अगर आप नियोक्ता हैं और आपको डिजिटल हस्ताक्षर का पंजीकरण कराने के लिए बार-बार कर्मचारी भविष्य निधि संगठन यानी ईपीएफओ के क्षेत्रीय कार्यालयों का चक्कर लगाना पड़ता है, तो अब आपको जल्द ही इससे छुटकारा मिलने वाला है या यूं कहें कि छुटकारा मिल गया है. इसके लिए अब आपको बस एक मेल के जरिये ईपीएफओ को आग्रह पत्र भेज देना है. आग्रह पत्र भेजने के बाद आपका डिजिटल हस्ताक्षर के पंजीकरण की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी.
नयी दिल्ली : देश में कोरोना वायरस महामारी (Coronavirus pandemic) की रोकथाम के लिए बीते 25 मार्च से तीन चरणों में अनवरत जारी लॉकडाउन के बीच कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने नियोक्ताओं (कंपनियों) को भी बड़ी राहत दी है. अब देश की कंपनियां ई-मेल (e-mail) के जरिये अपना डिजिटल हस्ताक्षर (Digital Signature) को पंजीकृत (Registered) करा सकती हैं. ईपीएफओ ने सभी नियोक्ताओं को अपने डिजिटल हस्ताक्षर ई-मेल के जरिये पंजीकृत करने की अनुमति दे दी है. कोरोना वायरस की वजह से लागू लॉकडाउन के मद्देनजर ईपीएफओ ने यह कदम उठाया है. इस बाबत श्रम मंत्रालय ने बुधवार को जानकारी दी. अभी नियोक्ताओं की ओर से अधिकृत व्यक्ति को ईपीएफओ के कार्यालय जाकर डिजिटल हस्ताक्षर पंजीकृत कराने होते हैं.
श्रम मंत्रालय की ओर से जारी किये गये बयान के अनुसार, राष्ट्रव्यापी बंद (Lockdown) और अन्य प्रकार की बंदिशों की वजह से कंपनियां ठीक से काम नहीं कर पा रही हैं और उन्हें ईपीएफओ पोर्टल पर डिजिटल हस्ताक्षर या आधार आधारित ई-हस्ताक्षर का इस्तेमाल करने में परेशानी हो रही है. नियोक्ता की ओर से अधिकृत व्यक्ति कई महत्वपूर्ण कार्य मसलन अपने ग्राहक को जानें (KYC) प्रमाणन, स्थानांतरण दावे के प्रमाणन आदि अपने डिजिटल हस्ताक्षर (DSC) या आधार आधारित ई-हस्ताक्षर का इस्तेमाल करते हैं. डीएससी या आधार आधारित ई हस्ताक्षर के इस्तेमाल के लिए ईपीएफओ के क्षेत्रीय कार्यालय से एक बार मंजूरी लेनी होती है.
श्रम मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि लॉकडाउन की वजह से पैदा हुई परिस्थितियों के मद्देनजर नियोक्ताओं को क्षेत्रीय कार्यालयों में एकबारगी पंजीकरण आग्रह भेजने में दिक्कत आ रही है. मंत्रालय ने कहा कि इस स्थिति को देखते हुए और अनुपालन की प्रक्रिया को और सुगम बनाने के लिए ईपीएफओ ने इस तरह के आग्रह ई-मेल के जरिये भी स्वीकार करने का फैसला किया है.
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