PF को लेकर मोदी सरकार ने दी बड़ी राहत, जानिए क्या हैं शर्तें
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को राहत पैकेज की ब्लूप्रिंट पेश किया. सीतारमण ने बताया कि 15000 से कम कमाने वाले कर्मचारियों को राहत देते हुए उनका ईपीएफ सरकार खुद भरेगी. वित्त मंत्री के इस ऐलान से तकरीबन 72 लाख कर्मचारियों को फायदा होगा.
नयी दिल्ली : केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को राहत पैकेज की ब्लूप्रिंट पेश किया. सीतारमण ने बताया कि 15000 से कम कमाने वाले कर्मचारियों को राहत देते हुए उनका ईपीएफ सरकार खुद भरेगी. वित्त मंत्री के इस ऐलान से तकरीबन 72 लाख कर्मचारियों को फायदा होगा.
पीएम द्वारा घोषित 20 लाख करोड़ की राहत पैकेज के ब्लूप्रिंट बताते हुए निर्मला सीतारमण ने बताया कि अगस्त तक15 हजार से कम कमाने वाले लोगों की ईपीएफ केंद्र सरकार भरेगी. यानी इन लोगों के ईपीएफ नहीं भरना पड़ेगा. उन्होंने कहा कि 15 हजार रुपये से कम सैलरी वालों को सरकारी सहायता मिलेगी. सैलरी का 24 फीसदी सरकार पीएफ में जमा करेगी. इसके लिए सरकार की ओर से 2,500 करोड़ की मदद दी जा रही है. 72 लाख कर्मचारियों को इसका लाभ मिलेगा. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा पीएफ कॉन्ट्रीब्यूशन अगले तीन महीनों के लिए घटाया जा रहा है. यह कदम नियोक्ताओं के लिए उठाया गया है. पीएसयू को 12 फीसदी ही देना होगा. पीएसयू पीएफ का 12 फीसदी ही देंगे लेकिन कर्मचारियों को 10 फीसदी पीएफ देना होगा.
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इसकेे अलावा वित्त मंत्री ने कहा कि अब कंपनियों को 12 प्रतिशत के बजाय 10 प्रतिशत राशि ही ईपीएफ में जमा करना होगा. वित्त मंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज में एक सुविधा दी गई थी कि 12-12% EPF कर्मचारी और नौकरी देने वाले को भारत सरकार देगी. ये पहले तीन महीनों के लिए किया गया था, जिसे बढ़ाकर अब अगस्त तक किया जा रहा है.
72 लाख को फायदा- इस घोषणा से देश के 7222000 लोगों को लाभ मिलेगा. वित्त मंत्री ने कहा कि 3,67,000 ऐसी संस्थाओं के 72,22,000 ऐसे कर्मचारियों को इसका लाभ मिलेगा. इनको कुल मिलाकर 2500 करोड़ का लाभ मिलेगा.
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने कोरोना वायरस महामारी में गरीबों और जरूरतमंदों की मदद के लिए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना (PMGKY) की शुरूआत 26 मार्च को की थी. इसके तहत ईपीएफ योजना से कर्मचारियों को पैसा निकालने की अनुमति देने की घोषणा की गई और तत्काल अधिसूचना जारी की गई.
इसमें कर्मचारियों की कोरोना संकट से पार पाने में मदद के लिए अपने भविष्य निधि खाते में से तीन महीने का मूल वेतन या ईपीएफ खाते में जमा राशि का 75 फीसदी, जो भी कम हो, निकालने की अनुमति दी गई है. अंशधारकों को इन पैसों को लौटाने की जरूरत नहीं है.
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