पीएफ में अंशदान बढ़ाने की योजना से सरकारी कर्मचारियों को होगा फायदा, जानिए कैसे

पीएफ में सिर्फ सरकारी कर्मचारी की ओर से ही पूरा योगदान होता है और सरकार सिर्फ इसपर ही ब्याज जमा करती है. निजी क्षेत्र के बहुत कम कर्मचारी ही इसपर योगदान देते हैं. ऐसे में वित्त मंत्री का कहना है कि इससे प्रोविडेंट फंड में निवेश करने वाले सिर्फ 1 फीसदी लोगों पर ही इसका असर पड़ेगा...

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 25, 2021 8:52 AM

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के प्रोविडेंट फंड में टैक्स फ्री इन्वेस्टमेंट की लिमिट बढ़ाकर 5 लाख रुपये तक करने से इसका सबसे ज्यादा फायदा सरकारी कर्मचारियों को मिलेगा. हालांकि, इसका फायदा सिर्फ वैसे कर्मचारियों को मिलेगा, जिनके पीएफ खाते में नियोक्ता की तरफ से कोई योगदान नहीं दिया जाता रहा है. ऐसे में सरकार का कहना है कि, वे लोग जिनके पीएफ खाते में एम्प्लॉयर की तरफ से कोई योगदान नहीं दिया जाता है, उन्हें ही इसका लाभ मिलेगा. यानी निजी क्षेत्र में काम करने वालों लो इसका कोई खास फायदा नहीं मिलेगा.

गौरतलब है कि, जीपीएफ में सिर्फ सरकारी कर्मचारी की ओर से ही पूरा योगदान होता है और सरकार सिर्फ इसपर ही ब्याज जमा करती है. निजी क्षेत्र के बहुत कम कर्मचारी ही इसपर योगदान देते हैं. ऐसे में वित्त मंत्री का कहना है कि इससे प्रोविडेंट फंड में निवेश करने वाले सिर्फ 1 फीसदी लोगों पर ही इसका असर पड़ेगा, क्योंकि बाकी लोगों का पीएफ में योगदान 2.5 लाख रुपये से कम है.

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को बताया कि, भविष्य निधि कोष (पीएफ) में कर्मचारी के सालाना पांच लाख रुपए तक के योगदान पर मिलने वाले ब्याज पर कर नहीं लगेगा. इससे पहले, वित्त मंत्री ने 2021- 22 के बजट में घोषणा की थी कि एक अप्रैल 2021 से शुरू होने वाले नये वित्त वर्ष में कर्मचारियों के पीएफ में सालाना ढाई लाख रुपये से अधिक के योगदान पर मिलने वाले ब्याज पर कर लगाया जायेगा.

बता दे, ऐसे बहुत से लोग हैं जो टैक्स बचाने के लिए पीएफ में अपनी इच्छा से स्वैच्छ‍िक भविष्य निधि (VPF) में अतिरिक्त निवेश करते हैं. इसका फायदा यह होता है कि ऐसे लोगों को इसपर मिलने वाले ब्याज पर कोई टैक्स नहीं देना पड़ता है. जिसके बाद वित्त मंत्रालय ने पहले 2.5 लाख फिर 5 लाख रुपये से ज्यादा के योगदान पर मिलने वाले ब्याज पर टैक्स लगाने की बात कह दी.

कर से केवल एक फीसदी लोग होंगे प्रभावित: वित्त मंत्री ने कहा कि भविष्य निधि पर मिलने वाले ब्याज पर लगाये गये कर प्रस्ताव से केवल एक प्रतिशत भविष्य निधि खाताधारकों पर ही असर पड़ेगा. अन्य खाताधारकों पर कोई असर नहीं होगा क्योंकि उनका सालाना पीएफ योगदान ढाई लाख से कम है. बता दें कि वॉलिंटरी प्रोविडेंट फंड यानी वीपीएफ और पब्लिक प्रोविडेंट फंड यानी पीपीएफ में पांच लाख रुपये तक के कुल पीएफ निवेश पर मिलने वाले ब्याज पर टैक्स छूट पा सकते हैं.

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Posted by: Pritish Sahay

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