डिजिटल लेनदेन पर अब नहीं देना होगा कोई चार्ज, 1 जनवरी के बाद अगर कटा है पैसा तो मिलेगा रिफंड
charge on digital payment, UPI payment charge, private banks charges on digital payment, mdr charges कोरोना संकट के बीच केंद्र की मोदी सरकार ने लोगों को बड़ी राहत दी है. अब यूपीआई समेत डिजिटल लेनदेन में कोई भी अतिरिक्त चार्ज नहीं देना होगा. बड़ी बात है कि अगर आपका लेनदेन के दौरान चार्ज कटा भी है तो रिफंड भी हो जाएगा.
नयी दिल्ली : कोरोना संकट के बीच केंद्र की मोदी सरकार ने लोगों को बड़ी राहत दी है. अब यूपीआई समेत डिजिटल लेनदेन में कोई भी अतिरिक्त चार्ज नहीं देना होगा. बड़ी बात है कि अगर आपका लेनदेन के दौरान चार्ज कटा भी है तो रिफंड भी हो जाएगा.
रविवार को केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने इस बारे में बैंकों को निर्देश भी दे दिया है. मालूम हो केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने पिछले साल दिसंबर में ही एक सर्कुलर जारी कर बताया था कि 1 जनवरी 2020 से डिजिटल पेमेंट पर मर्चेंट डिस्काउंट रेट्स समेत कोई अन्य चार्ज नहीं वसूला जाएगा.
1 जनवरी 2020 के बाद डिजिटल लेनदेन में कटा चार्ज वापस करेंगे बैंक
1 जनवरी 2020 के बाद किसी भी ट्रांजैक्शन पर MDR चार्ज कटा है तो बैंक इसे ग्राहकों को रिफंड करेंगे. केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने बैंकों को इससे संबंधित निर्देश दे दिया है.
तो बैंकों पर होगी कार्रवाई
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने अपने जारी निर्देश में साफ कर दिया है कि अगर बैंक ग्राहकों से डिजिटल लेनदेन में कोई भी जार्च लेते हैं उसके खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है.
CBDT has issued Circular no. 16/2020 on 30th August, 2020 advising banks to immediately refund the charges collected, if any, on or after 1st January, 2020 on transactions carried out using the electronic modes prescribed under section 269SU of the Income-tax Act,1961.(1/2) pic.twitter.com/Dw0D5oVi8T
— Income Tax India (@IncomeTaxIndia) August 30, 2020
वित्त मंत्री बैंक प्रमुखों के साथ करेंगी बैठक
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण तीन सितंबर को बैंक और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) के प्रमुखों के साथ समीक्षा बैठक करेंगी. उनकी यह बैठक कोविड-19 से जुड़े वित्तीय दबाव के समाधान के लिये एक बारगी कर्ज पुनर्गठन योजना के क्रियान्वयन से पहले हो रही है. उनकी इस बैठक का मकसद योजना का सुचारू और तेजी से क्रियान्वयन सुनिश्चित करना है.
वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा, समीक्षा के दौरान इस बात पर गौर किया जाएगा कि आखिरकार किस तरह से कारोबारियों और लोगों को व्यवहार्यता के आधार पर पुनरुद्धार संबंधी व्यवस्था का सही ढंग से उपयोग करने में सक्षम बनाया जाए.
समीक्षा के दौरान विभिन्न आवश्यक कदमों जैसे कि बैंक नीतियों को अंतिम रूप देने और कर्जदारों की पहचान करने के साथ-साथ उन मुद्दों पर भी चर्चा की जाएगी जिन्हें सुचारू एवं शीघ्र कार्यान्वयन के लिए सुलझाना अत्यंत आवश्यक है.
Posted By – Arbind Kumar Mishra
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