से लागू किए जाने की योजना है.

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सिलेक्ट कमेटी के प्रमुख सदस्य

क्र. सं.सदस्य का नाम
1बैजयंत पांडा (अध्यक्ष)
2डॉ. निशिकांत दुबे
3प्रीतम शेट्टार
4सुधीर गुप्ता
5अनिल बलूनी
6राणा जितेंद्र
7एटा प्रजापति
8विजय द्वारका नाथ
9मुकेश कुमार
10पी सी गड्डिगौदर
11शंकर लालवानी
12मृदुला सुरेश
13नवीन जिंदल
14दीपेंद्र सिंह हुड्डा
15हनी बेहनन
16विजय कुमार उर्फ विजय हंस
17एड. अमर सिंह
18एड. गोपाल शंकर करपाले
19मोहम्मद स्वबिल कुरैशी
20श्री लालमणि सागर
21डॉ. प्रिया सरोज
22महुआ मोइत्रा
23सुप्रिया सुले
24दयाशंकर प्रसाद सिंह
25एलेक्स रुबेन
26अनिरुद्ध गणपति
27शशिकांत माने
28विजयकांत रमेश
29डॉ. धर्मवीर
30रंजीत वामनकरमकर
31रिचर्ड वानलालहमंगइहा

इनकम टैक्स बिल 2025 की विशेषताएं

  • पुराने कानून को रिप्लेस करेगा: नया बिल 1961 के आयकर अधिनियम को पूरी तरह से बदल देगा. नए कानून को सरल और पारदर्शी बनाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं.
  • टैक्स ईयर की नई परिभाषा: बिल में “असेसमेंट ईयर” की जगह “टैक्स ईयर” की परिभाषा दी गई है, जिससे टैक्सपेयर्स के लिए इसे समझना आसान होगा.
  • क्रिप्टो एसेट्स का समावेश: अब क्रिप्टो एसेट्स को भी अनडिस्क्लोज्ड इनकम के तहत गिना जाएगा, जैसे अभी नकदी, बुलियन और ज्वेलरी को शामिल किया जाता है.
  • टैक्सपेयर्स चार्टर का समावेश: बिल में टैक्सपेयर्स चार्टर जोड़ा गया है, जो करदाताओं के अधिकारों की सुरक्षा करेगा और कर प्रशासन को अधिक पारदर्शी बनाएगा.
  • सैलरी टैक्सेशन के नियमों में बदलाव: पुराने कानून में सैलरी टैक्स से जुड़े नियम जटिल थे, जिन्हें संशोधित कर सरल बनाया गया है.

समिति की रिपोर्ट और सरकार का फैसला

यह समिति आने वाले सत्र की पहली बैठक में अपनी रिपोर्ट पेश करेगी. रिपोर्ट में इनकम टैक्स बिल से जुड़े सुझाव दिए जाएंगे, जिसके बाद सरकार इसे अंतिम रूप देगी और संसद में पेश करेगी.

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