नई दिल्ली : नीति आयोग (NITI Ayog) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) अमिताभ कांत ने भारत के नागरिकों की पहचान के लिए भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) द्वारा जारी होने वाले आधार नंबर को सरकार की कल्याणकारी योजनाओं के लिए ‘आधार’ बताया है. उन्होंने कहा कि इसके जरिए सरकार को दो लाख करोड़ रुपये अधिक की राशि बचत करने में मदद मिली है. उन्होंने कहा कि इस आधार के जरिए असली और नकली की पहचान करने में काफी मदद मिली है.
भारत की राजधानी दिल्ली में आधार पर आयोजित एक कार्यशाला को संबोधित करते हुए नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमिताभ कांत ने कहा कि आधार इन दिनों सरकारी कल्याण योजनाओं का मुख्य आधार बन गया है. इसके जरिए बिना किसी हस्तक्षेप या बिचौलियों के तेजी से लाभ को ट्रांसफर किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि इसके जरिए सरकार की एक बड़ी राशि की बचत हुई है. अमिताभ कांत आधार के इस्तेमाल को सरल बनाने के लिए हालिया पहल पर आयोजित कार्यशाला में हिस्सा ले रहे थे.
नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने कहा कि सरकार की करीब 315 केंद्रीय योजनाएं और 500 राज्य योजनाएं के प्रभावी वितरण को सुनिश्चित करने के लिए आधार एक सबसे आसान तरीका बना. इसके जरिए वास्तविक और जरूरतमंदों तक सरकार की योजनाओं का लाभ पहुंचा है. उन्होंने कहा कि आधार के जरिए बिना किसी रुकावट और बिचौलियों के तेजी से योजनाओं का लाभ आम जनता तक पहुंच रहा है. इसके साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि इससे सरकार को करीब 2.22 लाख करोड़ रुपये की बचत भी हुई है.
गौरतलब है कि भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) द्वारा भारत के नागरिकों की पहचान के लिए 12 अंकों वाला आधार नंबर जारी किया जाता है. भारत का कोई भी निवासी अपनी पहचान के लिए आधार नंबर प्राप्त करने की खातिर आवेदन कर सकता है, चाहे वह किसी किसी भी उम्र, लिंग, जाति या धर्म का ही क्यों हो. आधार में नामांकन के लिए बायोमेट्रिक जानकारियां दी जाती हैं. यही 12 अंकों वाला नंबर भारत के नागरिकों की पहचान बताता है. यहां पर नागरिकों की पहचान नाम से नहीं, बल्कि नंबरों से होता है.
Also Read: Aadhaar Card Update: अब बिना रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर के भी डाउनलोड कर सकेंगे आधार, यहां जानिए प्रोसेस
आधार नंबर ऑनलाइन और आसानी से सत्यापित किया जा सकता है. यह डुप्लीकेट और नकली पहचान को खत्म करने के लिए अद्वितीय और मजबूत प्रणाली होने के साथ ही प्रभावी सेवा वितरण के लिए कई सरकारी कल्याण योजनाओं और कार्यक्रमों को शुरू करने के लिए प्राथमिक पहचानकर्ता के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है. इससे पारदर्शिता और सुशासन को बढ़ावा मिलता है. यह विश्व स्तर पर अपनी तरह का एकमात्र कार्यक्रम है, जिसमें लोगों को इतने बड़े पैमाने पर एक अत्याधुनिक डिजिटल और ऑनलाइन आईडी मुफ्त प्रदान की जा रही है और इसमें सेवा वितरण कार्यों के तरीके को बदलने की क्षमता है.
Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.