नई दिल्ली : अडाणी ग्रुप संकट पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को कहा कि भारत का वित्तीय क्षेत्र बहुत अच्छी तरह से विनियमित है. एक टीवी चैनल को दिए साक्षात्कार में उन्होंने कहा कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि वैश्विक स्तर पर कितनी भी बात की जाए. यह इस बात के संकेत नहीं कि भारतीय कितने अच्छे हैं. वित्तीय बाजारों को अच्छी तरह से नियंत्रित किया गया है. एसबीआई और एलआईसी के बयानों का हवाला देते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि अडानी समूह के शेयरों में उनका निवेश अनुमत सीमा के भीतर बहुत अच्छी तरह से है और मूल्यांकन गिरने के बावजूद वे अभी भी लाभ से अधिक हैं.
समाचार चैनल न्यूज 18 को दिए साक्षात्कार में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि एसबीआई और एलआईसी के चेयरमैन और सीएमडी इस पर विस्तार से बयान दे चुके हैं. उन्होंने कहा है कि अडाणी ग्रुप में उनका निवेश सीमित है और निर्धारित सीमा के अंदर निवेश किया गया है. उन्होंने कहा कि अडाणी ग्रुप के शेयरों में निवेश से एसबीआई और एलआई को अभी तक मुनाफा ही हुआ है. बाजार विनियामक अच्छी तरह से काम कर रहे हैं. भारतीय शेयर बाजार पर निवेशकों का भरोसा बढ़ रहा है.
विदेशी निवेशकों के भारतीय शेयर बाजार पर रुख के बारे में निर्मला सीतारमण ने कहा कि निवेशकों के व्यवहार में बदलाव आना सामान्य सी बात है. भारतीय बैंकिंग सेक्टर की स्थिति मजबूत है और बैंकों का एनपीए घट रहा है और भारत के बैंक तेजी से विकास कर रहे हैं. सरकारी बैंकों के निजीकरण पर उन्होंने कहा कि इसकी प्रक्रिया जारी है. भारतीय बैंकिंग सेक्टर कंफर्टेबल स्थिति में है. उन्हें बाजार से अच्छा पैसा मिल रहा है.
उधर, समाचार एजेंसी भाषा से वित्त सचिव टीवी सोमनाथन ने शुक्रवार को कहा कि अडाणी ग्रुप के शेयरों में भारी गिरावट से शेयर बाजार में मची आपाधापी वृहद-आर्थिक नजरिये से ‘चाय के प्याले में उठा तूफान’ भर है. ‘चाय के प्याले में उठा तूफान’ एक मुहावरा है, जिसका मतलब है कि ऐेसे मामले को लेकर गुस्सा और चिंता दिखाना, जो महत्वपूर्ण नहीं है. वित्त मंत्रालय के सबसे वरिष्ठ अधिकारी सोमनाथन ने कहा कि भारत की सार्वजनिक वित्तीय प्रणाली काफी मजबूत है और शेयर बाजार की उठापटक सरकार की चिंता का विषय नहीं है. उन्होंने कहा कि इस बारे में जरूरी कदम उठाने के लिए स्वतंत्र नियामक मौजूद हैं.
वहीं, देश के सबसे बड़े कर्जदाता भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के चेयरमैन दिनेश खारा ने शुक्रवार को एसबीआई के कुल कर्ज में अडाणी ग्रुप का हिस्सा केवल 0.9 फीसदी है. उन्होंने कहा कि अडाणी ग्रुप द्वारा ऋण प्रतिबद्धताएं पूरी करने को लेकर हमें किसी चुनौती नहीं दिखती. ग्रुप को शेयरों के बदले कोई कर्ज नहीं दिया गया.
Also Read: अडाणी ग्रुप की रेटिंग पर तत्काल कोई प्रभाव नहीं, अडाणी एंटरप्राइजेज का शेयर 52 हफ्ते के निचले स्तर पर
जम्मू एंड कश्मीर (जेके) बैंक ने शुक्रवार को कहा है कि अडाणी ग्रुप को दिया गया उसका कर्ज सुरक्षित है और बैंक के निवेशकों को चिंता करने की जरूरत नहीं है. जेके बैंक के उप महाप्रबंधक निशिकांत शर्मा ने कहा कि जेके बैंक ने महाराष्ट्र और गुजरात के मुंद्रा में दो तापीय बिजली संयंत्रों के लिए अडाणी समूह को 400 करोड़ रुपये कर्ज दिया है. उन्होंने कहा कि हमने 10 साल पहले दोनों परियोजनाओं के लिए 400 करोड़ रुपये का कर्ज दिया था, जो अब 240 से 250 करोड़ रुपये रह गया है. भुगतान नियमित रूप से हो रहे हैं और दोनों संयंत्र बिजली खरीद समझौतों के साथ संचालित हैं. अडाणी के खाते से एक पैसा भी बकाया नहीं है.
Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.