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Nirav Modi Case: भारत प्रत्यर्पित होने पर नीरव मोदी कर सकता है आत्महत्या? लंदन की अदालत ने सुनी दलीलें

नीरव मोदी को भारत प्रत्यर्पित किये जाने की स्थिति में उसके आत्महत्या करने के खतरे के स्तर का पता लगाने के लिए लंदन हाईकोर्ट ने मनोविज्ञान के दो एक्सपर्ट्स के तर्क सुने. कोर्ट यह जानना चाहता है कि अगर नीरव मोदी को भारत को सौंपा गया, तो क्या वह आत्महत्या कर सकता है?

Nirav Modi PNB Scam Case: दो अरब डॉलर के पंजाब नेशनल बैंक घोटाले (PNB Scam) के आरोपी, भगोड़ा नीरव मोदी (Nirav Modi) ने अपने भारत प्रत्यर्पण को लेकर आत्महत्या का खतरा जताया है. नीरव मोदी को भारत प्रत्यर्पित किये जाने की स्थिति में उसके आत्महत्या करने के खतरे के स्तर का पता लगाने के लिए मंगलवार, 11 अक्टूबर को लंदन हाईकोर्ट ने मनोविज्ञान के दो एक्सपर्ट्स के तर्क सुने. दरअसल, कोर्ट यह जानना चाहता है कि अगर नीरव मोदी को भारत को सौंपा गया, तो क्या वह आत्महत्या कर सकता है?

एक्सपर्ट्स ने कोर्ट के समक्ष रखीं दलीलें

51 वर्षीय हीरा कारोबारी नीरव मोदी की अपीलों पर अंतिम चरण की सुनवाई में लॉर्ड जस्टिस जेरेमी स्टुअर्ट स्मिथ और जस्टिस रॉबर्ट जे ने प्रत्यर्पण के खिलाफ एक्सपर्ट्स की दलीलें सुनीं. कार्डिफ विश्वविद्यालय में फोरेंसिक मनोविज्ञान के प्रोफेसर एंड्रयू फॉरेस्टर और ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में फोरेंसिक मनोविज्ञान की प्रोफेसर सीना फजेल ने दलीलें रखी. सुनवाई के दौरान नीरव की मां की आत्महत्या के मामले का भी जिक्र किया गया.

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खुद को जानलेवा नुकसान पहुंचाने की सोचता है

दोनों एक्सपर्ट्स ने नीरव मोदी के डिप्रेशन के स्तर का आकलन किया, जिससे आत्महत्या का पर्याप्त या उच्च जोखिम हो सकता है. उसने विशेषज्ञों को बताया कि वह प्रत्यर्पित किये जाने की स्थिति में केवल खुद को जानलेवा नुकसान पहुंचाने या फांसी पर लटकने की सोचता है. दोनों ने दक्षिण-पश्चिम लंदन के वैंड्सवर्थ जेल में बंद नीरव मोदी का पर्सनल असेसमेंट किया है. नीरव तीन साल से ज्यादा समय से इस जेल में बंद है.

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