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Cryptocurrency: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, रेगुलेटरी फ्रेमवर्क बनाने पर काम करेगा भारत

निर्मला सीतारमण ने कहा, यह (क्रिप्टो) भी भारत के लिए (जी20 अध्यक्षता के दौरान) एजेंडा होगा. जी20 की भारत की अध्यक्षता एक दिसंबर 2022 से शुरू होकर 30 नवंबर 2023 तक चलेगी.

By Agency | October 16, 2022 1:09 PM

Nirmala Sitharaman on Cryptocurrency : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि भारत अगले वर्ष जी20 की अपनी अध्यक्षता के दौरान क्रिप्टोकरंसी के लिए मानक संचालन प्रक्रियाएं (एसओपी) विकसित करने का लक्ष्य लेकर चल रहा है. उन्होंने रेखांकित किया कि प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल तो करना चाहते हैं लेकिन इसका दुरुपयोग नहीं चाहते.

अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) और विश्व बैंक की सालाना बैठकों में शामिल होने के लिए यहां आईं सीतारमण ने भारतीय संवाददाताओं के एक समूह से कहा, यह (क्रिप्टो) भी भारत के लिए (जी20 अध्यक्षता के दौरान) एजेंडा होगा. जी20 की भारत की अध्यक्षता एक दिसंबर 2022 से शुरू होकर 30 नवंबर 2023 तक चलेगी. इस दौरान भारत 200 से अधिक जी20 बैठकों की मेजबानी करेगा.

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सीतारमण धन शोधन और आतंक के वित्तपोषण के जोखिमों से निपटने के लिए क्रिप्टोकरंसी के वैश्विक स्तर पर नियमन के लिए प्रयास कर रही हैं. उन्होंने कहा कि जो भी संस्थान जी20, विश्वबैंक या ऐसे किसी भी संगठनों से जुड़े हैं वे क्रिप्टोकरंसी या क्रिप्टो परिसंपत्तियों से जुड़े मामलों में अपने आकलन और अध्ययन कर रहे हैं.

वित्त मंत्री ने कहा, हम निश्चित रूप से इन सबका मिलान करके अध्ययन करना चाहते हैं और फिर इसे जी20 की मेज पर लाना चाहते हैं ताकि सदस्य इस पर चर्चा कर सकें और एक रूपरेखा या एसओपी पर पहुंचें, ताकि विश्व स्तर पर देशों के पास प्रौद्योगिकी संचालित नियामक ढांचा हो.

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सीतारमण ने कहा कि कोई भी देश अपने स्तर पर क्रिप्टो का किसी भी रूप में नियमन नहीं कर सकता है. उन्होंने कहा, जी20 के कई सदस्य देशों ने धन के आवागमन, धन शोधन, ड्रग कारोबार आदि को लेकर चिंता जतायी है. सब यह मानते हैं कि किसी तरह के नियमन की जरूरत है और सब देशों को इस पर एक साथ आना होगा क्योंकि कोई एक देश अकेला इसे नहीं संभाल सकता. तब जाकर हम कुछ कर पाएंगे.

भारतीय रिजर्व बैंक भी क्रिप्टोकरंसी को लेकर अपनी ओर से चिंता व्यक्त कर चुका है. वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि विश्व बैंक के अध्यक्ष डेविड मालपास ने भारत के डिजिटलीकरण के सफल प्रयासों को दुनिया के अन्य देशों तक पहुंचाने के लिए भारत के साथ मिलकर काम करने की पेशकश की है, ताकि अन्य देशों को भी इसका लाभ मिल सके.

सीतारमण ने कहा कि भारत से यह अनुरोध किया गया जो दिखाता है कि भारतीय लोगों ने किस तरह डिजिटल एप्लिकेशन को अपना लिया है. उन्होंने कहा- दरअसल, विश्व बैंक के अध्यक्ष डेविड मालपास के साथ मेरी बैठक हुई जिसमें उन्होंने कहा कि अब आपको यह दिखाना चाहिए कि भारत में डिजिटल एप्लिकेशन ने कितनी गहरी पैठ बना ली है और किस तरह आम लोगों ने इसे स्वीकार कर लिया है.

वित्त मंत्री ने बताया कि मालपास ने उनसे यह कहा है कि भारत के डिजिटलीकरण कदमों को दुनिया के अन्य हिस्सों तक पहुंचाने के लिए विश्व बैंक की तरफ से भारत के साथ मिलकर काम करने में उन्हें खुशी होगी.

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