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निर्मला सीतारमण की बैठक: बजट में टैक्स इन्सेंटिव देने और विसंगतियां दूर करने का सुझाव

Budget: मुथूट ग्रुप के प्रबंध निदेशक जॉर्ज अलेक्जेंडर मुथूट के अनुसार, कुछ कंपनियों ने बाजार को व्यापक बनाने और कुछ टैक्स इन्सेंटिव दिये जाने की वकालत की. रमन अग्रवाल ने कहा कि एनबीएफसी ने सामूहिक रूप से दिये जाने वाले कर्ज और सेवा शुल्क पर जीएसटी को लेकर स्पष्टता की मांग की.

Budget: वित्त वर्ष 2024-25 के लिए पूर्ण बजट पेश करने के लिए सरकार की तैयारियों जोर-शोर से चल रही हैं. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अर्थशास्त्रियों, कंपनियों और उद्योगपतियों के साथ बजटपूर्व चर्चा के दौरान सुझाव मांग रही हैं. इस चर्चा में शामिल होने वाले वित्तीय और पूंजी बाजार क्षेत्र विशेषज्ञों ने गुरुवार को बाजार को व्यापक बनाने के लिए पूर्ण बजट में टैक्स इन्सेंटिव देने और विसंगतियां दूर करने की वकालत की है.

टैक्स पॉलिसी को स्थिर करने की जरूरत

वित्त मंत्रालय ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा है कि यह बजट पेश होने से पहले दूसरी परामर्श बैठक थी. इसमें आगामी आम बजट 2024-25 के संबंध में वित्तीय और पूंजी बाजार क्षेत्र के विशेषज्ञों ने भाग लिया. वित्त वर्ष 2024-25 का पूर्ण बजट जुलाई के आखिरी हफ्ते में संसद में पेश किये जाने की उम्मीद है. वित्त मंत्री के साथ दो घंटे की बैठक के बाद मॉर्गन स्टेनली इंडिया कंपनी के प्रबंध निदेशक और क्षेत्रीय प्रमुख (कंट्री हेड) अरुण कोहली ने कहा कि टैक्स पॉलिसी को स्थिर और दीर्घकालिक बनाए जाने की जरूरत है. विशेषज्ञों ने पूंजीगत लाभ कर और प्रतिभूति लेनदेन कर पर भी अपने सुझाव दिये.

टैक्स इन्सेंटिव दिये जाने की वकालत

मुथूट ग्रुप के प्रबंध निदेशक जॉर्ज अलेक्जेंडर मुथूट के अनुसार, कुछ कंपनियों ने बाजार को व्यापक बनाने और कुछ टैक्स इन्सेंटिव दिये जाने की वकालत की. एफआईडीसी के निदेशक रमन अग्रवाल ने कहा कि हमने सुझाव दिया है कि चूंकि एनबीएफसी लोन में वृद्धि हुई है और आरबीआई ने बैंकों पर अत्यधिक निर्भरता को लेकर चिंता जताई है. इसलिए एनबीएफसी के पुनर्वित्त के लिए सिडबी और नाबार्ड से धन का आवंटन बढ़ सकता है.

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कर्ज और सेवा शुल्क पर जीएसटी में स्पष्टता की मांग

रमन अग्रवाल ने कहा कि एनबीएफसी (गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों) ने सामूहिक रूप से दिये जाने वाले कर्ज और सेवा शुल्क पर जीएसटी को लेकर स्पष्टता की मांग की. उन्होंने कहा कि परिसंपत्ति प्रबंधन कंपनियों ने गिफ्ट सिटी से जुड़े मुद्दों और देश के भीतर पूंजी बनाए रखने के तरीकों पर भी चर्चा की.

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