…तो क्या नए श्रम कानून लागू होने के बाद घट जाएगी आपके हाथ में मिलने वाली सैलरी? जानिए क्या कहते हैं एक्सपर्ट

New Labor Code : देश में नया श्रम कानून लागू हो जाने के बाद कंपनियों की कंपनसेशन कॉस्ट के रूप में अधिक खर्च करना पड़ेगा. देश में कोरोना वायरस महामारी के प्रभाव का सामना कर रही कंपनियों को नया श्रम कानून लागू होने के बाद काफी कुछ बदलाव करना पड़ सकता है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 10, 2021 6:50 PM
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New Labor Code : एक अप्रैल से देश में नया श्रम कानून लागू होने की संभावना जाहिर की जा रही है. इस बीच, कहा यह भी जा रहा है कि नया श्रम कानून लागू होने के बाद आपकी कंपनी आपके हाथ में मिलने वाले वेतन में रिस्ट्रक्चरिंग कर सकती है. इसके साथ ही, चर्चा इस बात पर भी है कि आपका नियोक्ता आपके सालाना सैलरी पैकेज से ग्रेच्युटी के पैसे में थोड़ी बढ़ोतरी करके आपके हाथ में मिलने वाले वेतन में कटौती भी कर सकता है.

मीडिया में विशेषज्ञों के हवाले से इस बात पर चर्चा की जा रही है कि देश में नया श्रम कानून लागू हो जाने के बाद कंपनियों की कंपनसेशन कॉस्ट के रूप में अधिक खर्च करना पड़ेगा. देश में कोरोना वायरस महामारी के प्रभाव का सामना कर रही कंपनियों को नया श्रम कानून लागू होने के बाद काफी कुछ बदलाव करना पड़ सकता है.

कहा यह भी जा रहा है कि कोरोना संकट के बाद कंपनियां अपने कर्मचारियों के वेतन को पुनर्गठित करने को लेकर तेजी से काम कर रही है. इनमें ग्रेच्युटी और लीव एनकैशमेंट जैसी चीजें शामिल है.

इसके साथ ही, विशेषज्ञों की राय है कि नए वित्त वर्ष में कर्मचारियों की ग्रेच्युटी और लीव एनकैशमेंट संबंधित जिम्मेदारियों के अलावा प्रोविडेंट फंड में अतिरिक्त योगदान जैसी चीजों की समीक्षा की जा सकती है. वर्ष 2021 के बजट में किए गए प्रस्ताव के हिसाब से कंपनियां अब अपने कामकाज में बदलाव लाने की तैयारी में जुट गई हैं.

अगर कोई संस्थान वेतन की विस्तारित परिभाषा अपनाता है, तो उसे प्रोविडेंट फंड में योगदान बढ़ाना पड़ सकता है. पहले पीएफ में योगदान बेसिक पे पर निर्भर करता था. इसमें बेसिक पे के साथ डीए और स्पेशल अलाउंस शामिल थे.

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Posted By : Vishwat Sen

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