क्या मोदी सरकार ईपीएफ ब्याज दर पर पुनर्विचार करेगी ? जानें क्या मिला जवाब
मोदी सरकार के मंत्री ने कहा कि यह ब्याज दर ईपीएफ द्वारा अपने निवेश से प्राप्त आय पर निर्भर है और ऐसी आय को केवल ईपीएफ योजना, 1952 के अनुसार ही वितरित किया जाता है. सीबीटी व ईपीएफ ने ईपीएफ पर 2021-22 की खातिर 8.10 प्रतिशत ब्याज दर की सिफारिश की थी जिसे सरकार द्वारा मंजूर कर लिया गया है.
क्या ईपीएफ ब्याज दर पर पुनर्विचार का कोई प्रस्ताव मोदी सरकार के पास है ? इस संबंध में सवाल राज्यसभा में पूछा गया था. जिसका जवाब श्रम एवं रोजगार राज्य मंत्री रामेश्वर तेली ने दिया. उनसे सवाल किया गया था कि क्या सरकार ने वर्ष 2021-22 के लिए ईपीएफ जमाराशि पर ब्याज की दर 8.1 अनुमोदित की है ? और भी कुछ सवाल श्रम एवं रोजगार राज्य मंत्री से किये गये थे जो इस प्रकार है…
1. इसके चार दशकों में सबसे कम होने का कारण क्या है ?
2. क्या नौकरीपेशा वर्ग के लोगों द्वारा इसका विरोध किया गया ? क्योंकि ईपीएफ अक्सर सेवानिवृत्ति के लिए निधि की बचत करने का एक मात्र साधन होता है.
3. यदि हां…तो इसका ब्यौरा क्या है और क्या सरकार कर्मचारी भविष्य निधि जमा राशि पर ब्याज की दर को बढ़ाने पर पुनर्विचार करेगी. यदि नहीं तो इसका कारण क्या है ?
पुनर्विचार करने का कोई प्रस्ताव नहीं
केंद्र सरकार की ओर से इस वाल का जवाब संसद में दिया गया. जवाब में कहा गया कि वित्त वर्ष 2021-2022 के लिए कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) जमा के अनुमोदित ब्याज दर (8.10 प्रतिशत) पर पुनर्विचार करने का कोई प्रस्ताव नहीं है. श्रम एवं रोजगार राज्य मंत्री रामेश्वर तेली ने एक सवाल के लिखित जवाब में राज्यसभा को यह जानकारी उपलब्ध करायी. उनसे सवाल किया गया था कि क्या सरकार कर्मचारी भविष्य निधि जमा राशि पर ब्याज की दर को बढ़ाने पर पुनर्विचार करेगी.
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यथानिर्धारित दर पर प्रत्येक सदस्य के खाते में ब्याज जमा किया जाएगा
श्रम एवं रोजगार राज्य मंत्री रामेश्वर तेली ने सवाल के जवाब में कहा कि वर्ष 2021-2022 के लिए ईपीएफ जमा के अनुमोदित ब्याज दर (8.10 प्रतिशत) पर पुनर्विचार करने का कोई प्रस्ताव नहीं है. उन्होंने हालांकि कहा कि यह दर अन्य तुलनीय योजनाओं जैसे सामान्य भविष्य निधि (7.10 प्रतिशत), वरिष्ठ नागरिक बचत योजना (7.40 प्रतिशत) तथा सुकन्या समृद्धि खाता योजना (7.60 प्रतिशत) से अधिक है. आगे मंत्री की ओर से कहा गया कि ईपीएफ योजना, 1952 के अनुच्छेद 60(1) के अनुसार कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) केन्द्र सरकार द्वारा केंद्रीय न्यासी बोर्ड (सीबीटी) व ईपीएफ के परामर्श से यथानिर्धारित दर पर प्रत्येक सदस्य के खाते में ब्याज जमा करेगा.
मंत्री ने कहा कि यह ब्याज दर ईपीएफ द्वारा अपने निवेश से प्राप्त आय पर निर्भर है और ऐसी आय को केवल ईपीएफ योजना, 1952 के अनुसार ही वितरित किया जाता है. उन्होंने कहा कि सीबीटी व ईपीएफ ने ईपीएफ पर 2021-22 की खातिर 8.10 प्रतिशत ब्याज दर की सिफारिश की थी जिसे सरकार द्वारा मंजूर कर लिया गया है.
भाषा इनपुट के साथ
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