क्रेडिट और डेबिट कार्ड इस्तेमाल करने वाले ग्राहकों को लिए एक जरूरी खबर है. दरअसल भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने इस साल 30 सितंबर तक ऑनलाइन, पॉइंट ऑफ सेल और इन ऐप लेनदेन में उपयोग किए जाने वाले सभी क्रेडिट और डेबिट कार्ड डेटा को यूनिक टोकन के साथ बदलना अनिवार्य कर दिया है. आरबीआई की गाइडलाइन के मुताबिक 30 सितंबर तक यह काम कर लेना होगा.
क्या है गाइडलाइन: टोकनाइजेशन सिस्टम में बदलाव को लेकर रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने कहा है कि इस बदलाव से कार्ड धारकों के लिए पेमेंट करना सुविधाजनक होगा. आरबीआई के मुताबिक, डेबिट और क्रेडिट कार्ड डेटा का यूनिक टोकन से रिप्लेस कार्ड धारकों को फ्रॉड से बचाएगा. इसके तहत कार्ड धारकों के सारे डिटेल एन्क्रिप्टेड टोकन के रूप में स्टोर रहेंगे. इससे ग्राहकों का भुगतान ज्यादा सुरक्षित होगा. और विवरण का खुलासा भी नहीं होगा.
अक्टूबर की पहली तारीख से बदल रहा है नियम: रिजर्व बैंक ने साफ कर दिया है कि 1 अक्टूबर से कार्ड ऑन फाइल टोकनाइजेशन नियम लागू हो रहा है. दरअसल, आये दिन होते फ्रॉड को देखते हुए आरबीआई ने मूल कार्ड डेटा को एन्क्रिप्टेड डिजिटल टोकन से रिप्लेस करने को अनिवार्य किया है. आरबीआई की इस पहल से ऑनलाइन ट्रांजेक्शन में फ्रॉड की समस्या दूर होगी. साथ ही कार्ड के अंदर का डिटेल भी लीक नहीं होगा.
कौन कर सकता है टोकेनाइजेशन: आरबीआई के मुताबिक, टोकनाइजेशन सिर्फ अधिकृत कार्ड नेटवर्क के जरिए ही किया जा सकता है. सभी अधिकृत संस्थाओं की सूची आरबीआई की वेबसाइट पर उपलब्ध है. इस सेवा का लाभ उठाने के लिए ग्राहक को कोई शुल्क नहीं देना होगा.
कैसे जनरेट करे टोकन
किसी भी ई-कॉमर्स मर्चेन्ट वेबसाइट या ऐप लॉग इन करें.
इसके साथ अपना कार्ड चुन लें. साथ ही कार्ड का विवरण भर दें.
इसके बाद क्रेडिट और डेबिट कार्ड का डिटेल भरें.
फिर अपने कार्ड को सिक्योर करें.
इसके बाद आरबीआई दिशानिर्देशों के अनुसार अपने कार्ड को सुरक्षित करें के विकल्प चुनें.
अब आपके पास एक ओटीपी आएगा, जिसे आपको फिल करना होगा.
इसके बाद क्रिएट पर क्लिक करें. इसके साथ ही आपके कार्ड का डेटा अब एक टोकन के रूप में बदल जाएगा.
इसके बाद जब भुगतान करने के लिए जब आप उसी बेवसाइट या प्लेटफार्म पर जाते हैं तो सेव (Save) किए गए कार्ड के लास्ट 4 डिजिट दिखाई देते हैं. या यू कहें कि यही आपका टोकन होगा.
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