GST Indirect Tax: केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और कस्टम बोर्ड (CBIC) ने बताया कि बीते दिनों ऐसी खबरें मीडिया में छपी थी, जिसमें बताया गया था कि धार्मिक स्थलों से जुड़े विश्राम गृहों और सरायों पर सरकार ने जीएसटी लगा दिया है. हालांकि ऐसा कुछ भी नहीं है, ये गलत बातें हैं. उन्होंने यह साफ किया कि धार्मिक स्थलों से जुड़े सरायों या विश्राम गृहों में कमरा किराए पर लेने पर पहले की तरह जीएसटी से छूट जारी है.
केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) ने इसको लेकर कई ट्वीट किए. जिसमें कहा, ”मीडिया और सोशल मीडिया के कुछ वर्ग यह संदेश फैला रहे हैं कि जीएसटी हाल ही में 18 जुलाई, 2022 से लागू किया गया है, यहां तककि धार्मिक/धर्मार्थ ट्रस्टों की ओर से संचालित सराय पर भी. यह सच नहीं है.”
ट्वीट में आगे कहा गया है, जीएसटी काउंसिल की चंडीगढ़ में हुई 47वीं बैठक में जो फैसला लिया गया, उसके मुताबिक “होटल आवास” पर प्रति दिन 1,000 रुपये तक के कमरे के किराए पर जीएसटी छूट वापस ले ली गई है, और अब 12 प्रतिशत कर लगाया गया है. हालांकि बोर्ड के मुताबिक यह फैसला किसी धार्मिक स्थल से जुड़े विश्राम गृह पर लागू नहीं होता है.
केंद्र सरकार की ओर से यह स्पष्टीकरण राज्यसभा सदस्य चड्ढा की ओर से गुरुवार को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मुलाकात के बाद ऐसे आवासों पर जीएसटी को वापस लेने की मांग के बाद आया. जिसमें अमृतसर में पवित्र श्री हरमंदिर साहिब के भक्तों के लिए सराय भी शामिल है. ऐसे सरायों पर जीएसटी लगाने पर चर्चा करने के लिए चड्ढा ने बुधवार को राज्यसभा में कामकाज को स्थगित करने का नोटिस दिया था.
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एक अन्य ट्वीट में, सीबीआईसी ने कहा, “हालांकि, एक और छूट है, जो एक धर्मार्थ या धार्मिक ट्रस्ट की ओर से धार्मिक परिसर में कमरे किराए पर लेने से छूट देती है. जहां कमरे के लिए चार्ज की गई राशि 1000/- प्रति दिन से कम हो. यह छूट बिना किसी बदलाव के लागू है.” अमृतसर में श्री गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की ओर से चलाए जा रहे 3 सरायों ने 18 जुलाई से जीएसटी का भुगतान शुरू कर दिया है. इनमें गुरु गोविंद सिंह एनआरआई निवास, बाबा दीप सिंह निवास और माता भाग कौर निवास शामिल हैं.
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