अब डिस्कॉम्स नहीं कर सकेंगी आंख-मिचौनी का खेल, रीयल टाइम मार्केट में महज 1 घंटे में मिलेगी बिजली, जानिए कैसे…
बिजली कटौती से होने वाली परेशानियों से जूझ रहे उपभोक्ताओं के लिए एक राहत भरी खबर है. बिजली वितरण कंपनियों (डिस्कॉम्स) का अब कटौती करके आंख-मिचौनी का खेल ज्यादा दिनों तक नहीं चल सकेगा.
नयी दिल्ली : बिजली कटौती से होने वाली परेशानियों से जूझ रहे उपभोक्ताओं के लिए एक राहत भरी खबर है. बिजली वितरण कंपनियों (डिस्कॉम्स) का अब कटौती करके आंख-मिचौनी का खेल ज्यादा दिनों तक नहीं चल सकेगा. अगर देश की डिस्कॉम्स ने चाहा, तो महानगरों से लेकर दूरस्थ के गांवों तक इसकी बिना किसी रुकावट के आपूर्ति की जा सकती है. इन कंपनियों की ओर से की जाने वाली मांग को पूरा करने के लिए इंडियन एनर्जी एक्सचेंज ने (आईईएक्स) ने रीयल टाइम मार्केट की शुरुआत की है.
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इस रीयल टाइम मार्केट में डिस्कॉम्स और थोक खरीदारों के लिए हरेक आधे-आधे घंटे पर बिजली की नीलामी की जा सकेगी और बिजली वितरण कंपनियां एक घंटे के अंदर अपनी जरूरत के हिसाब से बिजली की खरीद सकेंगी.
इसके जरिये डिस्कॉम्स केवल एक घंटे के अंदर बिजली की खरीद-फरोख्त कर सकती हैं. इतना ही नहीं, इस रीयल टाइम मार्केट से डिस्कॉम्स के अलावा, निजी उपयोग के लिए ऊर्जा लेने वाले थोक ग्राहक समेत अन्य उपभोक्ता आपूर्ति से ठीक एक घंटा पहले एक्सचेंज से बिजली खरीद सकेंगे.
इंडियन एनर्जी एक्सचेंज (आईएक्स) ने शेयर बाजार को दी सूचना में कहा कि बिजली की तुरंत खरीद-बिक्री का यह बाजार केंद्रीय विद्युत विनियामक आयोग (सीईआरसी) के प्रयास का नतीजा है.
इससे बिजली बाजार में तेजी आएगी और इस बाजार में हरेक आधे-आधे घंटे पर नीलामी के जरिये बिजली का कारोबार होगा. आईएएक्स के अनुसार, पूरे दिन में 48 नीलामी सत्र होंगे. बोली सत्र समाप्त होने एक घंटे के भीतर बिजली की डिलिवरी होगी.
आईईएक्स लिमिटेड के मुख्य कार्यपालक अधिकारी और प्रबंध निदेशक राजीव श्रीवास्तव ने कहा कि इस आरटीएम से देश का ऊर्जा बाजार विद्युत कारोबार के वैश्विक मानकों की ओर बढ़ रहा है. यह बिजली कंपनियों के लिए ग्रिड में उतार-चढ़ाव के मामले में निर्भरता में कमी लाने में मदद करेगा.
श्रीवास्तव ने कहा कि इस बाजार का मुख्य उद्देश्य बिजली वितरण कंपनियों को अपनी बिजली मांग को बेहतरी तरीके से प्रबंधित करने, उतार-चढ़ाव की स्थिति में जुर्माने से बचाव और नवीकरणीय ऊर्जा के बेहतर तरीके से एकीकरण की अनुमति देता है. उन्होंने कहा कि इस नये बाजार से बिजली क्षेत्र में लचीलापन, प्रतिस्पर्धा और दक्षता को बढ़ावा मिलेगा और जो उभरती जरूरतें हैं, वे पूरी होंगी.
Posted By : Vishwat Sen
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