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RTGS से अब 24X7 कर सकेंगे फंड ट्रांसफर, RBI ने बदले नियम, जानें क्या है RTGS और किसे मिलेगा फायदा

RBI News 24X7 RTGS Timing Rules Change RTGS Fund Transfer मुंबई : भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने शुक्रवार को कहा कि बड़ी राशि के अंतरण के लिए भारत में आरटीजीएस (Real Time Gross Settlement) की सुविधा आगामी दिसंबर से चौबीसों घंटे शुरू कर दी जायेगी. इससे भारतीय वित्तीय बाजार को वैश्विक बाजारों के साथ एकीकृत करने के प्रयासों को मदद ​मिलेगी. आज खत्म हुई मौद्रिक नीति समिति (RBI MPC) की बैठक के बाद रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) ने यह जानकारी दी.

RBI News 24X7 RTGS Timing Rules Change RTGS Fund Transfer मुंबई : भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने शुक्रवार को कहा कि बड़ी राशि के अंतरण के लिए भारत में आरटीजीएस (Real Time Gross Settlement) की सुविधा आगामी दिसंबर से चौबीसों घंटे शुरू कर दी जायेगी. इससे भारतीय वित्तीय बाजार को वैश्विक बाजारों के साथ एकीकृत करने के प्रयासों को मदद ​मिलेगी. आज खत्म हुई मौद्रिक नीति समिति (RBI MPC) की बैठक के बाद रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) ने यह जानकारी दी.

आरबीआई की पुनर्गठित मौद्रिक नीति समिति की तीन दिवसीय पहली बैठक के बाद जारी समीक्षा रपट में कहा गया है, ‘भारत वैश्विक स्तर पर ऐसे ​गिने चुने देशों में होगा जहां 24 घंटे, सातो दिन, बारहों महीने बड़े मूल्य के भुगतानों के तत्काल निपटान की प्रणाली होगी. यह सुविधा दिसंबर 2020 से प्रभावी हो जाएगी.’

आरबीआई ने इससे पहले दिसंबर 2019 में एनईएफटी प्रणाली (National Electronic Fund Transfer System) को हर रोज चौबीसो घंटे खुला किया था। रपट के अनुसार एनईएफटी उस समय से चौबीसो घंटे सुचारु रूप से काम कर रही है. आरटीजीएस अभी केवल बैंकों के सभी कार्यदिवसों में (दूसरे और चौथे शनिवार को छोड़ कर) सुबह सात बजे से शाम छह बजे तक खुला रहता है.

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इनको होगा फायदा

आरबीआई ने कहा है कि आरटीजीएस के चौबीसो घंटे उपलब्ध होने से भारतीय वित्तीय बाजार को वैश्विक बाजार के साथ समन्वित करने के निरंतर जारी प्रयासों तथा भारत में अंतराष्ट्रीय वित्तीय केद्रों के विकास में की मदद होगी. इससे भारतीय कंपनियों और संस्थाओं को भुगतान में और आसानी होगी. रिजर्व बैंक ने जुलाई 2019 से एनईएफटी और आरटीजीएस के जरिये धन अंतरण पर शुल्क लेना बंद कर दिया था.

NEFT से ऐसे है अलग

देश में डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने के लिये यह कदम उठाया गया. आरटीजीएस के जरिये बड़ी राशि का त्वरित अंतरण किया जाता है जबकि एनईएफटी का इस्तेमाल दो लाख रुपये तक की राशि को भेजने के लिए किया जाता है. वहीं आरटीजीएस में कम से कम 2 लाख रूपये ट्रांसफर करने होंगे और अधिकतम कोई सीमा नहीं है. एनईएफटी में फंड दूसरे खाते में पहुंचने में थोड़ा समय लगता है, लेकिन आरटीजीएस में फंड तुरंत दूसरे के खाते में पहुंच जाता है.

Posted By: Amlesh Nandan.

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